केजरीवाल की गिरफ्तारी के साथ क्या खत्म हो जाएगी आप …!
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में इन दिनों ईडी की गिरफ्त में हैं और वे ‘जेल से ही सरकार चला रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि केजरीवाल ने ईडी की हिरासत में रहते हुए बतौर सीएम अपना पहला आदेश जारी किया है। यह जल मंत्रालय से जुड़ा है। दिल्ली सरकार में जल मंत्री आतिशी को यह ऑर्डर का नोटिस भेजा है। बता दें दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी की रिमांड पर सौंपा है। सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी इस समय आक्रामक नजर आ रही है तो उधर कांग्रेस के लिए भी यह दिल्ली में अपनी जमीन वापस पाने का मौका बताया जा रहा है।
केजरीवाल की गिरफ्तार के बाद आप का नया संकट
जेल से सरकार चला रहे अरविंद केजरीवाल
आम आदमी पार्टी को घेरने में जुटी बीजेपी
दिल्ली की सत्ता पर काबिज होना चाहती है बीजेपी
कांग्रेस के लिए भी खोई हुई सियासी जमीन की तलाश
मौसम के साथ बढ़ी चुनावी गरमाहट
मौसम के साथ अब लोकसभा चुनाव की गरमाहट बढ़ गई है और दिल्ली में राजनीतिक पारा गर्म है। केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। ईडी के इस एक्शन के बाद केजरीवाल की पार्टी के कार्यकर्ता दिल्ली ही नहीं देश भर में
सड़कों पर उतर प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं तो वहीं विपक्ष का इंडिया गठबंधन ब्लॉक के नेता भी इसे लेकर केंद्र की एनडीए सरकार पर हमलावर नजर आ रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम में बीच बीजेपी ने भी दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी और सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ हल्ला बोल दिया है।
आप के खिलाफ बीजेपी को मिला बड़ा सियासी मुद्दा
दरअसल सीएम और संयोजक केजरीवाल के खिलाफ ईडी के एक्शन से बीजेपी को आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार की पिच पर घेरने का एक बड़ा अवसर मिल गया है। कांग्रेस केजरीवाल को गिरफ्तार किये जाने के विरोध में आम आदमी पार्टी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी नजर आ रही है। ऐसे में बीजेपी नेता कांग्रेसियों उन पुराने बयान दिखा रहे हैं और वायरल कर रहे हैं जिसमें वे शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कार्रवाई की डिमांड कर रहे थे। बीजेपी ने भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात करते हुए आप पर आक्रामण तेज कर दिये हैं। अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किये जाने को कांग्रेस के लिए भी दिल्ली में सियासी जमीन वापस पाने का मौका बताया जा रहा है।
कांग्रेस को भी है खोई हुई सियासी जमीन की तलाश
ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी खत्म हो जाएगी। वैसे आम चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ये दोनों ही पार्टी दिल्ली में सियासी गठबंधन कर चुनाव मैदान में आ गए हैं फिर एक सहयोगी दल की मुश्किल दूसरे दल के लिए मौका कैसे बन जाती है? केजरीवाल के साथ कांग्रेस खड़ी जरूर है लेकिन शराब घोटाले में फंसने के बाद बीजेपी का हमला आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर ही है। दिल्ली में सरकार आम आदमी पार्टी सत्ता में है। मुख्य विपक्षी पार्टी के रुप में बीजेपी मुद्दों को उठाती नजर आती रही है, इस बीच उसे शराब घोटाले का मुद्दा मिल गया। बीजेपी के बढ़ते हमले आप को लगातार कमजोर कर रहे हैं। सत्ताधारी और विपक्षी दल के बीच की यह बड़ी लड़ाई में कांग्रेस अपने लिए खोई सियासी जमीन वापस पाने की जुगत और मौके के रुप में देख रही है।
2013 के चुनाव के बाद सियासी पटल पर उभरी थी आप
दिल्ली विधानसभा में 70 सीटें हैं। साल 1998 से 2013 तक दिल्ली की सत्ता पर कांग्रेस काबिज रही उसकी सरकार रही। इसके बाद 2013 के चुनाव में आम आदमी पार्टी अपने सियासी उभार हर चुनाव के बाद और मजबूत होती गई। जिससे कांग्रेस का वोट शेयर लगातार गिरता चला गया। आम आदमी पार्टी ने अपने पहले ही चुनाव में करीब 29.7 फीसदी वोट शेयर के साथ दिल्ली विधानसभा की 28 सीट जीती तो 31 सीट जीतने वाली बीजेपी के बाद वह दूसरी सबसे बड़े दल के रुप में उभरी। 2013 में कांग्रेस को महज 24.7 फीसदी वोट शेयर के साथ 8 सीट मिली। जबकि बीजेपी 33.3 और मायावती की बसपा को 5.4 फीसदी वोट मिले थे।