UP सरकार ने अब तक के सबसे बड़े बजट में किये हैं कई नए प्रावधान…योगी के बजट में 2027 की झलक…जानें क्या है बजट का चुनावी कनेक्शन

Union Minister Shivraj Singh Chauhan chair broken while traveling by Air India plane

उत्तर प्रदेश के बजट सत्र के दौरान योगी सरकार ने पिछले दिनों 20 फरवरी को अपना 9वां बजट पेश किया। योगी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 8 लाख करोड़ से अधिक का भारी भरकम बजट पेश किया था। जिसे उत्तरप्रदेश का यह अब तक का सबसे बड़ा बजट बताया जा रहा है। इस बजट में क्या कुछ रहा खास और किस वर्ग को क्या मिला।
बजट का विश्लेषण ने पर 2027 की तस्वीर साफ होती नजर आ रही है, क्योंकि यह बजट वित्तीय वर्ष 2025—26 का है। अगले साल जो बजट पेश किया जाएगा वो 2026—27 का होगा और इसके बाद चुनाव का ऐलान हो जाएगा। यही वजह है कि दो साल पहले से ही योगी आदित्यनाथ ने अपनी चुनावी रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है। जिसकी झलक इस बार के बजट में भी नजर आ रही है।

2024-25- और 2025-26 के बजट अनुमानों की तुलना

उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹8,08,736 करोड़ का बजट सदन में प्रस्तुत किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.8 प्रतिशत अधिक है।

बजट आवंटन

कृषि

ग्रामीण विकास

शिक्षा

महिला एवं बाल विकास

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 8 लाख करोड़ से अधिक का भारी भरकम बजट पेश किया, जो प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है। योगी के वित्त मंत्री ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए बजट पेश करते हुए कई बड़े ऐलान किए हैं। जिसमें मेधावी छात्राओं को पात्रता के आधार पर स्कूटी प्रदान करना, युवाओं को ब्याज मुक्त कर्ज देना। 58 नगर पालिकाओं को स्मार्ट सिटी बनाना। राज्य में चार नए एक्सप्रेस वे का निर्माण करना भी शामिल है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 8,08,736 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया गया। यह 2024-25 के 6,96,632 करोड़ रुपये के बजट से करीब 9.8 प्रतिशत अधिक है।

बजट में कुल व्यय

2024-25 में 6,96,632 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025-26 में 8,08,736 करोड़ रुपये। बात करें राजस्व अधिशेष की तो 2024-25 में जीएसडीपी का 3 प्रतिशत (74,147 करोड़ रुपये) अनुमानित था। साल 2025-26 के लिए सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन राजस्व अधिशेष बनाए रखने का प्रयास जारी है।

राजकोषीय घाटा

2024-25 में जीएसडीपी का 3.46 प्रतिशत (86,531 करोड़ रुपये) था। 2025-26 के लिए, सरकार ने इसे नियंत्रित रखने का संकेत दिया है।

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