मिल्कीपुर उपचुनाव: प्रचार के रण में उतारा मुलायम कुनबा… प्रिया सरोज के साथ डिंपल यादव भी इस दिन करेंगी रोड शो

The reputation of the Yadav family is at stake in the by election being held on Ayodhya Milkipur assembly seat

अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में यादव परिवार की साख दांव पर लगी है। ऐसे में मिल्कीपुर उपचुनाव के प्रचार में धर्मेंद यादव से लेकर डिंपल यादव और सपा प्रमुख पूर्व सीएम अखिलेश यादव तक पूरा यादव कुनबा मैदान में उतर आया है। आखिर एक विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के प्रचार में पूरे कुनबे को क्यों उतरना पड़ रहा?

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में स्थित मिल्कीपुर विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में प्रचार अब अपने चरम पर पहुंच चुका है। इस सीट से समाजवादी पार्टी की ओर से फैजाबाद से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया गया है। अजीत प्रसाद के सामने सत्ताधारी भाजपा प्रत्याशी चंद्रभान पासवान की चुनौती है। ऐसे में मिल्कीपुर सीट के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अजीत के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए पूरा मुलायम सिंह का पूरा कुनबा मैदान में उतर आया है।

Milkipur Assembly Seat पर हो रहे उपचुनाव में यादव परिवार की साख दांव पर

बता दें मिल्कीपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी सांसद धर्मेंद्र यादव की और रैली की गई। वहीं अब गुरुवार 30 जनवरी को पार्टी सांसद डिंपल यादव और प्रिया सरोज रोड शो करने वाली हैं। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तीन फरवरी को पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का भी रोड शो होगा। इसके साथ ही अखिलेश जनसभा कर अजीत के लिए वोट मांगेंगे। ऐसे में बड़ी सवाल यह है कि एक सीट के उपचुनाव में पूरे मुलायम कुनबे को आखिर प्रचार के रण में क्यों उतरना पड़ रहा है?

दरअसल अयोध्या में सपा की जीत तुक्का नहीं, ये साबित करना है। बता दें पिछले साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में अयोध्या फैजाबाद लोकसभा सीट पर सपा के अवधेश प्रसाद ने जीत की थी। अवधेश प्रसाद की इस जीत को आधार बनाकर विपक्ष बीजेपी को लगातार घेरता रहा है। ऐसे में अखिलेश यादव सीट अलॉटमेंट से पहले तक अवधेश प्रसाद को अपने साथ ही लोकसभा में बैठाते रहे। ऐसे में सपा चाहती है कि अयोध्या से पार्टी की जीत को बीजेपी तुक्का बताती रही है। मिल्कीपुर में जीत दर्ज होती है तो साबित होगा कि लोकसभा में सपा की जीत तुक्का नहीं थी।

सीट बचाने की कोशिश

मिल्कीपुर उपचुनाव के परिणाम से सरकार की सेहत पर वैसे कोई असर नहीं पड़ने वाला है। हालांकि बीजेपी फिर भी पूरा जोर चुनाव में लगाए हुए है। ऐसे में सपा की कोशिश है कि 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान इस सीट को जीता था जिसे उपचुनाव में भी जीत कर कब्जा बरकरार रखा जाए। मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा और भाजपा दोनों ही दलों के बीच मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने की लड़ाई बनती नजर आ रही है। संभवत: यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी चुनावी रैली में कटेहरी से कुंदरकी तक, उपचुनावों में पार्टी की जीत का उललेख किया था। अब सपा की कोशिश 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद होने वाले उपचुनावों में हार का सिलसिला तोड़ने की है।

योगी की मिल्कीपुर में ताबड़तोड़ रैलियां

मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव के बीच बीजेपी की ओर से राज्य की योगी सरकार के मंत्रियों के साथ ही पार्टी प्रदेश संगठन के तमाम बड़े नेता प्रचार के मैदान में सक्रिय नजर आ रहे हैं। स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मिल्कीपुर उपचुनाव कार्यक्रम के ऐलान के बाद यहां एक जनसभा भी कर चुके हैं। इसके बाद दूसरी रैली की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। मुख्यमंत्री ने 23 जनवरी को हैरिंग्टनगंज के पलिया मैदान में रैली की थी। अब वे 31 जनवरी को एक और रैली करने वाले हैं।
(प्रकाश कुमार पांडेय)

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