इस नेता को अब तक केवल एक ही बार चुनावी हार मिली

kamalnath

आज आपको कहानी सुनाते है मध्यप्रदेश के एक ऐसे नेता की जो अपने जीवनकाल में केवल एक ही चुनाव हारे हैं वो भी उपचुनाव। ये उपचुनाव भी हुए थे गर्मी के महीने में।प्रदेश में गर्मी का दौर चल रहा था। मध्यप्रदेश कांग्रेस की एक महिला सांसद ने इस्तीफा दे दिया। महिला सांसद के अचानक इस्तीफे से पूरा प्रदेश सकते में था। लेकिन इस्तीफे की वजह जब सामने आई तो चौंकाने वाली थी। इस्तीफे की वजह थी कि महिला सांसद के पति वहां से चुनाव लड़ना चाहते थे। सांसद पति का नाम था कमलनाथ। जी हां कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ ने 1996 का चुनाव छिंदवाडा से लड़ा और वो जीत भी गई। लेकिन कमलनाथ ने उनसे इस्तीफा दिला दिया।

अलकानाथ ने क्यों लड़ा था चुनाव

कमलनाथ की पत्नी अलकानाथ से चुनाव 1996 में उसकी वजह थी कि कमलनाथ का नाम हवाला कांड में आ गया। जैन बंधु की डायरी मे कमलनाथ का नाम बताया जा रहा था। जिसके चलते कमलनाथ ने बेदाग साबित न होने तक चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया। इस बीच 1996 के चुनाव घोषित हो गए।फिर कमलनाथ ने अपनी पंरपरागत सीट से अपनी पत्नी अलकानाथ को मैदान में उतारा। अलकानाथ चुनाव जीत गई उसके बाद कमलनाथ भी हवाला कांड में बेदाग रहे। फिर अलकानाथ ने इस्तीफा दे दिया।

क्या वजह थी इस्तीफा देने की

कमलनाथ की पत्नी अलकानाथ से इस्तीफा देने की वजह थी सरकारी बंगला। वो सरकारी बंगला जो कमलनाथ के नाम पर दिल्ली में एलॉट था। उसका एलॉटमेंट अलकानाथ के नाम पर नहीं हो पा रहा था क्योंकि अलकानाथ पहली बार की सांसद थी। यही वजह रही की बंगले के चलते कमलनाथ ने अलकानाथ से इस्तीफा दिलाकर खुद चुनाव लड़ने का ऐलान किया।

कमलनाथ के सामने बीजेपी ने चला बड़ा दांव

कमलनाथ के खिलाफ बीजेपी ने मैदान में  अपने सबसे बड़े नेता सुंदरलाल पटवा को मैदान में उतारा । पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के उमर दराज नेता सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को कड़ी टक्कर दी। उस वक्त प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार थी इस नाते उम्मीद की जा रही थी कि कमलनाथ की जीत होगी। कमलनाथ के नामांकन की तामझाम न ही जता रही थी कि उनकी जीत बड़ी होगी। वही बीजेपी के भी सारे बड़े नेता मैदान में डेरा डाले थे।

नतीजों ने कांग्रेस को बड़ा सदमा दिया

फिर आया नतीजों का दिन। नतीजे का दिन कमलनाथ के साथ साथ कांग्रेस के लिए भी किसी सदमे से कम नहीं था। कमलनाथ को 38 हजार वोटों से हार मिली। उसकी सबसे बड़ी वजह बीजेपी का मुद्दा जनता को पसंद आया। बीजेपी ने जनता के बीच कहा कि जब पत्नी सांसद थी तो उसे इस्तीफा दिलाकर फिर से जनता पर चुनाव क्यों थोपे। इसके बाद जब 1998 में आम चुनाव हुए तो कमलनाथ ने भारी मतों से सुंदरलाल पटवा को हरा दिया।कमलनाथ अपने जीवन का वो पहला चुनाव हारे थे लेकिन छिंदवाड़ा पर उनकी पकड़ कमजोर नहीं हुई।

 

 

 

 

 

 

 

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