दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा? आखिर कब सामने आएगा सीएम के रुप में एक चेहरे का नाम सामने आएगा? सियासी गलियारे में अब भी यह सवाल तैर रहा है। सवाल तो सबके मन में भी है आखिर हो भी क्यों नहीं 27 साल बाद बीजेपी ने दिल्ली की सत्ता हासिल की है, लेकिन दिल्ली में चुनावी नतीजे आए एक सप्ताह का समय होने के बाद भी नाम तय नहीं हो सका है। बीजेपी दिल्ली की सत्ता में बहुमत के साथ 27 साल बाद लौटी लेकिन सीएम का चेहरा अब तक सामने नहीं आ सका है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। क्या पार्टी में इसे लेकर कोई बैठक की जा रही है।
भाजपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि नए सीएम के नाम को लेकर बीजेपी ने एक फॉर्मूला निकाला है। जिसमें जीते हुए सभी 48 विधायकों में से पहले 15 नामों को छाटा गया। फिर जाति समीकरण के आधार पर 15 में से 9 नाम अलग किए गए। अब इन्हीं 9 नाम में से मुख्यमंत्री, मंत्री और विधानसभा का स्पीकर के नाम को तय किया जाएगा।
BJP दिल्ली में किसे बनाएगी सीएम यह सवाल सभी के मन में उठ रहा है। हालांकी दिल्ली में बीजेपी के लिए सीएम का चुनाव करना आसान नहीं होगा। दरअसल बीजेपी की ओर से चुनाव से पहले कोई चेहरा घोषित नहीं किया गया था। ऐसे में बीजेपी कोई भी संवैधानिक पद पर किसी को देने के पीछे क्या रणनीति काम करती है इसका फॉर्मूला अब तक कोई भी डिकोड नहीं कर पाया है। हालांकि इस बार दिल्ली में तीन फॉर्मूले पर बीजेपी काम कर सकती है।
बीजेपी के कई बड़े नेता दिल्ली में सीएम बनने का सपना संजोए बैठे हैं। कई नेताओं के बॉडी लैंग्वेज भी ऐसे नजर आ रहे हैं जिसे देखकर ऐसा लगता है कि वे खुद को मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद पाल बैठे हैं। हालांकि यह सभी जानते हैं कि बीजेपी में पीएम नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को छोड़कर यह कोई नहीं जानता है कि दिल्ली के सीएम की कुर्सी किसे
मिलने वाली है।
अब दिल्ली के CM पद की दौड़ में 9 चेहरे
शीर्ष दावेदारों में दिल्ली के पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा का नाम है। इस बार के चुनावों में प्रवेश वर्मा सबसे बड़ा नाम के रुप में उभरे हैं। उन्होंने नई दिल्ली सीट से आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल को परास्त किया है। केजरीवाल पर उनकी इस जीत ने उन्हें महत्वपूर्ण राजनीतिक ताकत भी प्रदान की है। ऐसे में वे शीर्ष पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। वहीं पूर्वांचली नेता अभय वर्मा को भी दिल्ली के सीएम पद की दौड़ में माना जा रहा है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के पूर्व प्रभारी रहे आशीष सूद एक और मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। सूद को जनकपुरी विधानसभा सीट से 68,986 वोटों से जीत मिली है। वहीं दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता का नाम भी एक मजबूत संभावना बनकर उभरा है। वे रोहिणी सीट से लगातार तीसरी बार 37,000 से अधिक मतों के अंतर से चुनाव जीते हैं। दिल्ली बीजेपी के एक अन्य पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय का नाम भी सुर्खियों में है। दिल्ली की मालवीय नगर सीट से जीत हासिल करने के बाद वे मजबूत दावेदार हैं।
भाजपा यदि किसी महिला प्रत्याशी के नाम को चुनती है, तो शिखा रॉय शीर्ष पसंद हो सकती हैं। शिखा ने ग्रेटर कैलाश सीट पर AAP के सौरभ भारद्वाज को 3,188 वोटों से हराया है। एक और महिला नेत्री हैं रेखा गुप्ता। रेखा ने शालीमार बाग से AAP की बंदना कुमारी को करीब 29,000 से अधिक वोट के बड़े अंतर से चुनाव हराया है। भाजपा लैंगिक प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता देने का निर्णय लेती है, तो बंदना का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए एक गंभीर दावेदार हो सकती हैं। पार्टी दिल्ली के मुख्यमंत्री के चयन के लिए जीते हुए विधायकों से परे भी विचार कर सकती है। ऐसे में इस भूमिका के लिए उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद रहे प्रमुख पूर्वांचली चेहरे मनोज तिवारी के नाम पर विचार किया जा रहा है। इसी प्रकार पूर्वी दिल्ली के सांसद केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा का नाम भी चर्चा में है। वहीं 9वां नाम छठी बार विधायक चुने गये मोहन सिंह बिष्ट का है। बिष्ट ने कहा दिल्ली का नया मुख्यमंत्री पार्टी के 48 विधायकों में से चुना जाएगा।
(प्रकाश कुमार पांडेय)