शिवराज से महाराज तक जीत से ज्यादा मार्जिन की चिंता…पुराना रिकॉर्ड बना परेशानी का सबब…!

Jyotiraditya Scindia Guna Shivraj Vidisha Anil Firoziya Ujjen Margin concerns

इस बार लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर मुकाबले की टक्कर देखने को मिल रही है। इसके अलावा भी मध्यप्रदेश में कुछ लोकसभा सीट ऐसी हैं जो चर्चा में आ गई हैं। इनमें शिवराज सिंह चौहान की विदिशा, ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुना तो वीडी शर्मा की खजुराहो और गृह जिला होने के कारण उज्जैन सीट को मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से जोड़कर सियासी पिच पर सवालों की धुआंधार बोलिंग की जा रही है। दरअसल भाजपा यह मान चुके है कि इन सीटों पर वोटो को बढ़ाने की वॉर चल रही है।

सारे नेता सिर्फ इस कोशिश में जुटे हैं कि ज्यादा से ज्यादा वोटिंग हो जाए। जिससे मार्जिन ऐसा सामने आए। जिसकी चर्चा हो। वहीं कांग्रेसी भी पूरी ताकत से अपनी उपस्थिति दर्ज करने की कोशिशें में जुटे है। हालांकि 4 जून को मतगणना के बाद ही सही तस्वीर सामने आ सकेगी लेकिन यह साफ है कि इन चर्चित सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने पूरे परिवार को मैदान में प्रचार के लिए उतार दिया है।

महारानी और युवराज ने गुना में मोर्चा संभाला

गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट की बात करें तो यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया 2019 में बीजेपी के केपी यादव से चुनाव हार गए थे। हर का आंकड़ा भी 1 लाख 25000 से ज्यादा था। गुना सीट से सिंधिया 2002 के उपचुनाव बड़े अंतर से जीते थे। तब जीत का आंकड़ा करीब चार लाख 6558 वोट के आसपास था। इस बार यही बड़ी चुनौती सामने है और चिंता यह है की जीत मिले तो रिकॉर्ड भी टूटना चाहिए। ऐसे में सिंधिया का पूरा परिवार चुनावी मैदान में उतरकर प्रचार में जुट गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राज जहां महिलाओं में पेठ बनाने की कोशिश कर रही हैं। वे हर दिन सम्मेलन कर रही हैं तो बेटे युवराज महाआर्यमन ने युवाओं को साधने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। वे गुना संसदीय सीट पर युवाओं के कार्यक्रम में अक्सर देखे जा रहे हैं। इतना ही नहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया स्वयं चार-चार बार बूथ की टीम से चर्चा कर हर दिन नई रणनीति तैयार कर रहे हैं। बता दें टिकट की घोषणा से 2 माह पहले ही सिंधिया ने गुना—शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाना शुरू कर दी थी। यहां खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन सिंधिया ने कराया तो अब घर-घर गली-गली घूम कर बोर्ड की गुहार लगाते नजर आ रहे हैं महाराज।

सिंधिया को मिला भाजपा संगठन का पूरा साथ

कांग्रेस से बीजेपी में आने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा संगठन का पूरा साथ मिला है चाहे वह उनके उनके समर्थकों को पहले शिवराज फिर बाद में डॉक्टर मोहन यादव की कैबिनेट में मंत्री बनाना हो या स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा के रास्ते भेज कर केंद्रीय मंत्री बनाना। हर समय सिंधिया के साथ बीजेपी संगठन खड़ा नजर आया तो चुनाव में कैसे उन्हें छोड़ देते। तीसरे चरण में होने वाले गुना सीट पर चुनाव में स्वयं मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के साथ पूर्व सीएम शिवराज से लेकर भाजपा के कई बड़े नेता क्षेत्र में पहुंच चुके हैं।

पत्नी-बेटा और मैदान में स्वयं शिवराज

विदिशा लोकसभा सीट से मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मैदान में उतर गए हैं। साल 2004 के बाद शिवराज फिर से विदिशा संसदीय सीट पर लौटे हैं। 2004 में शिवराज कांग्रेस के नर्मदा प्रसाद से करीब 2 लाख 60 हजार वोटो से जीते थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के रमाकांत भार्गव ने करीब 5 लाख से अधिक मतों के भारी अंतर से जीत दर्ज की थी। अब शिवराज के सामने यह आंकड़ा चुनौती बन गया है। इस आंकड़े को उन्हें पार करना है। लिहाजा सुबह साढ़े 8 बजे से लेकर रात देर रात 12 बजे तक शिवराज खुद दौरे पर पर दौरे कर रहे हैं। इतना ही नहीं उनकी पत्नी श्रीमती साधना सिंह और पुत्र कार्तिकेय ने भी मोर्चा संभाल रखा है। विदिशा संसदीय क्षेत्र के बीजेपी विधायकों से शिवराज लगातार फीडबैक लेते नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं उनके साथ पार्टी के सभी मोर्चा ने भी मोर्चा संभाल लिया है। भाजपा संगठन के कई बड़े नेता विदिशा का दौरा कर वहां मध्य प्रदेश चुनाव प्रभारी भी विदिशा में प्रचार कर चुके हैं।

उज्जैन सीट को लेकर सीएम ले रहे बैठक

बात करें उज्जैन लोकसभा सीट की तो यहां डॉ.मोहन यादव खुद लगातार ऑनलाइन बैठ कर ले रहे हैं। कार्यकर्ताओं से एक-एक वार्ड एक एक बूथ की स्थिति का आकलन ले रहे हैं। दरअसल उज्जैन लोकसभा सीट कम का गृह क्षेत्र है ऐसे ऐसे में उनके सामने इस सीट पर का आंकड़ा पिछली बार से अधिक करने की चुनौती है। यहां से बीजेपी ने अनिल फिरोजिया को चुनाव मैदान में उतारा है। बीजेपी के फिरोजिया ने पिछला 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के बाबूलाल मालवीय से करीब 3 लाख 65637 वोटो से जीता था। इसलिए फिरोजिया पिछली बार से ज्यादा वोट के अंतर से जीते। इसके लिए डॉक्टर मोहन यादव और उनकी टीम जुटी हुई है। यहां कम डॉक्टर मोहन यादव ने आचार संहिता लागू होने से पहले ही निर्माण कार्यों की झड़ी लगा दी थी। घोषणाओं की झड़ी लगा दी थी। व्यापार मेला भी उज्जैन में शुरू कराया। जिससे व्यापारियों में पेठ बनाई जा सके। चुनावी दोनों के बीच डॉ.मोहन यादव ऑनलाइन मैदानी टीम के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं दो दो बार पार्टी पदाधिकारी की ऑनलाइन बैठक भी कर चुके हैं। विधायकों से भी कम लगातार वन टू वन बात कर जानकारी ले रहे हैं। इस सीट पर बीजेपी संगठन के साथ ही संघ पदाधिकारी भी एक्टिव हो गए हैं।

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