समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं है। दरअसल जियाउर्रहमान बर्क पहले संभल में हुए जिस बुलडोजर एक्शन का विरोध कर रहे थे, वहीं अब उनकी परेशानी का सबब बनने वाला है। सांसद बर्क के बंगले पर भी बुलडोजर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। जिस पर यूपी में एक बार फिर सियासत गर्म है।
- यूपी की राजनीति में उठने वाला है सियासी घमासान
- सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी
- बगैर नक्शा पास कराए सांसद ने बना लिया मकान
- जियाउर्रहमान बर्क के साथ हो सकता है बड़ा खेला
- जिला प्रशासन ने की बड़ी तैयारी
क्या है पूरा मामला
उत्तरप्रदेश की राजनीति में एक बार फिर बड़ा सियासी घमासान होने वाला है। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सांसद का अवैध मकान योगी सरकार की नजर में आ गया है। दरअसल संभल जिला प्रशासन ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर ली है। संभल में बगैर नक्शा पास कराए मकान बनाने के मामले में सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर कार्रवई लगभग तय हो गई है।
हालांकि संभल एसडीएम कोर्ट ने सांसद को साक्ष्य देने को एक और मौका दिया है। पिछले दिनों सांसद मकान अपने नाम न होने या मकान पुराना होने का साक्ष्य नहीं दे पाए थे। अब इस मामले की अगली सुनवाई अब 18 मार्च को होगी।
बता दें संभल के दीपासराय के क्षेत्र में बगैर नक्शा पास कराए मकान बनाने के आरोप में तहसील प्रशासन की ओर से सपा सांसद को नोटिस दिया था। सांसद की ओर से उनके वकील ने मकान को सांसद के नाम न होने और निर्माण पुराना होने का दावा किया था। वहीं संभल नगर पालिका की रिपोर्ट में मकान सांसद के नाम दर्ज है।
मकान पुराना होने का कोर्ट में साक्ष्य नहीं दे सके
जेई की रिपोर्ट में निर्माण नया होना बताया गया है। सांसद के आधारकार्ड और शिक्षा प्रमाणपत्रों के आधार पर सांसद ने मकान अपने दर्ज कराया था। हालांकि मकान मामले के तूल पकड़ने के बाद सांसद के पिता ने नगर पालिका में अपने नाम नाम मकान दर्ज करने का प्रार्थनापत्र देकर सांसद को मकान से अलग करने की कोशिश की। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी सपा सांसद अब तक अपने नाम मकान न होने और मकान पुराना होने का कोर्ट में साक्ष्य नहीं दे सके है।
लग चुका है सांसद पर 500 रुपये का जुर्माना
सांसद के वकील लगतार साक्ष्य पेश करने के लिए समय मांगते रहे। समय देने के साथ कोर्ट अगली तारीख तय की जाती रही। इतना ही नहीं साक्ष्य में विलंब पर एसडीएम कोर्ट की ओर से सांसद पर 500 रुपये का जुर्माना भी लगा चुका है। पिछली सुनवाई में भी सांसद के वकील साक्ष्य नहीं दे सके।
ऐसे में एसडीएम कोर्ट की ओर से साक्ष्य देने के लिए सांसद को अंतिम मौका दिया है। केस की अब अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी। सपा सांसद के मकान मामले में एसडीएम ने अंतिम मौका दिया है। अब 18 मार्च को भी केस की सुनवाई के दौरान सबूत पेश नहीं किये जाते हैं तो सांसद के खिलाफ कार्यवाही तय समझी जा रही है।