Wrestling Federation of India Controversy पहलवानों के विवाद के बाद पहली बार आयोजित होने वाली भारतीय कुश्ती महासंघ की बैठक अचानक रविवार सुबह रद्द कर दी गई। बता दें कुश्ती महासंघ की रविवार को अयोध्या में वार्षिक आम बैठक यानी AGM होना थी, जिसे रद्द कर दिया गया है। हालांकि बैठक के पहले खेल मंत्रालय ने एक्शन लिया है। इस एक्शन के तहत सहायक सचिव को सस्पेंड किया गया है। सहायक सचिव विनोद तोमर को सस्पेंड किया है। बैठक ब्रज भूषण शरण सिंह शामिल नहीं होगें।बैठक उत्तरप्रदेश के गोंड़ा में होगी।इसके पहले खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ के जुड़ी सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है। इस बीच खेल मंत्रालय की ओर से बनी जांच समिति कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों की जांच कर रही है।
- कुश्ती संघ के सभी कामों पर रोक
- एक्शन में सरकार
- बढ़ सकती हैं बृजभूषण सिंह की मुश्किलें
- WFI के असिस्टेंट सेक्रेटरी का किया सस्पेंड
- रैंकिग टूर्नामेंट को भी रद्द करने का आदेश
बीजेपी के लिए खड़ी हो रही परेशानी
पहलवानों का विरोध प्रदर्शन बीजेपी के लिए सिरदर्द बन चुका है। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों के मामले ने सियासी गलियारे में भी खलबली मचा रखी है। भले ही केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से बातचीत के बाद पहलवानों ने फिलहाल प्रदर्शन स्थगित कर दिया। लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में ये विवाद एक बार फिर तूल पकड़ सकता है।
फेडरेशन के सहायक सचिव के खिलाफ एक्शन
पहलवान और डब्ल्यूएफआई विवाद में पहली कार्रवाई करते हुए खेल मंत्रालय ने फेडरेशन के सहायक सचिव विनोद तोमर को निलंबित कर दिया है। तोमर ने शनिवार शाम को ही कहा था कि महासंघ के ज्यादातर लोग बृजभूषण शरण सिंह के साथ हैं। व्यक्तिगत तौर पर भी उन्हें खिलाड़ियों के आरोप सही नहीं लगते। वे बृजभूषण सिंह के साथ 12 साल से जुड़े हैं। बृजभूषण ऐसे नहीं हैं। खिलाड़ियों के आरोप निराधार हैं। तीन चार दिन हो गए और आरोप लगाने वालों ने अभी तक कोई सबूत पेश नहीं किया है। बता दें डब्ल्यूएफआई द्वारा खेल मंत्रालय को लिखे जाने और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों को खारिज करने के बाद मंत्रालय ने यह कार्रवाई की।
डब्ल्यूएफआई को किया जा रहा बदनाम
भारतीय कुश्ती महासंघ यानी डब्ल्यूएफआई की ओर से खेल मंत्रालय के नोटिस का जवाब दिया है। फेडरेशन की ओर से कहा गया है कि प्रदर्शनकारी खिलाड़ी अपने निजी स्वार्थ के लिए डब्ल्यूएफआई को बदनाम कर रहे हैं। विरोध के पीछे उनका निजी एजेंडा है। अध्यक्ष या डब्ल्यूएफआई में कोई भी मनमानी से कुछ नहीं कर सकता। यहां कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है।
बैठक में लिया जा सकता था बड़ा फैसला
वहीं भारतीय कुश्ती फेडरेशन में मचे घमासान के बीच उम्मीद की जा रही थी कि फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। उन्होंने रविवार 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में कुश्ती संघ की कार्यकारिणी बैठक बुलाई थी, लेकिन रविवार को अचानक बैठक रद्द करने का निर्णय ले लिया गया। बताया जा रहा है कि बैठक टालने का फैसला खेल मंत्रालय की रोक के चलते लिया गया है। अब 4 हफ्ते तक यह बैठक नहीं होगी। बता दें रविवार को होने वाली बैठक में बृजभूषण अपना पक्ष कार्यकारिणी के सदस्यों के सामने रखने वाले थे।