राजस्थान में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच सियासी खीचतान थमने का नाम नहीं ले रही है। इस खींचतान के बीच सीएम गहलोत का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने पायटल के अनशन से जुड़े सवाल पर इशारों इशारों में सिर्फ इतना कहना कि खुद के नुकसान की तो भरपाई आसानी से हो जाती है लेकिन पार्टी के नुकसान की भरपाई नहीं होती है। साथ ही उन्होंने कहा पार्टी हाईकमान की सब पर नजर है।
- गहलोत और पायलट में सियासी तकरार
- पायलट पर सीधा जवाब देने से बच रहे गहलोत
- मीडिया पर भी फोड़ा लड़ाने की ठीकरा
- सरकार के काम और विकास पर मांगेंगे वोट
महंगाई राहत कैंप में पहुंचे सीएम
दरअसल सोमवार को गहलोत महंगाई राहत कैंप की शुरुआत के बाद जयपुर के महापुरा में मीडिया से चर्चा कर रहे थे। लेकिन बीजेपी शासन में हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर सचिन पायलट के अनशन के बाद से सीएम अशोक गहलोत ने सीधे तौर पर पायलट को कोई जवाब नहीं दिया है। गहलोत इशारों में ही पूरे समय बयान देते रहे। वहीं सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के साथ चल रही खींचतान के बीच कहा कि मीडिया को भी नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा लोगों के बीच लड़ाई नहीं करानी चाहिए।
सरकार के काम पर ही मांगेंगे वोट
विधानसभा चुनाव को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य में कांग्रेस का चुनाव अभियान उनकी सरकार की ओर से शुरू की गई योजनाओं और कार्यक्रमों पर केंद्रित होगा। सीएम गहलोत ने पिछले पांच साल में किए गए काम के आधार पर अपनी सरकार के सत्ता में लौटने का भरोसा भी जताया। बता दें 2018 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों के बीच सियासी खींचतान चल रही है। पिछले दिनों पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य की गहलोत सरकार ने पूर्व की वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए करप्शन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। लेकिन पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले इसी मुद्दे पर जनता से वोट मांगा था। हालांकि गहलोत ने पायलट के हमले पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि मीडिया को लोगों को लड़ाना नहीं चाहिए।
बिना बोले सबकुछ बोल गए गहलोत
बता दें सीएम अशोक गहलोत के इस बयान को सियासी पंडित अहम मान रहे हैं। दरअसल बयान ऐसे समय आया है जब पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट वसुंधरा राजे के राज में हुए करप्शन पर कार्रवाई नहीं होने को लेकर लगातार सीएम अशोक गहलोत को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं। सीएम गहलोत के दिल्ली दौरे के बाद उनके बयान को सियासी टर्न के रुप में देखा जा रहा है। सियासी जानकारों की माने तो सचिन पायलट को सीधे कोई जवाब न देकर अशोक गहलोत पार्टी हाईकमान और जनता के बीच यह दिखाना चाहते हैं कि उनका ध्यान केवल सरकार में रहकर जनहित के काम करने पर है।