कूनो से आई खुशखबरी..स्वस्थ हैं मादा चीता आशा के ये तीनों शावक

नए साल के शुरुआत में श्योपुर के कूनों नेशनल पार्क से खुशखबरी आई है। यहां मादा चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया है। मादा चीता आशा ने कुनो नेशनल पार्क में तीन शावकों को जन्म दिया है। तीनों शावक स्वस्थ बताए जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि कूनों नेशनल पार्क में 17 सितंबर 2022 को आठ चीते लाए गए थे। यह सभी चीते नामीबिया से यहां लाए गए थे। मादा चीता आशा उन्ही में से एक है। अब यहां चीतों और शावकों की कुल संख्या 18 हो गई है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कूनो नेशनल पार्क में जन्में चीते के तीनों शावको का एक वीडियो भी शेयर किया है। इस वीडियो में तीनों शावक पूरी तरह से स्वस्थ नजर आ रहे हैं। इन्हें चहलकदमी करते हुए भी देखा जा सकता है। इससे पहले मार्च 2023 में मादा चीता सियाया ने चार शावकों को जन्म दिया था, लेकिन एक ही शावक जिंदा बच पाया। सियाया का नाम बाद में ज्वाला रखा गया था। ज्वाला को भी नामीबिया से लाकर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाया गया था। बता दें कि पिछले साल नामीबिया से मध्यप्रदेश के कूनों में चीते लाए गए थे। मार्च से अगस्त 2023 तक लगभग नौ चीतों की मौत हो गई थी। जिसमें छह वयस्क चीतों और तीन शावकों की मौत हो चुकी है। उसके बाद पशु चिकित्सकों की एक टीम ने कूनो नेशनल पार्क में सभी 15 जीवित चीतों को स्वास्थ्य मापदंडों की निगरानी के लिए अगस्त 2023 से बाड़ों में रखा था। तीन शावकों के जन्म के बाद अब कूनों में चीतों की संख्या 18 हो गई है।

सीएम ने दी अधिकारियों को बधाई

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने तीन चीता शावकों के जन्म पर खुशी जताई है। उन्होंने मध्य प्रदेश के सभी अधिकारियों को बधाई दी है। सीएम यादव ने कहा पीएम नरेन्द्र मोदी और मध्य प्रदेश सरकार के नेतृत्व में शुरू की गई चीता परियोजना फलीभूत हो रही है। कूनो नेशनल पार्क में तीन शावकों का जन्म हुआ है। वे सभी को बधाई देना चाहता हैं।

दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए थे चीते

नामीबिया से 17 सितंबर 2022 में 8 चीते लाए गए थे। जबकि 18 फरवरी 2023 दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते और लाए गए। इसमें से 26 मार्च 2023 को किडनी इंफेक्शन से एक की मौत हो गई। एक दिन बाद 27 मार्च 2023 ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था। इस बीच 23 अप्रैल 2023 चीता उदय की दिल के दौरे से मौत हो गई। 9 मई 2023 मादा नीता दक्षा की भी नर चीता के साथ मेटिंग के दौरान मौत हो गई। 23 मई 2023 जाला के एक शावक ने दम तोड़ा तो 25 मई 2023 दो और शावकों की मौत हो गई। 11 जुलाई 2023 आपसी संघर्ष में मेल चीता तेजस की सांस थम गई। 14 जुलाई 2023 आपसी संघर्ष में मेल चीता सूर्य की मौत और 2 अगस्त 2023 संक्रमण से मादा चीता की मौत हो गई। इसके बाद 3 जनवरी 2024 आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया।

100 में से चीतों के पांच बच्चे ही बचते हैं जीवित

वैसे अफ्रीकी देशों में चीता शावकों का सर्वाइवल की संभावना काफी कम होती है। प्राकृतिक स्थलों में मात्र 10 में से एक चीता शावक ही वयस्क होने तक जीवित रह पाता है। एक रिसर्च के मुताबिक चीतों के बच्चे बड़ी मुश्किल से बचते हैं। दक्षिण अफ्रीका में 1990 के दशक में किये गये एक शोध में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिसमें बताया गया कि चीतों के 95 फीसदी बच्चे वयस्क होने से पहले ही खत्म हो जाते हैं। चीते के 100 बच्चों में से महज पांच बच्चे ही वयस्क होने तक जिंदा बचते हैं। वहीं साल 2013 में भी अफ्रीका के क्गालागाडी पार्क के चीतों पर की गई रिसर्च से पता चला था कि इन चीतों के बच्चों के बचने की उम्मीद 36 फीसद तक ही होती है।

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