पहलगाम हमला: सुरक्षाबलों ने बम से उड़ाया इस आतंकी का ठिकाना…आसिफ के घर पर भी चला बुलडोजर
जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में शामिल स्थानीय आतंकी आदिल हुसैन थोकर के अनंतनाग जिले के बिजबेहरा स्थित गोरी इलाके में बने घर को सुरक्षा बलों ने आज बम से उड़ा दिया। आदिल थोकर आदिल गुरी के रूप में पहचाने जाने वाले इस आतंकी के खिलाफ कई आरोप है। पहलगाम की बैसरन घाटी में पिछली 22 अप्रैल को हुए हमले की योजना बनाने के साथ उसे अंजाम देने में पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद करने का आरोप गुरी पर है। वहीं, इस हमले में शामिल दूसरे स्थानीय आतंकी आसिफ शेख के त्राल क्षेत्र में बने घर को जम्मू-कश्मीर प्रशासन की टीम ने बुलडोजर से गिरा दिया।
- अनंतनाग में आतंकी का घर सुरक्षा बलों ने बम से उड़ाया
- पहलगाम आतंकी हमले में थे स्थानीय आतंकी शामिल
- आदिल हुसैन थोकर का अनंतनाग के बिजबेहरा में है घर
- गोरी इलाके में बने घर को सुरक्षा बलों ने बम से उड़ाया
- स्थानीय आतंकी आसिफ शेख ने भी की थी मदद
- त्राल क्षेत्र में बना था आतंकी शेख का घर
- जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शेख के घर पर चलाया बुलडोजर
बता दें पहलगाम हमले में स्थानीय आतंकी आदिल हुसैन थोकर शामिल था। उसके अनंतनाग जिले बिजबेहरा के गोरी इलाके में घर को सुरक्षा बलों ने बम से उड़ा दिया है। आदिल थोकर की पहचान आदिल गुरी के रूप में भी है। इस आतंकी पर आरोप है कि पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की योजना बनाने और उस योजना को अंजाम देने में पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद की थी।
पहलगाम हमले में स्थानीय आतंकी आसिफ शेख भी शामिल था। जिसके त्राल स्थित घर को जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से बुलडोजर से गिरा दिया है। बता दें स्टील टिप वाली गोलियों, एके-47 राइफलों और बॉडी कैमरा पहने हुए लश्कर-ए-तैयबा एलईटी के करीब चार आतंकवादियों ने पिछले दिनों 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों के बीच हिंदुओं को निशाना बनाया था। इतना ही नहीं उन पर गोलियों की बौछार कर दी थी। इस आतंकी हमले में करीब 26 निर्दोश लोगों की जान गई थी। जिनमें से अधिकांश हिन्दु पर्यटक थे। जो भारत के अलग-अलग प्रदेशों से जम्मू-कश्मीर घूमने पहुंचे थे। इन
आतंकवादियों को मिली थी स्थानीय आंतकी की मदद
आतंकवादियों को दो स्थानीय आंतकी की मदद मिली थी। दोनों स्थानीय आतंकियों की पहचान बिजबेहरा निवासी आदिल हुसैन थोकर और त्राल निवासी आसिफ शेख के रूप में की गई है। बताया जाता है कि आदिल हुसैन थोकर साल 2018 में अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्त अवैध तरीके से पाकिस्तान गया था। जहां उसने पाकिस्तान प्रवास के दौरान आतंकी कैम्प में ट्रेनिंग भी थी। पिछले साल 2024 में आदिल जम्मू-कश्मीर वापस लौटा था। पहलगाम हमले के बाद हमले के कुछ चश्मदीदों ने भी बताया कि कुछ आतंकी पश्तून भाषा में आपस में बातचीत कर रहे थे। सूत्र बताते हैं कि इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि हमले में शामिल सभी आतंकवादी पाकिस्तान में पलने वाले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के हैं। हालांकि द रेजिस्टेंस फ्रंट TRF ने भी इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा है कि टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा का ही एक मुखौटा आतंकी संगठन है। जिसका उपयोग हमले को एक स्वदेशी समूह के काम के तौर पर दिखाने के लिए किया गया था।
सेना ने दिया पाकिस्तान की फायरिंग का ये करारा जवाब
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस बीच भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा एलओसी पर पाकिस्तानी फायरिंग का करारा जवाब दिया है। भारतीय सेना ने आज शुक्रवार 25 अप्रैल की सुबह बताया कि पाकिस्तानी सेना की ओर से उकसावे की कार्रवाई की गई थी। इसके साथ ही नियंत्रण रेखा पर कुछ जगह पर पाकिस्तानियों ने छोटे हथियारों से फायरिंग की थी। भारतीय सेना के जवानों ने पाक की इस नापाक कार्रवाई का करारा जवाब दिया है। प्रकाश कुमार पांडेय