कहते हैं कि सियासी सड़क उत्तर प्रदेश से होते हुए दिल्ली जाती है। जिसने भी यूपी जीत लिया तो मानकर चलिए कि लोकसभा चुनाव का रास्ता आसान हो जाता है। यही कारण है कि तमाम राजनैतिक दलों की नजरें उत्तर प्रदेश पर टिक जातीं हैं। और वे किसी भी हाल में इस बड़े राज्य को गवांना नहीं चाहते हैं। अभी यहां दो विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हो रहे है,लेकिन राजनैतिक दल अपनी भविष्य की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
. उप चुनाव में भाजपा ने झौंकी ताकत
. चुनावी प्रभारी रख रहे हैं पैनी नजर
. नजीतों के मद्दे नजर बनेगी आगामी रणनीति
. भाजपा के कई मंत्री दे रहे पल पल की रिपोर्ट
. कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा लगी दांव पर
छानबे और स्वार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं। यहां कल यानी 10 मई को मतदान होना है और 13 मई को नतीजे घोषित हो जाएंगे। राज्य के बड़े दल सपा,बसपा,कांग्रेस और भाजपा ने अभी से अपनी भविष्य की रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है।
भाजपा इस चुनाव पर गंभीर है
वैसे तो भारतीय जनता पार्टी हमेशा ही चुनावी मोड में रहती है। चुनाव छोटा हो या बड़ा सभी को गंभीरता से लेती है और बूथ से लेकर सीट तक रणनीति बनाती है। शायद यही कारण है कि भाजपा अक्सर सफल भी होती है। यही कारण हैकि रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा के अलावा रामपुर विधानसभा उप चुनाव में भी भाजपा सफल रही है। ये बात अलग है कि भाजपा को मुजफ्फरनगर की खतौली सीट पर पराजय का सामना करना पड़ा है। इस बार उप चुनाव में भाजपा ने भले ही अपना उम्मीदबार नहीं उतारा है इसके बाद भी पार्टी पूरी ताकत के साथ अपने समर्थित उम्मीदबार को जिताने के लिए ऐड़ी चोरी का जोर लगा रही है। क्योंकि इसे राज्य सरकार की प्रतिष्ठा से जोड़ा जा रहा है।
भाजपा के प्रभारी रख रहे हैं नजर
भारतीय जनता पार्टी ने स्वार विधानसभा सीट के लिए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को प्रभारी बनाया है। वहीं अपना दल से प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष सिंह पटेल छानबे विधानसभा सीट पर नजर बनाए हुए हैं। बताया जा रहा है कि दोनों ही विधानसभा सीटों को लेकर भाजपा नए नए प्रयोग कर रही है। उनमें कहां सफल हो रही है और कहां नहीं हो पा रही उसका विशलेषण किया जा रहा है।ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए एक पुख्ता रणनीति बनाई जा सके। जानकारों का कहना है कि उप चुनाव के नतीजे ही भविष्य की रणनीति काफी हद तक तय की जाएगी।
एग्जिट पोल पर लगाया प्रतिबंध
उत्तर प्रदेश की दोनो विधानसभा सीटों के उप चुनाव के एग्जिट पोल नहीं दिखाए जाएंगे। इसके लिए निर्वाचन आयोग ने प्रतिबंध लगा दिया है। संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष शुक्ल का कहना है कि स्वार एवं छानबे विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव के मद्देनजर 10 मई को सुबह सात बजे से शाम 6:30 बजे तक किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगाया गया है। आयोग के निर्देशानुसार उपचुनाव में मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिये नियत समय पर समाप्त होने वाले 48 घंटों के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ओपिनियन पोल या किसी अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले के प्रदर्शन पर भी रोक रहेगी।
अब्दुल्ला आजम ने खोई सदस्यता
स्वार विधानसभा सीट पर सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के बेटे अब्दुल्लाह आजम की सदस्यता रद्द हो गई थी इसलिए यहां उप चुनाव हो रहे हैं। यहां से अब्दुल्लाह दूसरी बार जीतकर आए थे लेकिन उन्हे अपनी सदस्यता गंवाना पड़ी। आपको बता दें कि अब्दुल्लाह ने 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना दल (एस) के हैदल अली और हमजा खान को हराया था।