भगवान शंकर के देश में वैसे तो कई चमत्कारी मंदिर हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी भगवान शिव का एक अद्भुत और चमत्कारी मंदिर है। यह मंदिर ग्वालियर के गिरगांव में है। यहां महादेव को मजिस्ट्रेट महादेव कहा जाता है। इस मंदिर में महादेव न्याय के देवता के रूप में पूजे जाते हैं। यहां महादेव की अदालत लगती है। कोर्ट कचहरी की तरह यहां चोरी बेईमानी लूटपाट आदि की घटनाओं की सुनवाई होती हैं।
- इस मंदिर में विराजमान है शिव मजिस्ट्रेट महादेव
- यहां कहलाते हैं शिव मजिस्ट्रेट महादेव
- भगवान शिव का अद्भुत और चमत्कारी मंदिर
- ग्वालियर जिले के गिरगांव में ये मंदिर
- सैंकड़ों वर्ष पुराना है गिरगांव का मंदिर
- न्याय के देवता के रुप में होती है महादेव की पूजा
- महादेव मंदिर की अदालत में होते हैं फैसले
- चोरी बेईमानी लूटपाट की होती है सुनवाई
ग्वालियर के गिरगांव में सैकड़ों साल पुराना महादेव का मंदिर है। इस मंदिर में अपराधी और झूठ बोलने वाले को कड़ी सजा देते हैं। मंदिर में बाकायदा पंच बैठते हैं। फरियादी और आरोपी पक्ष अपनी-अपनी बात रखते हैं। जिस पर चोरी आदि का इल्जाम होता है। उसके खिलाफ सुनवाई होती है। उसे सच बोलने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी जाती है। अगर उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया तो महादेव उसे माफ कर देते हैं। मंदिर पर आने के बाद भी अगर उसने अपना गुनाह कबूल नहीं किया और महादेव के सामने उनकी कसम खाकर झूठ बोला तो 7 दिन के भीतर महादेव उसे दंड भी आवश्य देते हैं। ऐसा भी कहते हैं कि इस चमत्कारी मंदिर में कई बार कोर्ट कचहरी के मामले भी सुलझाया जाते हैं। पुलिस भी कई बार चोरी और अन्य वारदातों के खुलासे के लिए, मजिस्ट्रेट महादेव की शरण में जरूर आती है। ऐसी मान्यता है कि यह महादेव निर्दोष को बंधनों से मुक्त कर देते हैं। कई मामलों में महादेव ने निर्दोष व्यक्ति को बंधन से मुक्त कराया है। ऐसे में लोग दूर-दूर से महादेव के दर्शन करने खींचे चले आते हैं। इस मंदिर की ख्याति भी अब पूरे देश में मजिस्ट्रेट महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो चुकी है। चाहे वो गांव में भैंस चोरी का मामला हो या अन्य चोरी की वारदातों का। खुलासा भी मजिस्ट्रेट महादेव की कचहरी में ही होता है। गांव वालों का कहना है कि महीने में कई केस ऐसे आते हैं, जिनमें झूठ सच का खुलासा, मजिस्ट्रेट महादेव के मंदिर में ही होता है।
इस अदालत में नही बोलता कोई झूठ
भगवान शंकर की पूजा यहां विधि विधान से की जाती है। महाशिवरात्रि को यहां बड़ा मेला लगता है। दूर-दूर से श्रद्धालुओं के दर्शन करने के लिए चले आते हैं। ग्वालियर जिले में स्थित गिरगांव के इस मंदिर में मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत लगती है। जिसमें कोई अपराधी बचकर नहीं जा सकता। ऐसा कहा जाता है गंभीर अपराधों में मजिस्ट्रेट महादेव मृत्यु दंड की सजा तक देते हैं। जबकि छोटे-मोटे अपराधों में मंदिर पर पंच आरोपी पर पंचनामे में 50 हजार रुपये तक का आर्थिक दंड सुनिश्चित करते हैं।अगर एक सप्ताह के भीतर आरोपी का कोई नुकसान हो जाता है तो यह मान लिया जाता है कि संबंधित ने ही वारदात को अंजाम दिया है। इसीलिए महादेव ने इसे अर्थ दंड दिया है। आरोपी के घर में या कोई ना कोई एक सप्ताह के भीतर अनहोनी घटित हो जाए तो उसे भी महादेव के दंड के रूप में माना जाता है। ग्वालियर का गिरगांव महादेव मंदिर अपने चमत्कार के लिए विख्यात है। यहां महादेव अपने पूरे परिवार के साथ विराजे हैं।