लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आ चुके हैं। केन्द्र में एनडीए की सरकार बन चुकी है। प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी अैर उनकी कैबिनेट के 71 मंत्रियों ने शपथ ले ली है। अब इसके बाद सियासी आईने में नजर आने वाली बीजेपी नीत एनडीए सरकार की तस्वीर मौजूदा स्थिति में भले ही सुखद और मजबूत नजर आ रही हो, लेकिन उसके सामने चुनौतियां इस कदर हैं कि आगे चलकर यह तस्वीरें धुंधली होने की आशंका बनी हुई है। तस्वीरों के धंधला होने की गुंजाइश कुछ ज्यादा ही लग रही है।
- गठबंधन की सरकार चलाना सबसे बड़ी चुनौती
- फिलहाल सियासी हालात मोदी सरकार के अनुकूल
- संख्या बल में मजबूत नजर आ रही एनडीए सरकार
- नजर आ रहा सुखद भविष्य…लेकिन उसके सामने हैं चुनौतियां
दरअसल इसकी एक नहीं कई वजह हैं और सबसे बड़ी वजह गठबंधन की सरकार चलाने का अनुभव न होना भी बताया जा रहा है। इससे पहले 10 साल तक नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रुप में पूर्ण बहुमत वाली सरकार चलाई है।। यह अलग बात है कि एनडीए गठबंधन को दस साल तक उन्होंने अपने साथ रखा। तब पीएम मोदी की ओर से लिये गये फैसलों पर एनडीए गठबंधन में शामिल विभिन्न दल बगैर किसी तरह की मीनमेख निकाले , बिना किसी तरह की कोई आपत्ति दर्ज कराये उनके फैसले मानते रहे।
गठबंधन के मजबूत दलों के मिजाज पर निर्भर सत्ता का भविष्य
अब यह भी सच्चाई है कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके कुछ खास मंत्रियों के लिए पिछली 17वीं लोकसभा में पूरी मजबूती के साथ केन्द्र की सरकार चलाने का अनुभव रहा है। लेकिन आने वाले दिनों में ऐसा नहीं रहने वाला है। अब जबकि 18वीं लोकसभा में बीजेपी जादुई आंकड़े 272 से काफी दूर रह गई है। ऐसे मेंं एनडीए गठबंधन के मजबूत दलों के मिजाज पर सत्ता की रफ्तार निर्भर रहेगी। इस जैसी विकट समस्या का सामना भी अब मोदी सरकार को करना होगा।
बहरहाल पीएम मोदी ने हैट्रिक लगाते हुए तीसरी बार केंद्र की सत्ता संभाल ली है। यह भी अपने आप में इतिहास रचने जैसा कार्य ही है। राष्ट्रपति भवन में रविवार शाम 7 बजकर 15 मिनिट पर नरेंद्र मोदी समेत देशभर से एनडीए के 72 सांसदों ने मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ले ली। प्रधानमंत्री मोदी की मंत्री परिषद में 30 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 36 राज्य मंत्री शामिल किए गए हैं। सभी सहयोगी दलों को साधने के प्रयास में जनता दल युनाइटेड, जनता दल सेक्यूलर, तेलुगू देशम पार्टी, शिवसेना (शिंदे गुट), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), राष्ट्रीय लोक दल, हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा (हम), द रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया को मिलाकर कुल 11 मंत्री भी इसमें शामिल हैं।
मोदी कैबिनेट में तीन पूर्व सीएम
इतना ही नहीं मध्य प्रदेश के कद्दावर नेताओं में शुमार पूर्व सीएम शिवराज, हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी समेत बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि बहुत हद तक वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी को दूर करने का काम भी किया गया है।