केंद्रीय परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मिनिस्टर नितिन गडकरी ने यह बड़ा दावा किया कि लोकसभा चुनावों 2024 से पहले विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने उनके सामने प्रधानमंत्री के पद का प्रस्ताव रखा था। हालांकि उन्होंने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। शनिवार 14 सितंबर को पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान मीडिया बिरादरी के बीच चचा करते हुए केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने बताया उन्होंने नेता संबंधित से कहा था कि वे एक विचारधारा और विश्वास का पालन करने वाले व्यक्ति हैं। वे एक ऐसी पार्टी के सदस्य हैं जिसने उन्हें वो सब दिया है, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना ही नहीं की थी। गड़करी ने कहा उन्हें कोई भी प्रस्ताव लुभा नहीं सकता।
- केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नितिन गडकरी का बड़ा दावा
- विपक्ष के वरिष्ठ नेता ने रखा था प्रधानमंत्री पद का प्रस्ताव
- विपक्ष के वरिष्ठ नेता ने रखा था उनके सामने पीए पद का प्रस्ताव
- नितिन गडकरी ने विपक्षी नेता के नाम का नहीं किया खुलासा
- आम चुनावों से पहले किया था विपक्षी नेता ने गडकरी ये संपर्क
हालांकि केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने विपक्ष के उस नेता का नाम नहीं बताया जिसने यह प्रस्ताव उनके सामने रखा था और न ही घटना के बारे में अधिक जानकारी मीडिया के साथ साझा की। गडकरी ने यह भी कहा कि इसी 2024 में हुए आम चुनावों से पहले विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने उनसे संपर्क साधा था। उस समय सियासी हल्कों में यह माना जा रहा था कि भाजपा या एनडीए पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाएगा। सरकार बनाने के लिए कुछ विपक्षी दलों के समर्थन की भी आवश्यकता हो सकती है। गडकरी ने कहा उन्होंने उन नेताजी से साफ तौर पर यह कह दिया था कि वे कुछ सिद्धांतों और विश्वासों के साथ बड़े हुए हैं और वे उन सिद्धांतों और विश्वास के साथ समझौता नहीं करेंगे।
गडकरी भी लगातार तीसरी बार केंद्र सरकार में मंत्री बने
बता दें लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी पूर्ण बहुमत से दूर रह गई थी। चुनाव में बीजेपी की पिछली बार से कम 240 सीट ही मिलीं। हालांकि बाद जेडीयू और टीडीपी जैसी पार्टियों की सहयता से एनडीए गठबंधन की सरकार बनाई गई। जबकि इससे पहले 2014 और 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने अकेले अपने दम पर बहुमत हासिल किया था। इस बार कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षीें दलों ने मिलकर इंडिया अलायंस बनाया था। विपक्ष के गठबंधन ने एक साथ मिलकर देश में लोकसभ का चुनाव लड़ा। जिसके परिणाम स्वरुप एनडीए के लिए 400 सीटों को पार का दावा करने वाली बीजेपी खुद बहुमत के आंकड़े से दूर हो गई थी। हालांकि एनडीए की सरकार बनी और तीसरी बार फिर से नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने। वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी भी लगातार तीसरी बार केंद्र सरकार में मंत्री बने हैं।