पायलट सहित 17 विधायकों के निलंबन का मामला, इस दिन हाईकोर्ट सुनाएगा फैसला

Rajasthan former deputy CM Sachin Pilot

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित 19 विधायकों के निलंबित करने के नोटिस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट 24 अगस्त को फाइनल सुनवाई करेगा। मंगलवार 25 जुलाई को जस्टिस एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ में मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने आया कि मामले में केन्द्र सरकार ने तीन साल में भी जवाब पेश नहीं किया। ऐसे में अब 24 अगस्त को इस मामले में अंतिम फैसला हाईकोर्ट की ओर से सुनाया जाएगा।

दरअसल राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को तीन सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए मामले की फाइनल सुनवाई 24 अगस्त को तय की हैं। दरअसल विधायकों ने दल-बदल कानून के प्रावधानों को चुनौती दी थी। इस पर हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब देने के लिए कहा था। लेकिन करीब तीन साल बाद भी केन्द्र सरकार ने जवाब पेश नहीं किया। यह पूरा मामला जुलाई 2020 का है। जब सियासी संकट के समय राजस्थान विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने व्हिप जारी किया था। लेकिन पायलट सहित 19 विधायक विधानसभा नहीं पहुंचे थे। इस पर स्पीकर ने विधायकों को निलंबित करने का नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया था। जिसे पायलट सहित अन्य विधायकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर हाई कोर्ट ने स्पीकर के आदेश पर रोक लगा दी थी। यह रोक अभी भी चली आ रही है।

विधानसभा अध्यक्ष के पावर को चुनौती

निलंबित किये जाने के ​नोटिस के इस पूरे प्रकरण में सचिन पायलट सहित दूसरे विधायकों ने विधानसभा स्पीकर की पावर को चुनौती दी थी। विधानसभा स्पीकर के अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा विधायकों का कहना था कि स्पीकर के पास विधायकों को निलंबित करने का पावर नहीं हैं। विधायकों ने संविधान की 10वीं अनुसूची यानी दल-बदल कानून के प्रावधानों को चुनौती दी थी। इस पर राजस्थान हाई कोर्ट ने 24 जुलाई 2020 को इस मामले में जवाब देने के लिए केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया। लेकिन करीब 3 साल बाद भी केन्द्र सरकार ने जवाब पेश नहीं किया।

अब तक 2 विधायकों का निधन

राजस्थान में गहलोत कांग्रेस सरकार पर उस समय यह सियासी संकट करीब दो माह तक चला था। इसके बाद सचिन पायलट सहित कांग्रेस के 19 विधायकों का गहलोत गुट के साथ समझौता हो गया। वहीं बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इस दौरान पायलट के साथ गए वल्लभनगर विधायक गजेन्द्र सिंह शेखावत और सरदारशहर विधायक भंवरलाल शर्मा का निधन हो गया। ऐसे में अब यह मामला पायलट सहित 17 विधायकों का रह गया हैं।

पिछली सुनवाई के दौरान पायलट की ये थी दलीलें

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों को जवाब देने के लिए तीन दिन का ही समय दिया था। जबकि ये समय 7 दिन का होना चाहिए था। आखिर स्पीकर इतनी जल्दी में क्यों थे? दलबदल कानून इसलिए बनाया गया था जिससे कोई पार्टी न बदल सके। वहीं उच्च न्यायालय की शक्तियों पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता। कोर्ट को इस मामले को सुनने का अधिकार है। हर मामले को अलग तर्क के साथ देखना चाहिए। वहीं नोटिस शिकायत के दिन ही भेजा गया था। नोटिस जारी करने के लिए इसमें कोई ठोस वजह नहीं बताई। इसके अलावा नोटिस में वही सब लिखा गया है जो कुछ शिकायतकओं ने अपनी शिकायत में कहा था।

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