सिद्धू मूसेवाला की हत्या की कडी जिस तरह से पुलिस ने सुलझाई एस बार फिर साफ हो गया कि- अपराधी कितना ही शातिर क्यों न हो कोई न कोई सुरगा छोड़ ही देता है। जी हां पंजाब पुलिस ने इस बात को साबित कर दिखाया। पंजाब पुलिस जिस तरह से एक छोटे से कागज के जरिए मूसेवाला की हत्या के आरोपियों को पकड़ रही है वो गौर करने लायक है। पुलिस ने हत्या के तकरीबन 15 दिन बाद इस बात का खुलासा किया है।
पुलिस के मुताबिक हत्या के समय आरोपियों ने पेट्रोल भराया था और उसी रशीद के सहारे पुलिस ने सीसीसीटीवी फुटे खंगाले। पंजाब पुलिस ने जिस तरह से एक छोटे से कागज के जरिए मूसेवाला की हत्या के आरोपियों को पकड़ रही है वो गौर करने लायक है। इस मामले में पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किए वाहन को जब्त कर लिया है। इसके साथ ही पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता लॉरेंस बिश्नोई समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
पेट्रोल पंप का बिल बना सुराग
अधिकारियों ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला की हत्याकांड में पुलिस ने अपराध के पीछे चार शूटरों की पहचान की है। मूसेवाला हत्याकांड की जांच कर रही पंजाब पुलिस को उस समय शूटर्स को पकड़ने में भारी मदद मिली, जब बोलेरो में से हरियाणा के पेट्रोल पंप का बिल पुलिस के हाथ लग गया। बस इसी बिल के हाथ लगने के बाद पुलिस ने एक के बाद एक शूटर्स तक अपनी पहुंच बनाई और उन्हें शिकंजे में लिया। आरोपियों ने इसी बोलेरो गाड़ी का इस्तेमाल किया था। पुलिस ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या के इस्तेमाल की गई तीन गाड़ियों को बरामद कर लिया है. वारदात में इस्तेमाल की गई गाड़िया महिंद्रा बोलेरो, टोयोटा कोरोला और एक ऑल्टो कार समेत अन्य वाहनों को भी बरामद कर लिया है.
इन आरोपियों की हुई पहचान
इस मामले में पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई के अलावा अमृतसर के सराज मिंटू, बठिंडा के चरणजीत सिंह, सिरसा के संदीप सिंह उर्फ केकड़ा, बठिंडा में तलवंडी साबो के मनप्रीत सिंह, फरीदकोट के मनप्रीत भाऊ, हरियाणा के प्रभदीप सिद्धू, सोनीपत के मोनू डागर के साथ ही फतेहाबाद के पवन बिश्नोई और नसीब को गिरफ्तार किया है.
इस कार से किया था पीछा
मूसेवाल हत्याकांड में आरोपियों ने टोयोटा कोरोला को पीछे छोड़ते हुए बंदूक की नोक पर एक सफेद ऑल्टो कार को रोक और छीन लिया और सफेद बोलेरो जीप से खारा बरनाला गांव की ओर भाग निकले। पुलिस ने 30 मई को सफेद ऑल्टो को भी मोगा जिले के धर्मकोट के पास से लावरिस हालात में बरामद कर ली। वहीं इस मामले में एजीटीएफ और विशेष जांच दल, केंद्रीय एजेंसिया और अन्य राज्य पुलिस बलों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि अन्य आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की जा सके।