धनतेरस आज,दीपावली के पांच दिवसीय त्योहार शुरु

त्रिपुष्कर योग, शुभ मुहूर्त में करें सोना-चांदी और बर्तन की खरीदारी

धनतेरस आज,दीपावली के पांच दिवसीय त्योहार शुरु

त्रिपुष्कर योग, शुभ मुहूर्त में करें सोना-चांदी और बर्तन की खरीदारी

आज धनतेरस है। इसी के साथ रोशनी के त्योहार दीपावली की आज से शुरूआत हो गई है। धनतेरस के दिन लोग देवी लक्ष्मी और गणेश की चांदी की प्रतिमा और सोने के आभूषण खरीदते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा का भी खास महत्व है। बर्तन और सोने-चांदी के आभूषण खरीदने के लिए बाज़ारों में खासी रौनक दिखाई दे रही है। आज धनतेरस के साथ ही दीपावली का पांच दिवसीय त्यौहार शुरू हो जाता है। धनतेरस के बाद नरक चौदस, दिवाली, अन्नकूट, गोवर्धन पूजा और भैयादूज का त्यौहार मनाया जाएगा। इससे पहले आज और कल यानी 22 और 23 अक्टूबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है। धनतेरस के दिन सोने-चांदी के आभूषण और धातु के बर्तन खरीदने की परंपरा है। कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 02 मिनट से शुरू हो रही है जो 23 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि का शाम 06 बजकर 03 मिनट पर खत्म होगी। आज त्रिपुष्कर योग बन है। धनतेरस की शाम को भगवान धन्वंतरि और दीपदान भी किया जाएगा।

धनतेरस की खरीदारी का शुभ मुहूर्त

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस मनाई जाती है। त्रयोदशी के दिन ही आयुर्वेद के देवता धनवंतरि की जयंती मनाई जाती है। धनतेरस पर पूजा-पाठ के अलावा शुभ वस्तुओं की खरीदारी का भी विधान है। ज्‍योतिषाचार्य की माने तो मुहूर्त शास्त्र के अनुसार आज शाम 07 बजकर 03 मिनट से रात 10 बजकर 39 मिनट तक धनतेरस की खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त रहेगा। जबकि धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त आज शाम 07 बजकर 01 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक रहें। वृषभ काल में आज शाम 07 बजकर 01 मिनट से रात 08 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।

इन मंत्रों के साथ करें भगवान धन्वंतरि और कुबेर देवता की पूजा

ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः

सूक्ष्मस्वच्छाति हृद्यांशुक परिविलसन्मौलि मंभोजनेत्रम ||

कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारू पीतांबराढ्यम

वन्दे धन्वंतरिं तं निखिल गदवन प्रौढदावाग्नि लीलम||

ॐ धन्वंतराय नमः||

आरोग्य प्राप्ति हेतु धन्वंतरि देव का पौराणिक मंत्र

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः||

26 को गोवर्धन पूजन, अन्‍नकूट,भाई दूज

ज्‍योतिषाचार्य बताते हैं कि परंपरा और तिथि के अनुसार दीपावली के दूसरे यानी अगले दिन गोवर्धन पूजा और अन्‍नकूट का पर्व मनाया जाता है। हालांकि इस बार ऐसा नहीं है। दीपावली के दूसरे दिन यानी 25 अक्‍टूबर की सुबह 4 ण् 31 बजे से सूतक लग जाएगा। वहीं शाम 4.40 बजे से 6.32 बजे तक आंशिक सूर्य ग्रहण रहेगा। इस वजह से 25 अक्‍टूबर के दिन कोई त्‍योहार नहीं मनाया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि अन्‍नकूट का भोग भी नहीं लगे सकेगा। गोवर्धन पूजा, अन्‍नकूट और भाई दूज का पर्व 26 अक्‍टूबर को मनाया जाएगा। उस दिन दोपहर में 2.42 बजे द्वितीया तिथि लग जाएगी।

दो दिन रहेगी अमावस्‍या की तिथि

वैसे तो दीपावली का त्‍योहार अमावस्‍या तिथि पर होता है लेकिन इस बार कार्तिक अमावस्‍या 24 और 25 अक्‍टूबर को होगा। यानी दोनों दिन इसका मान रहेगा। बता दें कि अमावस्‍या की तिथि 24 अक्‍टूबर की शाम को 5.04 मिनट से शुरू होगी और इसका मान 25 अक्‍टूबर की शाम 4.18 बजे तक रहेगा। ज्‍योतिर्विदों के अनुसार लक्ष्‍मी-गणेश पूजन के लिए कार्तिक अमावस्या में प्रदोष काल और अर्धरात्रि व्‍यापिनी होना शुभ होता है। इस कारण दीपावली 24 अक्‍टूबर को मनेगी। ज्‍योतिर्विद की माने तो लक्ष्‍मी पूजन स्थिर लग्‍न में करना शुभ होता है। इससे वर्ष भर मां लक्ष्‍मी की कृपा बरसती है। उन्‍होंने बताया कि इस बार स्थिर वृष लग्न शाम 6.55 से रात 8.51 बजे तक है। इसके अलावा सिंह लग्‍न रात 1.23 बजे से 3.37 बजे तक होगी।

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