चंबल के पानी पर चढ़ा गहलोत और शिवराज का पारा,ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पर हुए आमने-सामने

Gehlot Shivraj Eastern Rajasthan Canal Project

ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर इन दिनों राजस्थान का सियासी पारा हाई है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आमने सामने हैं और एक दूसरे पर जमकर वार-पलटवार किए जा रहे हैं। अब इस लड़ाई में राजस्थान के मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी घेर लिया है। दरअसल मध्यप्रदेश सरकार ने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट ERCP में चंबल और सहायक नदियों पर चल रहे काम को रुकवाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है, इसे लेकर अशोक गहलोत ने मध्यप्रदेश पर कई आरोप लगाए हैं।

ईस्टर्न कैनाल परियाजना का मकसद राजस्थाान के लोगों की प्यास बुझाना है। परियोजना के जरिए राज्य के 13 जिलों के लोगों की प्यास बुझेगी। इतना ही नहीं किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा, उनके खेतों में सिंचाई होगी। पानी की उनकी जरूरत को पूरा किया जा सकेगा है। ये पूर्वी राजस्थान के लिए जीवनदायनी परियोजना साबित होगी। आपको बता हैं कि ईस्टर्न राजस्थान कैनाल योजना की घोषणा बीजेपी के शासन काल में हुई थी। साल 2017-2018 के बजट में तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने इसके लिए बजट की व्यवस्था की थी।

प्रोजेक्ट पर सियासत

पुरानी पेंशन योजना और सिलेंडर के दामों को आधा करने की घोषणा के बाद अब ईस्टर्न राजस्थान कैनॉल प्रोजेक्ट ने बीजेपी के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। ये परेशानी और ज़्यादा इसलिए भी बढ़ गई है कि
इस प्रोजेक्ट को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी सीएम अशोक गहलोत के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। हालांकि प्रोजेक्ट को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच हमलों की प्रतियोगिता तो बहुत पुरानी है, लेकिन अब चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं, तो मुद्दा गरमा रहा है। कांग्रेस लगातार ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग करती रही है।

आखिर है क्या है ईआरसीपी परियोजना

क्या है ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट ERCP में चंबल और सहायक नदियों पर चल रहे काम को रुकवाने के लिए मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। यहीं वजह है कि राजस्थान और मध्यप्रदेश की सियासत गर्माने के आसाार बन गए है। मध्यप्रदेश सरकार की याचिका को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने निशाना साधा है। ऐसे में सीएम अशोक गहलोत ने एक बयान जारी किया है। जिसमें कहा कि ईआरसीपी के काम पर रोक लगवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर एमपी सरकार की याचिका राजस्थान को अपने हिस्से के पानी से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार ईआरसीपी का काम रुकवाकर हमारे पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के हक का पानी रुकवाने की कोशिश कर रही है। बता दें ईआरसीपी से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर और अजमेर जिलों को जलापूर्ति होगी।

मप्र की जनापाव पहाड़ी से निकली है चंबल नदी

बतादें चम्बल नदी का उदगम मध्यप्रदेश की जनापाव की पहाड़ियों से होता है। यह क्षेत्र विध्यांचल पर्वत का हिस्सा है। और नदी मध्यप्रदेश में बहते हुए राजस्थान से होते हुए उत्तरप्रदेश राज्य में यमुना नदी में मिलती है। यहां से यमुना गंगा नदी में मिल जाती है और गंगा बंगाल की खाड़ी में जा गिरती है।

 

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