राजस्थान विधानसभा चुनाव: सचिन पायलट के समर्थकों की पहल, सीएम बनाना है तो पायलट को अधिक वोट से जीताएं

राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट एक बार फिर टोंक से चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। पिछले पांच चुनाव में हर बार अपना विधायक बदलने वाली इस सीट से सचिन पायलट के सामने अपनी जीत का अंतर बढ़ाने की चुनौती बनी हुई है। लेकिन पायलट के समर्थक तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग पर अड़े हैं। समर्थक एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ज्यादा वोट के अंतर से चुनाव जिताने में जुटे हैं।

समर्थक चाहते हैं पायलट ही बने सीएम

बनास नदी पर इसलिए जरूरी पुल

मानसून के दौरान बनास नदी में जलस्तर बढ़ जाता है। पानी अस्थायी पुल को बहाकर ले जाता है। अस्थायी पुल टूटने से गहलोद गांव सहित करीब 50 गांवों का संपर्क शहर से टूट जाता है। इन गांवों के लोगों को करीब 20 किलोमीटर लंबा चक्कर काटकर शहर पहुंचना पड़ता है। पुल का निर्माण कार्य जारी है। इसके जल्द पूरा होने की उम्मीद है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विकास को रफ्तार देने के लिए ऐसी कई योजनाओं की जरूरत है।

टोंक में हैं 60 हजार मुस्लिम मतदाता

टोंक सीट मुस्लिम बहुल होने से कांग्रेस पिछले 50 साल से मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारती रही है। यहां से जाहिदा खान कई बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच चुकी हैं। वहीं साल 1980 से लेकर 2013 तक बीजेपी सिर्फ हिन्दू प्रत्याशियों को ही टिकट देकर मैदान में उतारा। लेकिन पिछले 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने सचिन पायलट को टिकट दिया था। इस चुनाव में बीजेपी ने तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया के दबाव में उनके खास और भरोसेमंद समर्थक युनूस अली को टोंक सीट से प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था। टोंक विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता करीब 60 हजार है जबकि 35 हजार मतदाता गुर्जर और 45 हजार अनुसूचित जाति हैं। वहीं 15 हजार मतदता ब्राह्मण वर्ग के हैं।

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