लोकसभा चुनाव 2024: I.N.D.I.A गठबंधन में सीट शेयरिंग पर रार, मर्जी से टिकट बांट रहे लालू यादव से कांग्रेस खफा..यूपी में क्यों है परेशान सपा

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लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद से ही सियासी दलों की सक्रियता तेजी से बढ़ गई है। मौसम के साथ ही चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। सीट शेयरिंग को लेकर इंडिया गठबंधन में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। आज हम बात करेंगे महाराष्ट्र, बिहार, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल की जहां लोकसभा की 210 सीटें हैं।

बात करें बिहार की तो लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे देश की नजर बिहार पर रहती है। क्योंकि संभावित सरकार के सियासी जोड़तोड़ में नफा-नुकसान यह बिहार ही तय करता रहा है। इस बार भी चुनाव में बिहार 40 सीटों पर सभी दलों की नजर टिकी हुई है। यहां बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों का तालमेल हो चुका है, लेकिन विपक्षी महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर तनाव बरकरार है। बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के टिकट वितरण से कांग्रेस नाराज है। लगता है माने लालू यादव बिहार में बीजेपी की बी टीम बनकर काम कर रहे हैंं। पार्टी सूत्रों की मानें तो आरजेडी अभी भी बिहार में कांग्रेस को 5 — 6 सीट से अधिक सीटें देने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व राजद द्वारा ठगा हुआ महसूस कर रहा है। इस बात से भी परेशान है कि राजद एकतरफा उम्मीदवारों की घोषणा कर रहा है। सूत्रों का यह भी कहना है कि कुछ सीटें जिन्हें लालू यादव कांग्रेस को देने पर विचार करने को तैयार दिख रहे हैं यह भी कांग्रेस की मजबूत सीट नहीं हैं। जहां कांग्रेस ने पिछली बार अच्छा प्रदर्शन किया था।

यूपी में अखिलेश यादव की नई परेशानी

लोकसभा की 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को कांटे की टक्कर देने की सोच रखने के बावजूद इंडिया गठबंधन के छोटे दल अभी तक अपनी भूमिका तलाश रहे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा बनाए गए पीडीए में शामिल अपना दल (कमेरावादी) को मिर्जापुर सीट मिलने की चर्चाएं तो हैं, लेकिन अभी तक इसकी घोषणा नहीं की गई है। वहीं समाजवादी पार्टी में भी टिकट बंटवारे को लेकर अंदरुनी खिंतचान मची हुई है। अखिलेश यादव को बार बार प्रत्याशियों के टिकट बदलना पड़ रहा है।

मुरादाबाद और रामपुर में हुआ पर्दे के पीछे खेल

अखिर अखिलेश यादव क्यों हैं कंफ्यूज ?

रामपुर सीट पर भी हालात ठीक नहीं

कन्नौज लोकसभा सीट पर भी असमंजस में अखिलेश

लोकसभा की 42 सीट वाले पश्चिम बंगाल में भी महागठबंधन के लिए सबकुछ ठीकठाक नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस और वाम मोर्चे ने पश्चिम बंगाल की कूचबिहार लोकसभा सीट के लिए अपने-अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। इसे राज्य में I.N.D.I.A. गठबंधन के दोनों सहयोगियों के बीच लोकसभा चुनाव से पहले समझौते की कोशिशों को झटका माना जा रहा है। वाम मोर्चा ने इस सीट पर ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक से नीतीश चंद्र रॉय को उम्मीदवार के रुप में मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस यहां से पिया रॉय चौधरी को टिकट दे चुकी है। वहीं ममता बनर्जी पहले ही राज्य की सभी 42 सीटों पर टीएमसी के उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी हैं।

महाराष्ट्र में भी इंडिया गठबंधन में रार

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन संकट में नजर आ रहा है। शिवसेना उद्धव गुट की ओर से हाल ही में अपने 17 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। इनमें तीन सीटों पर कांग्रेस के दावेदार टिकट का इंतजार कर रहे थे। जिसमें मुंबई साउथ सेंट्रल और मुंबई नॉर्थ सेंट्रल के साथ मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट शामिल हैं। इस ऐलान से शरद पवार भी नाराज हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शरद पवार का कहना है हमारे सहयोगी गठबंधन धर्म नहीं निभा रहे हैं। इधर, टिकट के ऐलान के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता संजय निरूपम भी नाराज हैं। संजय मुंबई नॉर्थ-वेस्ट से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। उन्हें खुद राहुल गांधी ने टिकट का भरोसा दिया था। लेकिन उद्धव गुट ने यहां अमोल कीर्तिकर को टिकट दिया।

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