देश भर में वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन की डिमांड बढ़ती जा रही है। दरअसल वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के कई फायदे हैं। पहला तो ये की इस ट्रेन में यात्रियों को तमाम आधुनिक सुविधाएं मिल रही हैं। दूसरा इसकी गति ज्यादा होने से यात्रियों के समय की भी बचत होती है। जिसकी वजह से देश के हर राज्य से वंदे भारत ट्रेन की डिमांड आ रही है। जिसे पूरा करने के लिए रेल मंत्रालय भी उत्साहित नजर आ रहा है। भारतीय रेलवे डिजाइन के अनुसार और भारतीय रेलवे उत्पादन इकाइयों में 102 वंदे भारत रेक के उत्पादन की योजना बनाई है। जिसमें 2022-2023 में 35 और इसके अगले वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 67 रेक बनाने की योजना है।
दरअसल रेल कार्गो को संभालने और अतिरिक्त टर्मिनलों के विकास में उद्योग से निवेश को बढ़ावा देने के लिए गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल यानी जीसीटी नीति शुरू की गई थी। टर्मिनलों का निर्माण गैर-रेलवे भूमि के साथ-साथ आंशिक और पूर्ण रूप से रेलवे की जमीन पर किया जाएगा। बता दें पीएच 21-रोलिंग स्टॉक प्रोग्राम के तहत कोच की दूसरे मदों सहित वंदे भारत ट्रेनों का प्रावधान आता है। जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2022-2023 के संशोधित अनुमान में करीब 19 हजार 479 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है। केंद्रीय मंत्री की ओर से बताया गया है कि 15 फरवरी 2019 को पहली वंदे भारत एक्सप्रेस नई दिल्ली और वाराणसी के बीच शुरू की गई थी। जबकि मौजूदा दौर में वंदे भारत एक्सप्रेस के 10 जोड़े भारतीय रेलवे नेटवर्क में दौड़ रहीं हैं। भारतीय रेलवे की ओर से चार सौ वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण की योजना तैयार की गई है। जिसका चयन करने के लिए निविदाएं भी आमंत्रित की जा चुकी हैं। इसके अलावा पिछले दिनों 2023-24 के बजट में भी 8000 वंदे भारत कोच प्रस्तावित किए गए हैं।
जीसीटी से निवेश को बढ़ावा
बता दें रेल कार्गो को संभालने के लिए अतिरिक्त टर्मिनलों के विकास में उद्योग से निवेश में वृद्धि के लिए साल 2021 में एक नई गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल यानी जीसीटी नीति शुरू की गई थी। जिसके तहत टर्मिनलों का निर्माण गैर रेलवे भूमि के साथ ही आंशिक या पूर्ण रूप से रेलवे भूमि पर किया जाएगा। अगले तीन वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में करीब सौ गति शक्ति कार्गो टर्मिनल चालू करने की भी योजना तैयार की गई। इसमें से करीब 30 गति शक्ति कार्गो टर्मिनल पूर्व में ही प्रारंभ किए जा चुके हैं। अभी तक जीसीटी नीति के तहत कार्गो टर्मिनलों के विकास के लिए करीब 145 आवेदन मिल चुके हैं। जिसमें से 103 सैद्धांतिक अनुमोदन जारी किए गए हैं।
पटरी पर दौड़ेंगी 478 नई वंदे भारत ट्रेन
कुल मिलाकर मौजूदा स्थिति में अभी तक करीब 478 वंदे भारत ट्रेनों की अनुमति प्रदान की जा चुकी है। जिसमें से 78 पर काम शुरु भी हो चुका है जो वंदे भारत ट्रेनें चेयर मॉडल कार हैं। अगली दो सौ वंदे भारत ट्रेनों की निविदा भी जारी कर दी गई है। ये सभी दो सौ ट्रेनें स्लीपर क्लास की वंदे भारत ट्रेनें होंगी। इन ट्रेनों को 160 किमी की मैक्सिमम स्पीड की अनुमति दी जा सकती है। क्योंकि इनका निर्माण स्टेनलेस स्टील से होगा। वहीं इसके बाद दौ सौ और वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण एल्यूमिनियम से किया जाएगा। ये वजन में हल्की होंगी जिसके चलते इन ट्रेनों की गति करीब 200 किमी की होगी।