असम में क्यों हो रही हैं हजारों गिरफ्तारियां, कुछ ही दिनों में असम में पुलिस के खिलाफ क्यों बना माहौल?

दिसपुर। असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा फिर से सुर्खियों में हैं। वह बाल विवाह के आरोपियों के खिलाफ गिफ्तारी अभियान चला रहे हैं। अब तक पुलिस हजारों को गिरफ्तार कर चुकी है। हिमंत के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार राज्य में बाल विवाह के हजारों मामलों पर नजर रख रही है और उन पर नकेल कस रही है। हालांकि, इस पर विरोध भी कम नहीं हो रहा है।

हिमंत का ऐलान, 2026 तक चलेगा अभियान

अब तक, असम में नाबालिग लड़कियों से अवैध विवाह के आरोप में 2,000 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अपना रुख साफ कर दिया है कि वह झुकने वाले नहीं। उन्होंने कहा है कि राज्य में नागरिकों के भारी विरोध के बावजूद बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।

विपक्ष हो रहा है लामबंद

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि बाल विवाह के खिलाफ अभियान 2026 में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा, लेकिन पुलिस की मुश्किलें बढ़ रही हैं। राज्य सरकार, बाल विवाह के खिलाफ एक्टिव अभियान चला रही है और जबरन शादी करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। बाल विवाह के आरोपियों पर सरकार नकेल कस रही है, लेकिन बीजेपी सरकार की गिरफ्तारियों के विरोध हजारों महिलाएं अलग-अलग थानों का घेराव कर रही हैं।

प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि सरकार ने गलत गिरफ्तारी की है और गिरफ्तार किए गए पति और उनके परिवार के सदस्य निर्दोष हैं। महिलाओं ने सड़कों को जाम कर दिया है और उनकी मांग है कि सभी आरोपियों की रिहाई की जाए। महिलाएं पुलिसकर्मियों की राह भी रोक रही है।

असदुद्दीन से लेकर शकील तक विरोध में

असम में समुदाय विशेष की लड़कियों की शादी कम उम्र में होती है। इसके साथ ही कुछ पिछड़ी और आदिवासी जातियों में भी शादियां बेहद कम उम्र में होती हैं। हालांकि, मुसलमानों के नेता असदुद्दीन ओवैसी सहित कांग्रेस नेता शकील अहमद भी इस गिरफ्तारी पर रंज हैं। वह कहते हैं कि असम में एक बार में तो बच्चों की इतनी शादियां नहीं हो गई, ये शादियां पहले से हो रही होंगी, हिमंत बिस्वा सरमा वहां 2021 से मुख्यमंत्री हैं. लेकिन उसके पहले भी 5 साल उन्हीं की पार्टी की सरकार थी। अचानक क्या हो गया कि असम की बीजेपी सरकार ने ये कार्रवाई शुरू की?

मुसलमानों का कहना है कि 2026 तक लगातार कार्रवाई होते रहेगी, ये परेशान करने वाली बात है। 2026 में असम में विधानसभा चुनाव होने वाला है। शकील अहमद कहते हैं कि इसका मतलब सरकार की मंशा ये नहीं है कि कम उम्र के बच्चों की शादी नहीं हो, उनके स्वास्थ्य पर असर नहीं पड़े, बल्कि उनका इरादा सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाने की है।

नेता कहते हैं कि आज कार्रवाई करके बीजेपी सिर्फ एक माहौल बनाने का प्रयास कर रही है। आप एक समुदाय के लोगों को परेशान कर रहे हैं।

 

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