हेमंत सोरेन का विश्वास मत
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। हेमंत के विश्वास मत हासिल साबित करने के लिए एक दिन का विशेष सत्र बुलाया था । इस सत्र में विश्वास मत हासिल करने के बाद सोरने सरकार पर अविश्वास के मंडराते बादल तो फिलहाल छंट दिखाई दे रहे है। लेकिन ये विश्वास मत सोरेन की विधायकी बचा पाएगा ये कहना अभी मुश्किल है। सोरोन को विश्वास मत में कुल 48 विधायको के वोट मिले है।
विश्वास मत से बाहर रही बीजेपी
सोरेन सरकार जब विश्वास मत हासिल कर रही थी उस समय बीजेपी ने सदन से वाक आउट कर दिया। सोरेन के पक्ष में 48 विधायक रहे जिससे साफ है कि सोरेन सरकार को बहमत तो हासिल है। हालाकि इस विश्वास मत के दौरान सरकार के तीन विधायक सदन में मौजूद नही थे। ये तीनो वही विधायक है जो कैश कांड में उलझे है और कहा जा रहा है कि कैश कांड के चलते कोर्ट ने इसको कलकत्ता से बाहर जानेकी इजाजत नही दी है। हालाकि सोरेन ने ये तो साबित कर दिया कि उको बहमुत है लेकिन इससे उनकी विधायकी बची रहेगी कि नही ये नही कहा जा सकता।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरने की विधानसभा सदस्यता को लेकर सकंट अभी भी मंडरा रहा है। हमेंत सोरेन पर गलत तरीके से खनन का आरोप है वही सोरने की विधायकी को लेकर रिपोर्ट चुनाव आयोग राज्यपाल को सौपं चुका है। इस रिपोर्ट में चुनाव आयोग ने राज्यपाल को क्या सिफारिश की है। राज्यपाल चुनाव आयोग की रिपोर्ट पर क्या एक्शन लेते है ये अभी कह पाना आसान नहीं लेकिन इतना तो तय है कि सोरने की सदस्यता का फैसला विश्वास मत हासिल करने से नहीं होता।
विश्वास मत हासिल करने के पहले बाहर थे विधायक
झारखंड में राजनैतिक उठापटक के बीच जे एम एम ने अपने विधायको को छत्तीसगढ रवाना कर दिया था। ये विधायक कई दिन तक छत्तीसगठ में रहकर आए है। दऱअसल जे एम एम को डर था कि बीजेपी उनके विधायको को तोड सकती है यही वजह रही है कि विश्वास मत के पहले तक इन विधायको को झारखंड से दूर ऱखा गया। वही विश्वास मत वाले दिन विधायको की वापस रांची हुई और वो विश्वास मत में शामिल हुए।