राजस्थान में अगले साल 2023 में विधानसभा चुना होना हैं। ऐसे में कांग्रेस की बढ़ती गुटबाजी उसे चुनाव में नुकसान पहुंचा सकती है। राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच सचिन पायलट ने एक बार फिर गहलोत पर हमला बोला है। पीएम मोदी ने एक दिन पहले गहलोत की जिस तरह तारीफ की। उस पर तंज कसते हुए पायलट ने यहां तक कह दिया कि मोदी ने गुलाम नबी आजाद की भी इसी तरह तारीफ की थी। इसके बाद क्या हुआ, ये सभी को मालूम है। इधर पायलट के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम गहलोत ने उन्हें नसीहत दी और कहा कि उन्हें इस तरह की बयानबाजी नहीं करना चाहिए।
मोदी ने दी गुटबाजी का हवा
बाता 1 नवंबर को मानगढ़ धाम में हुए गौरव गाथा कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम अशोक गहलोत की तारीफ की थी। इसके एक दिन बाद ही पायलट ने गहलोत पर करारा तंज कस दिया। उन्होंने कहा कि पीएम ने ऐसे ही गुलाम नबी आजाद की भी तारीफ की थी। अब जो स्थिति है वह सबके सामने है। पायलट यह कहना चाहते हैं कि उनका मानना है अशोक गहलोत का झुकाव बीजेपी की तरफ हो रहा है और यह कांग्रेस के लिए नुकसान की स्थिति पैदा कर सकता है।
मोदी को आइना दिखाने का किया काम
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सीएम गहलोत के रुख का समर्थन किया है। जिसे कांग्रेस ने ट्वीट किया है। सचिन पायलट के तंज के सवाल पर सुप्रिया श्रीनेत का कहना है प्रधानमंत्री मोदी ने वहां पर कहा कि अशोक गहलोत सबसे अनुभवी सीएम हैं। यह सच है कि वे अनुभवी हैं। लेकिन अशोक गहलोत जी ने जब इसी मंच से पूरी जनसभा में कहा कि मोदीजी की विदेशों में इज्जत इसलिए है कि वे गांधी, अंबेडकर, नेहरू के देश से आते हैं। जहां लोकतंत्र की जड़ें 70 साल बाद भी जिंदा हैं। गहलोत ने जनसभा में एक तरह से मोदी को आइना दिखाने का काम किया है। दरअसल जयपुर में पायलट ने कहा प्रधानमंत्री ने जो तारीफ की। मैं समझता हूं, वह बड़ा दिलचस्प डेवलपमेंट है। इसी तरह प्रधानमंत्री ने सदन के अंदर कभी गुलाम नबी आजाद की भी तारीफ की थी। इसके बाद क्या घटनाक्रम हुआ। वह सभी ने देखा है। इसलिए इसे इतना हल्के में नहीं लेना चाहिए।
तीनों नेताओं के खिलाफ हो कार्रवाई
पूर्व डिप्टी सीएम पायलट ने कहा तीन लोगों को नोटिस दिए गए। नोटिस के बाद यह जानकारी में आया है कि जवाब दिए गए हैं। हमारी पार्टी अनुशासित है। इस पार्टी में हम सबके लिए नियम कायदे बराबर हैं। नोटिस पर भी शीघ्र निर्णय लिए जाने चाहिए। कानून, अनुशासन सब पर लागू है। खड़गे जी ने अध्यक्ष का पदभार संभाला है। ऐसा तो हो नहीं सकता कि अनुशासनहीनता मानी गई हो और उस पर निर्णय नहीं लिया जाए।
वेणुगोपाल ने कहा जल्द होगा फैसला
सचिन पायलट ने सीएम बदलने की चर्चाओं पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा राजस्थान के संदर्भ में निर्णय लेने की जो बात है, तो केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। हम सब चुनाव में लगे हुए हैं। जल्दी ही गुजरात के चुनाव की घोषणा भी हो जाएगी। अनुशासन के मामले भी वेणुगोपाल के संज्ञान में है। राजस्थान में यह जो अनुशासनहीनता का मामला बना हुआ है। इस पर जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।
गहलोत समर्थक जोशी का पलटवार
सचिन पायलट के बयान के बाद महेश जोशी ने एक तरह से पलटवार किया है। जोशी गहलोत खेमे से आते हैं। उन्होंने कहा बुत हमको कहे काफिर,अल्लाह की मर्ज़ी यह अपने आप मे काफी है। पार्टी आलाकमान की गाइडलाइन है। ऐसे में वे ज्यादा नहीं बोलना चाहते। हमें नोटिस मिला है। हमने जवाब दिया है। पार्टी जो भी सज़ा मुकरर करेगी वह स्वीकार होगी। किसी भी सूरत में पार्टी को नुकसान नहीं होने देंगे।
गहलोत ने गलत नहीं कहा
जोशी ने कहा कि हाईकमान के आदेश का पालन करेंगे। पीएम राजस्थान आए। उनका मान सम्मान किया। वे नहीं समझते कि मुख्यमंत्री ने कोई गलत बात नहीं की। ये गांधी जी,पंडित नेहरू जी की विरासत है। वे पार्टी की एडवाइजरी से बंधे हैं। जिस विनम्रता के साथ सीएम ने आलाकमान से माफी मांगी। उससे उनका कद और बढ़ गया। विनम्रता के मामले में अशोक गहलोत के अलावा कोई नेता नहीं। बता दें पायलट ने अशोक गहलोत का बिना नाम कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने जिस तरीक़े से बड़ा या की है वो दिलचस्प है। इससे पहले इसी तरह की तारीफ़ में राज्यसभा में ग़ुलाम नबी आज़ाद की सुनी थी। उसके बाद क्या हुआ वो सबके सामने है। पायलट ने ये भी कहा कि 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक के समय जिन नेताओं ने अनुशासनहीनता की थी। उन नेताओं पर अब कार्रवाई का वक्त आ गया है। सचिन पायलट ने कहा कि जहां तक राजस्थान के अंदर की बात है। 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। वो हुई नहीं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद सोनिया गांधी से माफी मांगी थी। उन सब का संज्ञान लेने के बाद पार्टी ने इसे अनुशासन माना और 3 लोगों को नोटिस दिया। कांगेस पार्टी अनुशासित है। इस पार्टी में हम सबके लिए नियम कायदे बराबर है। जो नोटिस दिया गया है उसके जवाब मांगे गए हैं। उस पर भी शीघ्र निर्णय लिए जाने चाहिए।
कुर्सी को लेकर शुरु हुई थी लड़ाई
इस बात से आपको यह जरूर याद आएगा कि कुछ समय पहले गहलोत ने पायलट के लिए भी यही बात कही थी। कांग्रेस को दो बड़े नेताओं की लड़ाई तब शुरू हुई थी। जब मुख्यमंत्री गहलोत ने सचिन पायलट पर एक बड़ा आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि सचिन पायलट केंद्रीय मंत्री के साथ मिल गए हैं। राजस्थान में कांग्रेस सरकार गिराना चाहते हैं। तब से ही एक लंबी बहस शुरू हुई जो आज तक चल रही है। सचिन पायलट भी फिर चुप नहीं रहे और अपने बयानों से लगातार गहलोत को हिसाब देने लगे। एक ओर पायलट ने गहलोत को अनुभवी बताया तो वहीं तीखे तंज भी कस दिए।