केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आज 1 जनवरी 2024 को जन्मदिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को जन्मदिन की बधाई कुछ अलग खास अंदाज में दी है। एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने लिखा- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को जन्मदिन की बधाई।
- 1 जनवरी 1971 को हुआ था सिंधिया का जन्म
- सिंधिया को विरासत में मिली थी सियासत
- 2020 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी शामिल हुए थे सिंधिया
- राजशाही विरासत के साथ लोकतंत्र में भी रसूख कायम
- पीएम मोदी ने दी सिंधिया को जन्मदिन पर शुभकामनाएं
भारत की रॉयल फैमली में शुमार ग्वालियर का सिंधिया का परिवार अपने आप में एक खास महत्व रखता है। ऐसे में आज इस परिवार के ज्योतिरादित्य सिंधिया अपना जन्मदिन मना रहे हैं। कभी कांग्रेस और अब बीजेपी की सियासत के सबसे कद्दावर चेहरे में से एक केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए राजनैतिक दृष्टिकोण से पिछले दो तीन साल काफी महत्वपूर्ण रहे हैं। कांग्रेस से बीजेपी में आने के बावजूद केंद्र में इनका रौब बढ़ा ही है। ऐसे में आज ज्योतिरादित्य सिंधिया के जन्मदिन पर सुबह से ही देश प्रदेश के कई नेता उन्हें बधाई दे रहे हैं। यहां तक की पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। प्रधानमंत्री ने बधाई संदेश में सिंधिया के देश में विमानन संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के प्रयासों की प्रशंसा की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आर्थिक प्रगति के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री ने बधाई संदेश में उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना की है।
बता दें माधवराव सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म मुंबई में 1 जनवरी 1971 हुआ था। सियासत सिंधिया को विरासत में मिली थी। भारतीय राजनीति में उनका परिवार उन चुनिंदा परिवारों में से है। जिसके पास राजशाही विरासत होने के साथ ही इनका लोकतंत्र में भी रसूख कायम है। सिंधिया चाहे कांग्रेस में रहे हो या फिर भाजपा में उनका रुतबा कायम रहने के साथ ही बढ़ता गया है। पिता माधवराव सिंधिया की मृत्यु के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से सियासत शुरू की, लेकिन 2020 में उन्होंने सबसे बड़ा सत्ता परिवर्तन मध्यप्रदेश की सियासत में किया, जो मप्र के राजनीतिक इतिहास में दर्ज हो गया। बीजेपी में शामिल होने के बाद तो जैसे ज्योतिरादित्य सिंधिया के सियासी सितारे परवान चढ़ने लगे हैं, और 2021 में सिंधिया का सियासी कद तेजी से बढ़ता गया। बीजेपी ने जहां उनकी मदद से मध्यप्रदेश में 2020 में सरकार बनाई तो वहीं उन्हें भी बीजेपी ने केन्द्र मंत्री बनाया।
सियासी फैसलों में भी लेते हैं पत्नी प्रियदर्शिनी से सलाह
ज्योतिरादित्य सिंधिया के परिवार की बात करें उनकी पत्नी प्रियदर्शिनी राजे, बेटा महाआर्यमन सिंधिया और बेटी अनन्या राजे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया का ताल्लुक वड़ोदरा राजघराने से है वे इस घराने की बेटी हैं। जिनका पारिवारिक फैसलों के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतिक फैसलों में अहम योगदान माना जाता है। बहुत कम लोग यहां जानते होंगे कि प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया का नाम दुनिया की 50 खूबसूरत महिलाओं में शुमार है।
कुछ इस तरह रहा ज्योतिरादित्य सिंधिया का सियासी सफर
ज्योतिरादित्य सिंधिया 2002 में पहली बार लोकसभा का उपचुनाव जीते साल 2002, 2004, 2009 और 2014 तक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 4 बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की। ज्योतिरादित्य सिंधिया केन्द्र की यूपीए-2 सरकार में ऊर्जा राज्य मंत्री रहे। वे चौदहवीं लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक भी रहे हैं। साल 2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें कांग्रेस प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। कांग्रेस में शामिल रहते हुए वे पार्टी के महासचिव के पद पर भी रहे। ज्योतिरादित्य सिंधिया 11 मार्च 2020 को कांग्रेस का दामन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये। बीजेपी में शामिल होने के बाद सिंधिया पहली बार राज्यसभा सदस्य चुने गए। 6 जुलाई को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली। मौजूदा दौर में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं।