हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में बारिश आफत बनकर बरस रही है। शिमला और सोलन में बारिश का कहर देखने को मिला है। यहां शिमला की बात करें तो बड़ा हादसा हुआ है। यहां भारी बारिश के चलते भूस्खलन होने उसकी चपेट में शिव मंदिर आ गया। बता दें सावन के सोमवार पर पूजा करने पहुंचे लगभग पचास लोग मलबे में दब गए। जिनमें से 9 लोगों की मौत हो गई। जिनके शव निकाले जा चुके हैं। जबकि दूसरे श्रद्धालुओं को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है।
- पहाड़ी इलाकों में कुदरत का कहर जारी
- भूस्खलन की चपेट में आया मंदिर
- मंदिर के मलबे में दबे 50 लोग
- मलबे से 9 लोगों के निकाले शव
- हिमाचल के बिलासपुर में फिर भूस्खलन
- सोलन में भी आफत की बारिश
- बादल फटने से भारी तबाही
- सोलन में बादल फटने से 7 लोगों की मौत
कुदरत के कहर से जूझ रहे पहाड़ी राज्य
पहाड़ी राज्यों पर कुदरत का कहर लगातार जारी है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में आसमान से आफत की बारिश हो रही है। दोनों पहाड़ी राज्य कुदरत के कहर से जूझ रहे हैं। भारी बारिश के चलते अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में वृद्धि हुई है। ऐसे में दोनों राज्यों में सरकार अलर्ट है। मंडी में ब्यास नदी अपने उफान पर है तो पौड़ी गड़वाल और हरिद्वार में अलखनंदा की लहरें लोगों को डरा रही हैं। बात करें शिमला की तो ये हादसा शिमला के समरहिल इलाके में हुआ है जहां एक शिव मंदिर भूस्खलन की चपेट में आ गया। जिसके चलते करीब 50 श्रद्धालु मलबे में दब गए। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान में जुट गई थी।
सोलन में बादल फटा, 7 लोगों की मौत
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में भी बारिश का कहर देखने को मिला है। यहां बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया। जिले के ममलीग की जडोंण भी बादल फटने से लैंडस्लाइड के बाद दो घर क्षतिग्रस्त हो गए। जिसमें 7 लोगों की जान चली गई। जबकि आधा दर्जन लोगों का रेस्क्यू किया गया। मिली जानकारी के अनुसार सोलन के ममलीक स्थित धायावला गांव में देर रात बादल फट गया। बादल फटने से पूरा का पूरा गांव मलबे के ढेर में दब गया। मंडी जिले के साथ ही सिरमौर जिले में भी आधा दर्जन लोगों के जगह-जगह मलबे में दबे होने की सूचना मिली है। मंडी के सात मील के पास भी बादल फट गया। जिससे एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियों व कुछ घरों को नुकसान हुआ है।
हिमाचल में यहां मची तबाही
बता दें हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में भी बादल फटने से तबाही का मंजर दिखाई दिया। कई मवेशी और वाहन बह गए। 25 स्कूली बच्चों को किसी तरह रेस्क्यू किया गया। मंडी में भी भूस्खलन से दो गांवों में लोगों को विस्थापित किया गया है। वहीं बिलासपुर में भी भूस्खलन की घटना सामने आई है। भारी बारिश के चलते बिलासपुर में भाखड़ा डैम खतरे के निशान को पार कर गया। जिससे खतरा बढ़ गया है। भारी बारिश में भूस्खलन के चलते कुल्लू मनाली जाने वाले रास्ते बंद हो गए हैं। इतना ही नहीं चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे से पंडोह के बीच भी कई जगह रास्ते बंद हो गए। सड़कों पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। जिसके चलते शिमला और चंडीगढ़ को जोड़ने वाला शिमला-कालका नेशनल हाइवे पर कोटी के पास चक्की मोड़ पर सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में वाहनों की कतार लग गई।
सीएम सुक्खू ने किया ट्वीट
वहीं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि शिमला से दुखद खबर सामने आई है। यहां भारी बारिश के चलते समर हिल में शिव मंदिर ढह गया। मंदिर के मलबे से अब तक 9 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। स्थानीय प्रशासन मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए मलबे को हटाने का काम तत्परता से कर रहा है। हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर लगातार जारी है। भारी भी भारी बारिश हो रही है। जिसके चलते जगह जगह लैंडस्लाइड के घटनाए सामने आ रही हैं। लैंडस्लाइड के चलते कई जगहों पर रास्ते बंद हो गए हैं। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से स्कूल कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई है। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी ने आज सोमवार 14 अगस्त को प्रस्तावित परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।