शिवराज और कमलनाथ बनें  सवालीराम, जनता पूछे जवाब कब देंगे ये खयालीराम

मप्र में सियासत, सवाल और बवाल

 

मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव अक्टूबर नवंबर में है। फिलहाल ठंड खत्म नहीं हुई है लेकिन सियासत ने माहौल पूरी तरह गरमा दिया है। पक्ष हो या विपक्ष, सबने अपने तरकश में सवालों के तीर सजा लिए हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान पूर्व की कांग्रेस सरकार के मुखिया कमल नाथ से धड़ाधड़ सवालों की बॉल फेंक रहे हैं तो जिसके जवाब में कमल नाथ भी सवाल उछाल रहे हैं।
दोनों नेता जब सवालों के जवाब में सवाल की फुटबॉल उछाल दे रहे हैं, तो जनता बस इंतजार कर रही है कि उसके हितों का गोल कब होगा…
मुख्यमंत्री ने कमलनाथ से पीएम किसान सम्मान निधि में पात्र किसानों की सूची लटकाने का कारण पूछा, तो जवाब में कमलनाथ ने भी एक सवाल दाग दिया। 28 जनवरी से शुरू हुआ सवालों का सिलसिला जब शिवराज की तरफ से टूटा तो कमलनाथ ने कटाक्ष किया कि आपकी बुद्दि के कपाट खुल गए।
कांग्रेस का ये कहना इसलिए है कि 17 साल का मुख्यमंत्री भला डेढ़ साल की सरकार से कैसा सवाल कर सकता है।
लेकिन शिवराज हैं कि मानते नहीं, रट लगाए बैठे हैं- मेरे सवालों का जवाब दो…दो ना…
वहीं, कमलनाथ की हालत को इस शेर से समझ सकते हैं-
जी चाहता है, फिर कोई तुझ से करूं सवाल।
तेरी नहीं-नहीं ने गजब का मजा दिया।
इस बीच प्रदेश के मतदाता एक दूसरे का मुंह ताकने का मजबूर हैं, उसे सवालों का जवाब नहीं मिल रहा है । इसलिए मतदाता भी तैयार है वोट की बॉल उछालने के लिए कि आखिर वोटों की बॉल किस पाले में गिराएगी प्रदेश मे कमल खिलाऐगी या कमलनाथ।

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