यूपी के विधानसभा उपचुनाव में भाजपा का नया दांव,जानकर आप भी होंगे हैरान

चुनाव वो लड़ रहे हैं पर प्रतिष्ठा भाजपा की लगी है

इसमें कोई शक नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी राजनैतिक दांव पेंच चलने में माहिर है। विपक्ष को पटकनी कैसे और कहां देना है ये भाजपा को अच्छी तरह से आता है। यूपी के विधानसभा उपचुनाव में भी भाजपा ने कुछ इसी तरह का दांव चला है। जिससे तमाम विरोधी दल भी हैरान हैं।

     10 मई को मतदान और परिणाम 13 मई को आएंगे
–      भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का है सवाल
–      स्वार में भाजपा ने नहीं उतारा अपना उम्मीदवार
–      स्वार में बसपा और कांग्रेस नहीं नहीं उतारे प्रत्याशी
–      दिग्गज नेताओं प्रतिष्ठा दांव पर

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की तपन है और बीच में रामपुर के स्वार और मीरजापुर की छानबे विधानसभा सीट पर उप चुनाव भी हैं। भले ही ये उप चुनाव हैं लेकिन मुकाबला बड़ा ही रोचक और अनोखे अंदाज वाला है। दोनों सीटों पर मतदान 10 और मतगणना 13 मई को होगी।

चुनाव वो लड़ रहे हैं पर प्रतिष्ठा भाजपा की लगी है

दोनों ही सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदबार नहीं उतारे हैं। भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) के उम्मीदबार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। चॅूकि भाजपा का सहयोगी दल है इसलिए भाजपा हर हाल में अपने उम्मीदवारों को चुनाव जिताना चाहती है।इसके लिए पार्टी ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है। तमाम चुनावी दांव पेंच के बीच निर्वाचन आयोग ने उप चुनाव के एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगा दिया है।

स्वार में सपा के हिन्दुवादी स्वर

स्वार विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने हिन्दु उम्मीदवार पर दांव लगाया है। पार्टी जानती है कि ये इलाका मुस्लिमों का है इसके बाद भी हिन्दु उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया है। जानकारों का मानना है कि सपा ने दो दांव चले हैं। एक तो हिन्दु प्रत्याशी अनुराधा चौहान को टिकट देकर हिन्दुओं को वोट मिलने की उम्मीद है और दूसरा आजम खां का इलाका है तो मुस्लिम वोटों का बिखराव होने की संभावना कम है। शायद इसीलिए सपा ने यहां अनुराधा चौहान पर दांव लगाया है। इसके अलावा यहां बसपा और कांग्रेस ने अपना उम्मीदबार नहीं उतारा है। इसका फायदा भी सपा लेने की फिराक में दिख रही है।

अपना दल से गठबंधन का फर्ज निभाएगी भाजपा

भाजपा और अपना दल के गठबंधन के उम्मीदवार शरीफ अहमद अंसारी यहां से चुनाव लड़ रहे है। अंसारी तबका पसमांदा समाज से आता है और भाजपा लंबे समय से पसमांदा समाज के वोट बैंक पर सेंध लगाने में जुटी हुई है। कभी पसमांदा समाज के सम्मेलन आयोजित करती है तो कभी उन्हे लुभाने के प्रयास करती दिखाई देती है। संभवत: इसी सोच के साथ भाजपा की सहमति से अपना दल ने अंसादी को मैदान में उतारा है। ऐसे में भाजपा अंसारी को जिताने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। माना जा रहा है कि भाजपा की यहां प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। चॅूकि यहां आजम खां खुद प्रचार के लिए सड़क पर उतरे हैं तो भाजपा चुप कैसे बैठ सकती है। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता इस चुनाव पर नजर रख रहे हैं।

स्वार विधानसभा में उप चुनाव का कारण

स्वार विधानसभा सीट पर सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के बेटे अब्दुल्लाह आजम की सदस्यता रद्द हो गई थी इसलिए यहां उप चुनाव हो रहे हैं। यहां से अब्दुल्लाह दूसरी बार जीतकर आए थे लेकिन उन्हे अपनी सदस्यता गंवाना पड़ी। आपको बता दें कि अब्दुल्लाह ने 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना दल (एस) के हैदल अली और हमजा खान को हराया था।

छानबे में अपना दल का रहा है कब्जा

बीते दो चुनाव में मीरजापुर की छानबे सीट पर अपना दल का कब्जा रहा है। वर्ष 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना दल ने यहां से जीत दर्ज की थी। इस बार पूर्व विधायक स्वर्गीय राहुल कोल की पत्नि रिंकी कोल को टिकट दिया गया है। रिंकी कोल सांसद पकौड़ीलाल कोल की पुत्रबधु हैं और सपा की उम्मीदबार कीर्ति कोल भी राजनैतिक घराने से हैं उनके पिता भाईलाल कोल छानबे से विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल का यह गढ़ माना जाता है। ऐसे में पार्टी के लिए अपनी प्रतिष्ठा का बड़ा सवाल बन गया है।

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