करोड़ों के आभुषण और नकदी से सजा महालक्ष्मी का ये मंदिर…दर्शन करने से पूरी होती है सभी मनोकामना

Ratlam Mahalaxmi temple decorated with jewelery and cash notes worth crores

त्यौहारों के समय रतलाम के महालक्ष्मी मंदिर को विशेष तरीके से सजाया गया है। जो भक्तों का मन मोह रहा है। रतलाम के इस महालक्ष्मी मंदिर को नोट से सजाया गया है। वहीं मंदिर का कोना कोना नोट से सजा हुआ है।

बता दें हर साल रतलाम के इस महालक्ष्मी मंदिर को दीपावली के मौके पर करोड़ों रुपयों और कीमती आभूषणों से सजाया जाता है। भक्त वहां अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। वही ये भारत का एक मात्र ऐसा मंदिर है जो इस तरह नोटों से सजता है। दीपावली पर्व पर करोड़ों रुपए के साथ आभूषणों से सजावट की जाती है। महालाक्ष्मी मंदिर में एक करोड़ 47 लाख रुपए की गिनती हो चुकी है। वहीं आभूषणों का अनुमान तीन करोड़ से ज्यादा का है। मंदिर में भक्त निशुल्क सेवा भी देते हैं। कोई नोट की लड़ियां बनाता है, तो कोई श्रद्धालु नोट लेकर आने वाले लोगों की एंट्री करता है। कुछ भक्त तो दिन-रात सजावट में जुटे रहते हैं।

महालक्ष्मी मंदिर में इस बार 20, 50, 100 और 500 रुपए के नए नोटों से मंदिर को सजाया गया है मान्यता है कि करीब 200 साल पहले राजा रतन सिंह कुलदेवी के रूप में मां लक्ष्मी की पूजन किया करते थे। राजा रतन सिंह हर साल वैभव और निरोगी काया के साथ अपने राज्य की प्रजा की खुशहाली के लिए दीपावली से अगले पांच दिन तक अपनी पूरी धन संपदा को मंदिर में रखकर आराधना करते थे। इसके बाद से ही यह परंपरा निरंतर चली आ रही है।

मंदिर की सजावट में हीरे-जवाहरात और नगदी का उपयोग

दीपावली के अवसर पर हर साल रतलाम का महालक्ष्मी मंदिर बहुत ही आकर्षक ढंग से सजाया जाता है। यह मंदिर देशभर में प्रसिद्ध है और यहां कई मान्यताएं भी जुड़ीं हुईं हैं। मंदिर की सजावट में हीरे-जवाहरात और नगदी का उपयोग किया जाता है, जो इसकी भव्यता को और भी बढ़ा देता है। इस मंदिर की विशेष सजावट के पीछे लोगों की मान्यता है कि जो लोग यहां आकर पूजा करते हैं। माता लक्ष्मी उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसलिए दीपावली के समय में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। महालक्ष्मी मंदिर की सजावट के बारे में और अधिक जानने के लिए आप वहां जाकर स्वयं अनुभव कर सकते हैं।

नोटों से सजता है महालक्ष्मी का ये मंदिर

रतलाम का महालक्ष्मी मंदिर दीपावली पर पूरी तरह से अलग-अलग रंगों के छोटे बड़े नोटों से सजाया जाता है। इन सभी नोट को कुछ इस तरह से मंदिर में लगाया जाता है जैसे फूलों की झालर लगा दी हो। देखने में मंदिर का यह नजारा अदभूत और आकर्षक होता है। दीपावली पर रतलाम के इस माता लक्ष्मी मंदिर के दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं। हर साल दीपावली के मौके पर मंदिर में यह खास तरह का श्रृंगार किया जाता है। जिसका भक्तों के बीच खासा उत्साह देखा जाता है।

दर्शन के लिए करीब 120 घंटे खुला रहता है मंदिर

मंदिर की सजावट के बाद धनतेरस के शुभ मुहूर्त में महालक्ष्मी मंदिर के पट खुलते हैं। इसके बाद यहां दर्शन के लिए लगभग 120 घंटे तक पट खुले रहते हैं। पांच दिनी दीपोत्सव के तहत हीरे मोती और आभूषण, सोने और चांदी के आभुषण, नगदी से सजावट की गई। यह सजावट भाई दूज तक कायम रखी जाती है। जिसमें श्रद्धालु यहां सामग्री देकर जाते हैं, उन्हें एक टोकन भी दिया जाता है। इसी टोकन के आधार पर उन्हें उनका सामान या नगदी वापस लौटाई जाती है।

(प्रकाश कुमार पांडेय)

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