यूपी के संभल में हुई हिंसा के बाद आज पहला जुमा यानी शुक्रवार का दिन है। आज 29 नवंबर को पहला जुमा होने के चलते शहर में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया।
- संभल में जामा मस्जिद मामले में कोर्ट में सुनवाई
- कोर्ट में आज सिर्फ होगी मस्जिद केस की सुनवाई
- सुनवाई के चलते वकील नहीं करेंगे दूसरा काम
- भारत सरकार के वकील विष्णु शर्मा पहुंचे कोर्ट
- मामले में मीडिया को दी जानकारी
- DM, SP ने किया न्यायालय परिसर का निरीक्षण
- कोर्ट कमिशन की टीम न्यायालय में हुई पेश
- लखनऊ की मस्जिदों पर भी पुलिस का कड़ा पहरा
- जुमे की नमाज के चलते बढ़ाई सुरक्षा व्यवस्था
- लखनऊ की मस्जिदों पर पुलिस का पहरा
- जुमे की नमाज पर बढ़ी पुराने शहर में सुरक्षा
- ड्रोन से रखी जा रही निगरानी
वहीं राजधानी लखनऊ में भी जुमे की नमाज को लेकर प्रशासन अलर्ट नजा आया। पुराने शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में खासकर नक्खास, चौक, अमीनाबाद और सआदतगंज में कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किये गये। सभी मस्जिदों के बाहर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है। पुलिसकर्मी लगातार ड्रोन से निगरानी भी करते नजर आ रहे हैं।
वहीं संभल में संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से बैरिकेडिंग की है। गुरुवार देर रात तक पुलिस प्रशासन की ओर से फ्लैग मार्च किया गया। वहीं जामा मस्जिद के आसपास करीब 20 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। यूपी पुलिस संभल हिंसा जैसी घटना फिर से ना हो इसके लिए पूरी तरह से मुस्तैद है।
सर्वे को लेकर सुप्रीम सुनवाई
दूसरी ओर जामा मस्जिद कमेटी की ओर से सर्वे के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। जिस पर आज शुक्रवार 29 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। सीजेआई की बेंच इस मामले को लेकर सुनवाई की जा रही है। बता दें दायर याचिका में मस्जिद कमेटी ने सर्वे को रोकने के साथ ही यथास्थिति बनाए रखने की मांग की है।
इसके अतिरिक्त चंदौसी कोर्ट में भी संभल की जामा मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट पेश की जाने वाली थी, लेकिन पेश नहीं की जा सकी। सुनवाई के चलते चंदौसी कोर्ट के आसपास भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बता दें संभल के चंदौसी न्यायालय में जमा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर की सर्वे रिपोर्ट आज शुक्रवार को पेश होनी थी लेकिन किसी कारण के चलते सर्वे रिपोर्ट पेश नहीं हो पाई है। हिंदू पक्ष के वकील हैं उन्होंने अभी सर्वे रिपोर्ट को कोर्ट को नहीं सौंपी है। जिसमें कोर्ट ने अगली तारीख 8 जनवरी तय कर दी है। इसके साथ ही 10 दिन का इसमें समय दिया गया है।