राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की परेशानी बढ़ती जा रही है। कांग्रेस में पिछले तीन साल कलह और विरोधी बयान जारी हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच लड़ाई मंगलवार को खुलकर सामने आ गई। पायलट प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत पर खुलकर आरोप लगाए। पायलट ने कहा सीएम गहलोत का पिछला भाषण सभी ने सुना। भाषण को सुनने के बाद उन्हें लगता है अशोक गहलोत की नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे सिंधिया उनकी नेताहैं।
- सचिन पायलट ने बोला गहलोत पर सीध हमला
- 11 मई से भ्रष्टाचार के खिलाफ निकालेंगे यात्रा
- जनसंघर्ष यात्रा निकालेंगे पायलट
- अजमेर से प्रारंभ होगी यात्रा
पायलट ने अनशन के बाद अब पदयात्रा का एलान किया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच सचिन पायलट ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा 11 मई से वे पांच दिन की जन संघर्ष यात्रा निकालेंगे। यह यात्रा अजमेर से प्रारंभ होगी। जन संघर्ष यात्रा दरअसल भ्रष्टाचार के खिलाफ निकाली जाएगी। यात्रा के बाद कोई दूसरा फैसला लिया जाएगा। पूर्व डिप्टी सीएम पायलट ने सीएम गहलोत के बयान जिक्र कर कहा एक तरफ ये कहा जा रहा है कि कांग्रेस सरकार को गिराने का काम भाजपा की ओर से किया जा रहा था। दूसरी तरफ कह रहे हैं कि राज्य सरकार वसुंधरा राजे ने बचाई थी। यह बयान अपने आप में काफी विरोधाभासी है। पायलट ने कहा उन्हें लगता है कि इसे स्पष्ट करने की जरुरत है। बता दें साल 2020 में जो बगावत हुईथह, उसका उल्लेख करते हुए सचिन पायलट ने कहा वे सरकार में नेतृत्व परिवर्तन चाहते थे। उन्होंने अपनी बातों को कांग्रेस आलाकमान के सामने रखा था। कई दौर की बैठक हुई इसके बाद समिति भी बनाई गई थी। समिति में रोडमैप तैयार हुआ था। इसके बाद कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए हम सभी ने जी जान से काम किया। करीब ढाई साल का ये कार्यकाल हुआ। अनुशासन तोड़ने का कोई काम उन्होंने नहीं किया है।
कांग्रेसी कर रहे बीजेपी नेताओं का गुणगान
सचिन पायलट ने आरोप लगाते हुए कहा उन्होंने पहली बार ये देखा है कि अपनी सरकार और अपने विधायक ही नहीं अपने नेताओं को बदनाम करने का काम किया जा रहा है। ये सब समझ से परे है। क्योंकि भाजपा का गुणगान कर कांग्रेस विधायकों को बदनाम किया जा रहा है। पायलट ने यह भी कहा कि उन पर आरोप लगाए गए थे पार्टी और सरकारी की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे। सचिन ने हम सब दिल्ली में जो गए थे, अपनी बात को रखने के लिए। ऐसे लोगों पर आरोप लग रहे हैं जो 30-40 साल से जनसेवा का काम कर रहे हैं।परसो का बयान सुनकर उन्हें पता चल गया कि आखिर अब तक अशोक गहलोत वसुंधरा राजे के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे?
वसुंधरा ने बचाई थी गहलोत की सरकार
बता दें पायलट के नेतृत्व में 2020 के जुलाई में भी कांग्रेस के करीब 18 विधायक बगावत पर उतर आए थे। हालांकि पार्टी हाईकमान ने दखल दिया और इसके बाद एक महीने तक चला ये सियासी ड्रामा किसी तरह खत्म समाप्त हुआ था। लेकिन इसके बाद सचिन पायलट को डिप्टी सीएम के पद ही नहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया था। दरअसल सीएम गहलोत ने पिछले दिनों धौलपुर की जनसभा में दावा किया था कि साल 2020 में जब पायलट की अगुवाई में कुछ कांग्रेस विधायकों ने बगावत की थी। उस समय वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल सामने आए और उन्होंने सरकार बचाई थी।