सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए यूपी की योगी सरकार ने बुन्देलखण्ड ई-वे पर पैनल बनाने की योजना तैयार की है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे 4 लेन का एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेसवे है। यह इटावा के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे से शुरू होता है। इसके बीच में हमीरपुर, जालौन, औरैया, महोबा और बांदा को कवर करते हुए बुन्देलखण्ड के चित्रकूट जिले में भरतकूप तक पहुंचता है। बता दें बुन्देलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन पिछले साल 2022 की जुलाई में पीएम मोदी ने किया था।
- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को बनाएंगे “सौर एक्सप्रेसवे”
- 4 लेन का एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेसवे
- जुलाई 2022 को पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
- सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने की योजना
जानकारी के अनुसार राज्य भर में सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने की अपनी योजना के तहत ही यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को “सौर एक्सप्रेसवे” में बदलने का फैसला किया है। चर्चा है कि राज्य सरकार एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर “सौर फार्म” यानी सौर पैनल स्थापित करने के लिए मुख्य कैरिजवे के साथ सर्विस रोड के बीच की जमीन का उपयोग करने की योजना पर काम कर रही है। सार्वजनिक निजी भागीदारी यानी पीपीपी मॉडल के तहत कार्यान्वित की जाने वाली परियोजना को लेकर उसकी व्यवहार्यता का पता लगाने के के साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने डेवलपर्स से निविदा आमंत्रित की है।
पीपीपी मोड पर कराया जा रहा ये काम
सरकार से जुड़े सूत्रों की माने तो परियोजना का उद्देश्य राज्य में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है। जिसके लिए सौर पार्क के विकास की संभावना तलाशने और परियोजना की रूपरेखा को अंतिम रूप देने का आग्रह किया गया है। इच्छुक कंपनियों से एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर पीपीपी मोड पर यह काम कराया जाएगा। दरअसल बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे चार लेन का एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेसवे है। जो उप्र में औद्योगिक विकास को गति देने के साथ ही औद्योगिक गलियाओं और विशेषतौर पर हाइवे के रख-रखाव और सुविधाओं में बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत योगी सरकार नवीकरणीय ऊर्जा के तौर पर सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ही यह पहल करने जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी यूपीडा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सौर ऊर्जा से लैस करने की अनूठी पहल को पूरा करें। अब तक फिलहाल यूपीडा की ओर से एक ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट’ का पत्र जारी किया जा चुका है। जिामें बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सोलर एक्सप्रेस-वे में परिवर्तित करने के लिए एक विस्तृत ड्राफ्ट तैयार किया गया है। यह पूरी योजना को पीपीपी मॉडल के तहत तैयार की जा रही है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की पहचान बनेगी सौर ऊर्जा
यूपीडा के मुताबिक करीब 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सौर ऊर्जा चालित एक्सप्रेस-वे के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए कार्ययोजना पर चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने निर्देश दिए हैं। जिसपर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। जिसके फलस्वरूप यूपीडा की ओर से एक एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट का पत्र जारी कर आवेदन मांगे हैं।