क्या अब साथ साथ होंगे कांग्रेस और बीजेपी के गांधी

वरूण गांधी का टिकट पीलीभीत से क्या कटा सियासी गलियारों में तमाम तरह के सवाल खड़े हो गए। सियासत में इस बात की फुसफुसाहट है कि क्या वरूण गांधी पार्टी का फैसला चुपचाप कबूल कर लेंगे या कोई बड़ा राजनैतिक फैसला करेंगे।

वरूण गांधी का टिकट पीलीभीत से क्या कटा सियासी गलियारों में तमाम तरह के सवाल खड़े हो गए। सियासत में इस बात की फुसफुसाहट है कि क्या वरूण गांधी पार्टी का फैसला चुपचाप कबूल कर लेंगे या कोई बड़ा राजनैतिक फैसला करेंगे।

क्यों काटा वरूण का टिकट
पीलीभीत वरूण गांधी की परंपरागत सीट है। इस सीट से उनकीं मां तकरीबन छह बार सांसद रहीं है तो खुद वरूण गांधी भी इस सीट से दो बार सासंद रह चुके हैं. लेकिन इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया। वरूण गांधी को टिकट काटकर पीलीभीत से जतिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। माना जा रहा है कि वरूण गांधी के टिकट काटने के पीछे की वजह वो बयान जो उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ दिए हैं।
गौर करने की बात ये है कि वरूण गांधी का टिकट तो पार्टी ने काट लिया लेकिन उनकी मां मेनिका गांधी को सुलत्नापुर से टिकट मिल गया है। यही वजह है कि अब राजनैतिक गलियारों में इसी बात की चर्चा है कि वरूण क्या करेंगे।

क्या कांग्रेस में जाऐंगे वरूण गांधी
अब सवाल ये है कि क्या वरूण गांधी कांग्रेस ज्वाइन करेंगे । अधीर रंजन चौधरी के खुले आफर के बाद अब इसी बात को लेकर अटकले है कि क्या वरूण कांग्रेस ज्वाइन करेंगे। क्या वरूण गांधी अपने भाई के साथ राहुल गांधी के साथ जाऐंगे। क्या दोनों भाई मिलकर कांग्रेस को मजबूत करेंगे। या फिर वरूण गांधी अपनी मां के प्रचार में चुपचाप जुटे रहेंगे और सही वक्त का इंतजार करेंगे।

कांग्रेस ने दिया है आफर
बीजेपी के पीलीभीत से जतिन प्रसाद को उम्मीदवारी दिए जाने के बाद कांग्रेस इस मौके को कैश कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। कांग्रेस ने वरूण गांधी को आफर दे दिया और सवाल यह
है कि क्या वरूण गांधी दशकों पुरानी सियासी दुश्मनी को भूलकर राहुल गांधी के खेमें में दिखाई देंगे। क्या राहुल गांधी भी वरूण का स्वागत करने को तैयार है और अगर ऐसा होता है तो आमचुनाव 2024 का ये सबसे बड़ा राजनैतिक घटनाक्रम होगा।

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