शिवपुरी की जनता से सिंधिया ने क्यों मांगी माफी,मराठा समाज से क्यों याद आए पारिवारिक संबंध

Union Minister Jyotiraditya Scindia

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना,शिवपुरी के साथ ग्वालियर अंचल के लोगों से हाथ जोड़कर माफी मांगी। सिंधिया ने कहा पहले कोई गलती हो तो गई उन्हें माफ करना। बता दें सिंधिया यहां शिवपुरी में वैश्य और जैन समाज के एक सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे थे। सोमवार को शिवपुरी पहुंचे सिंधिया ने विभिन्न समाजों के सम्मेलन आयोजित किए थे। जिसमें केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने वैश्य और जैन समाज के सम्मेलन में शिरकत की। और कहा पूर्व की भांति में वे ग्वालियर चंबल संभाग के विकास के लिए प्रयासरत रहेंगे। शिवपुरी नहीं पूरे ग्वालियर संभाग के लिए जैसे वे पहले सक्रिय रहते थे। उनकी सक्रियता उसी तरह रह लगातार बनी रहेगी।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल संभाग के दौरे के दौरान शिवपुरी में विभिन्न समाजों के सम्मेलनों में शिरकत की। रविवार को जहां नरवर में पाल समाज का सम्मेलन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पाल समाज से अपने पारिवारिक संबंधों का उल्लेख किया था। इसके अलावा दिनारा में यादव समाज का सम्मेलन आयोजित किया। तो अगले दिन सोमवार को शिवपुरी में वैश्य और जैन समाज के बीच जा पहुंचे। इस सम्मेलन के अलावा राठौर समाज सहित बाथम समाज के सम्मेलन में भी सिंधिया ने हिस्सा लेकर उन्हें अपने साथ खड़ा करने की कोशिश की। दरअसल विभिन्न समाज के इस तरह सम्मेलनों से सियासी कयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले सिंधिया अपने इलाके के सामाजिक संगठनों से मेल मुलाकात कर अपनी पैठ बढ़ाने में जुटे हैं। जिससे आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका लाभ उठाया जा सके।

चुनावी मौसम में सिंधिया को क्यों याद आए मराठा

विधानसभा और इसके बाद लोकसभा चुनाव होना हैं। इस चुनावी मौसम में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मराठा समाज की याद सताने लगी है। बता दें सिंधिया ने शिवपुरी अंचल के दौरे के विभिन्न समाजों के मंच पर जाकर उन समाजों से एकता बनाए रखने। राष्ट्र निर्माण में सहयोग करने का आव्हान किया। इस बीच 21 मई को नरवर में पाल, बघेल, धनगर समाज की ओर से आयोजित सम्भागीय सम्मेलन में केन्द्रीय ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पाल बघेल समाज के लोगों को संबोधित करते हुए कहा …वे ये कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि पाल समाज और सिंधिया परिवार का रिश्ता दिल का नहीं खून का रिश्ता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आपके समाज की पूर्वज रानी अहिल्याबाई होलकर महाराष्ट्र के जिस इलाके से संबंध रखती हैं, हमारी उत्पत्ति भी वहीं से हुई है। सिंधिया ने कहा उनके पूर्वज महादजी सिंधिया और अहिल्याबाई होलकर के बीच भाई बहन का रिश्ता था। हम दो मराठा परिवार एक साथ महाराष्ट्र से आए हैं। अहिल्याबाई होलकर ने सिर्फ अपने पाल बघेल, धनगर समाज के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण समाजों के उत्थान और आध्यात्म को बढ़ाने का काम किया। उन्होंने बड़े-बड़े मंदिर और तीर्थ स्थलों की स्थापना की। हिंदवी स्वराज की स्थापना करने में तीन राजपरिवार सिंधिया, गायकवाड़ और होलकर का योगदान महत्वपूर्ण योगदान रहा। इन्होंने मुगलों से लड़ाई लड़कर हिंदवी स्वराज की स्थापना की। सिंधिया ने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि हम लोग किसी को नेता चुन लेते हैं जो हमारी नजरों में तो हीरो होता है, लेकिन ग्राउंड पर वह जीरो होता है। इसलिए वे चाहते हैं कि आप सभी लोग मिलकर किसी एक को नेता के रूप में चुनें। उसे राजनीति में आगे बढ़ाने में पूरी मदद मेरी ओर से मिलेगी। वह राजनीति में पाल बघेल समाज का प्रतिनिधि करेगा। समाज की बातों के बीच सिंधिया ने कहा कि कुछ समय बाद आपके पास ऐसे लोग आएंगे जो बड़े-बड़े वादे करेंगे और अपनी जेबें भरकर पांच साल के लिए गायब हो जाएंगे। इनसे सभी को सावधान रहना है। पांच महीने बाद वह समय आने वाला है जब आपको सोच समझकर राष्ट्र निर्माण में सहयोग करना है।

लोकसभा चुनाव हार चुके हैं सिंधिया

बता दें ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रहते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के केपी यादव से हार गए थे। सियासी जानकार कयास लगा रहे हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव की हार की अपेक्षा सिंधिया को नहीं थी। इसके चलते अब सिंधिया अपने इलाके में पूरी सक्रियता और जोश के साथ आने वाली नई पारी के लिए जुट गए हैं। सियासी समीक्षक कहते हैं भविष्य में फिर से ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से मैदान में उतर सकते हैं। इसी के चलते वे सामाजिक संगठनों के सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं। जिससे मेल मुलाकातों का दौर चलता रहे। स्थानीय मतदाताओं से उनकी दूरी ना हो।

चुनावी मौसम में सिंधिया को क्यों याद आए मराठा

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