आखिर क्यों श्मशान में पहने जाते हैं सफेद कपड़े? जानें

आखिर क्यों श्मशान में पहने जाते हैं सफेद कपड़े? जानें

हिंदु धर्म दुनिया के सबसे बड़े धर्मों में एक है. इस धर्म में 16 संस्कारों का बहुत अधिक महत्व माना गया है. अंतिम संंस्कार उन्हीं संस्कारों में से एक है. अंतिम संस्कार हिंदु धर्म के इंसान का आखिरी संस्कार होता है, जिसमें उसका शरीर पंचतत्व में विलीन होता है.इस संस्कार में कुछ ऐसी रस्में है जिन्हें सालों से माना जा रहा हैं. उन्हीं में से एक रस्म है श्मशान में सफेद कपड़े पहनना. आपके भी दिमाग में कभी न कभी यह सवाल जरूर आया होगा कि आखिर श्मशान में सफेद कपड़े क्यों पहने जाते है. चलिए आपको आपके सवाल का जवाब खबर के जरिए बताते हैं.

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सफेद कपड़े पहनने का महत्व
जब आप ऐसे किसे स्थान पर जाते है , जहां आपका कोई कंट्रोल नहीं होता है , तो उस जगह सफेद कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है. सफेद रंग सात्विक रंग माना जाता हैं और यह शांति का प्रतीक होता है. यह आपको एक प्रकार की सुरक्षा देता है , जो लोगों की नाकारात्मक ऊर्जा और नकारात्मक विचार को आपसे दूर करता है. इसलिए बढ़े बूढ़े श्मशान जैसी जगहों पर सफेद पहनने की राय देते हैं.

वहीं इसके विपरीत हम काले कपड़े की बात करें तो काला कपड़ा सारी ऊर्जा को सोंख लेता हैं. इसलिए अगर किसी जगह आप शोक व्यक्त करने जाएं तो काले कपड़े पहनकर न जाएं. ऐसी जगह सफेद कपड़ा पहनना बेहतर होगा, क्योंकि आप ऐसी जगह की ऊर्जा को सोंखना नहीं चाहेंगे.

मरने वालों के कपड़े को जलाने का है रिवाज
कपड़े इंसान का अंश होता है. जब भी कोई व्यक्ति मरता है तो उसके साथ उसके संपर्क में रहे कपड़ो को भी उसकी लाश के साथ जला दिया जाता हैं. मृतक के कपड़ो को ज्यादा दिनों तक संभालकर नहीं रखा जाता है, और अगर कुछ कपड़े रखे भी जाते हैं तो उन्हें पहली बरसी पर जला दिया जाता है.कहते है कि इन कपड़ो में नकारात्मक ऊर्जा होती है और अगर आप इनके संपर्क में आते है तो आपकी ऊर्जा भी इनके साथ जुड़ जाती हैं. काला जादू मानने वाले लोग इन कपड़ो को दुरूपयोग करते हैं. इसलिए भारत में लोग शरीर के संपर्क में आने वाले कपड़ों का बहुत ख्याल रखते हैं.

आखिर क्यों श्मशान में पहने जाते हैं  सफेद कपड़े? जानें

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