एक एकड़ की खेती से कमाते हैं लाखों ,महाराष्ट्र के विश्वानाथ है किसानों के लिए प्रेरणा

Vishvnath

महाराष्ट्र का बीड़ जिला। इस जिले में किसानों के हालात किसी से छुपे नहीं। शायद इस जिले की गिनती देश के उन जिलों में होती हैं जहां सूखे के चलते सबसे ज्यादा किसानों ने आत्हमत्या की होगी। लेकिन इनमें से ही एक नाम ऐसा है जिसने देश में अपनी पहचान बनाई है। ये नाम है विश्वानाथ बोबड़े का। ये बीड़ जिले के बहीरवाड़ी के ही रहने वालें है। विश्वानाथ बोबड़े ने अपनी एक एकड़ की खेती में हर महीने लाखों की कमाई करते हैं।

विश्वनाथ के पास है केवल एक एकड़ जमीन

विश्वनाथ और उनके बढ़े भाई के पास छह एकड़ जमीन थी। इसमें से कुछ जमीन घर बनाने के लिए बेचनी पड़ी और बची केवल चार एकड़ी। चार एकड़ जमीन में भी पारंपरिक खेती करने से फायदा नहीं होता था। समय का चक्र ऐसा ला कि चार एकड़ जमीन में से दो एकड़ जमीन हाइवे बनाने मे चली गई। अब बची दो एकड़ जिसमें दोनों भाईयों ने बंटवारा करके एक एक एकड़ जमीन ले ली।

शुरूआत में हुई कई परेशानियां

विश्वानाथ शुरूआत में अपनी एक एकड़ जमीन में पारंपरिक खेती करते थे। लेकिन पारंपरिक खेती में उनको फायदा नहीं होता था। जल्दी ही विश्वानाथ को समझ में आया कि पारंपरिक खेती को छोड़कर खेती के साथ कुछ नए प्रयोग करने होंगें।

कई तरह के प्रयोगों से मिली सफलता

विश्वनाथ ने पारंपरिक फसलों के साथ उनमें एक दो और फसलों को जोड़ के उगाया।विश्वानाथ ने करेला तुरई के साथ साथ फूलगोभी भिंड़ी और गोभी जैसी सब्जियों को अधिक से अधिक उगाया। अधिक वैरायटी की सब्जियों के जरिए विश्वनाथ को पहले ही साल में तीन लाख का फायदा हुआ। इसके बाद इन पैसों से सबसे पहले विश्वनाथ ने पानी की समस्या को खत्म किया, उन्होंने खेत में एक कुंआ खुदा लिया।

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सिचांई का आधुनिक तरीका अपनाया

नदी के पास कुंआ खुदवाने के बाद विश्वनाथ ने पाइप और स्प्रिंकल के जरिए पौधों को पानी देना शुरू किया।पान की कमी खत्म होते है विश्वानाथ गर्मियों में भी तरह तरही सब्जियां लगाना शुरू कर दिया। खेत के पानी में नमी देखकर विश्वनाथ ने टमाटर और तरबूज लगाए जिसमें उन्हें बहुत फायदा हुआ।

फसलों को बोने और काटने के लिए तैयार कि योजना

विश्वनाथ ने फसलों की बुवाई और कटाई के मौसम के अनुसार योजना बनाना शुरू किया। विश्वनाथ साल पूरे साल में छह सात फसलें तीन बार काटते हैं।इन फसलों की कटाई का मौसम अगस्त के अंत तक शुरू हो जाता है। विश्वानाथ सितंबर में फसल लगाते है उसे जनवरी में काटतें है और जनवरी फरवीर में तरबूज खऔ खरबूज की खेती करते हैं।

 

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लाखों की कमाई देती ये फसलें

विश्वनाथ हर साल खेती में अब मुनाफा कमाते हैं। विश्वनाथ ने अगर खेती में पचास हजार लगया है तो वो किसी भी हाल में खेती से पांच लाख कमा लेते है। हांलाकि इसके लिए उनको और उनकी पत्नी को बहुत मेहनत करनी पड़ती है। विश्वानाथ बताते हैं कि तरबूत और टमाटर जैसी फसलें उनको लाखों में कमाई करा जाती हैं।

खेती के आधुनिक तरीकों से हुआ फायदा

विश्वानाथ की मानें तो उन्होंने खेती के आधुनिक तरीके अपनाए जिसका उनको फायदा हुआ। विश्वानाथ ने अपने खेत में उठी हुई क्यारी बनाईं । इसमें  मिट्टी से लगभग छह इंच ऊपर उठाया जाता है और लकड़ी, चट्टान या कंक्रीट ब्लॉक से बने फ्रेम से घिरा होता है। सभी तरह के दवाई का छिड़काव और पानी की छिड़काव किया जाता है। एक एकड़ की खेती से लाखों की कमाई करने वाले विश्वनाथ से सलाह लेने अब आसपास के किसान आते हैं।

 

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