महारानी एलिजाबेथ का अंतिम संस्कार आज
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की अंत्येष्टि की आज राजकीय सम्मान के साथ होगी। भारतीय समयानुसार महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का ताबूत पैलेस ऑफ वेस्टमिंस्टर से वेस्टमिंस्टर एब्बे तक ले जाया गया। इसके बाद सोमवार शाम को राजकीय सम्मान और शाही रस्मों के साथ दिवंगत महारानी को किंग जॉर्ज वीआई मेमोरियल चैपल में उनके दिवंगत पति प्रिंस फिलिप के बराबर में दफनाया जाएगा। महारानी के अंतिम संस्कार को लाइव देखने के लिए जगह जगह कई स्क्रीन लगाए गए। साथ ही ब्रिटेन में एक दिन का सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया गया। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के अंतिम संस्कार में दुनिया भर के करीब 500 प्रतिनिधि और वीआईपी शामिल होने पहुंचे। जिनमें भारती की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल हैं। बता दें लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में महारानी के अंतिम संस्कार की रस्में शुरू की जा चुकी हैं इसका लाइव प्रसारण किया जा रहा है। इसके लिए विभिन्न पार्कों में बड़ी बड़ी स्क्रीन लगाई गई। महारानी की अंतिम विदाई को लेकर पहले ही तैयारियां की जा रहीं थी। बता दें महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन इसी महीन 8 सितंबर को स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में 96 साल की उम्र में हुआ था। जानकारी के मुताबिक सुबह महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का ताबूत पैलेस ऑफ वेस्टमिंस्टर से वेस्टमिंस्टर एब्बे तक ले जाया गया। इसके बाद वेस्टमिंस्टर एब्बे में महारानी के अंतिम संस्कार की रस्में शुरु की गईं।
नई और पुरानी प्रथाओं का मिला जुला रुप
बता दें ब्रिटेन का यह शाही आयोजन एक तरह से नई और पुरानी प्रथाओं का मिला.जुला रूप हैं। इस लिहाज से अबकी बार महारानी एलिजाबेथ.द्वितीय का अंतिम संस्कार भी अपवाद नहीं है। 1901 में 63 वर्षों के लंबे शासन के बाद महारानी विक्टोरिया के निधन के साथ ही राजपरिवार में अंतिम संस्कार के नियमों में परिवर्तन शुरू हुए थे। इसका मकसद राजशाही को और अधिक सार्वजनिक करना था। ऐसा शाही परिवार के प्रति अधिक लोकप्रियता को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था। दरअसल समाज अधिक लोकतांत्रिक होता जा रहा था। इसी क्रम में क्वीन एलिजाबेथ का राजकीय अंतिम संस्कार वेस्टमिंस्टर ऐबी में किया जा रहा है। उनका ताबूत चार दिन तक वेस्टमिंस्टर हॉल में ही रखा रहा था। वेस्टमिंस्टर ऐबी वही जगह है। जहां साल 1066 से ब्रिटिश राजघराने के सदस्यों की ताजपोशी हुई थी।। एडवर्ड पंचम और एडवर्ड अष्टम को छोड़ दें सभी महाराज और महारानियों को यहीं पर ताज पहनाया गया। इतना ही नहीं यहीं पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। बता दें महारानी एलिजाबेथ की ताजपोशी भी वेस्टमिंस्टर ऐबी में ही हुई थी। यह राजपरिवार में ताजपोशी का पहला कार्यक्रम था। जिसे पूरी दुनिया में प्रसारित किया गया था।
शाही शादियों का भी गवाह है वेस्टमिंस्टर ऐबी
बता दें वेस्टमिंस्टर ऐबी ब्रिटेन करीब 16 शाही शादियों का गवाह भी है। खुद ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ.और प्रिंस फिलिप की शादी 1947 में यहीं पर हुई थी। इसके बाद प्रिंस विलियम और उनकी पत्नी कैथरीन की शादी की रस्में भी यहीं पर निभाई गईं। महारानी को जिस जगह दफनाया जाएगा वह जगह होगी सेंट जॉर्ज चैपल षष्ठम चैपल। जिसे 1969 में बनाया गया था। उन्हें अपने माता.पिता जॉर्ज षष्ठम और महारानी एलिजाबेथ के पास ही दफनाया जाएगा। प्रिंस फिलिप के अवशेषों को भी बाद में यहीं लाया जाएगा।
अंतिम संस्कार में शामिल हुए कई देशों के प्रमुख
ब्रिटिश महारानी के अंतिम संस्कार में भारत की तरफ से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी कार्यक्रम में शामिल हैं। वहींए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडनए कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडोए श्रीलंका के पीएम रानिल विक्रमसिंघे और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ महारानी के अंतिम संस्कार का हिस्सा बने। इन सबके अलावा न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्नए यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सला वॉन डर लेयन और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन भी अंतिम संस्कार में पहुंचे हैं।
सिनेमाघरों में लाइव टेलीकास्ट
महारानी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जोण् बाइडन और भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति अंतिम संस्कार के लिए लंदन पहुंच चुके हैं। महारानी के अंतिम संस्कार में दुनियाभर के शाही परिवार के सदस्यों समेत करीब 500 विश्व नेता शामिल होने पहुंचे हैं। इसके साथ ही महारानी एलिजाबेथ.प्प् के राजकीय अंतिम संस्कार कार्यक्रम के प्रसारण के लिए ब्रिटेन के कई अलग.अलग पार्कों में बड़ी स्क्रीन लगाई गईं। इसके साथ ही लंदन और उसके आसपास 125 मूवी थिएटरों में व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के लिहाजा से महारानी के अंतिम संस्कार हजारों पुलिसकर्मीए सैकड़ों सैनिक और अधिकारियों की पूरी फौज महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राजकीय अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुटी नजर आई। इसके साथ ही तीनों सेनाओं के 5ए949 अधिकारियों को तैनात किया गया। इसके साथ ही दस हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए। महारानी को अंतिम विदाई देने के लिए यूनाइटेड किंगडम के विभिन्न इलाकों से करीब दस लाख लोग लंदन पहुंचें। उनके लिए 250 विशेष ट्रेन चलाई गईं।
1926 में हुआ था महारानी का जन्म
बता दें महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का जन्म 21 अप्रैल 1926 को लंदन के मेफेयर में हुआ था। वे द ड्यूक एंड डचेस ऑफ यॉर्क की पहली संतान थीं। बाद में वे किंग जॉर्ज और क्वीन एलिजाबेथ बनीं। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय 1952 में गद्दी पर बैठी थी। उन्होंने अपने शासन काल में कई सारे सोशल रिफॉर्म को देखे। महारानी के बाद कई चीजें बदला जाएंगी। जिनमें करेंसी नोट और सिक्के के साथ राष्ट्रगान बदल जाएगा तो पासपोर्ट भी बदलेगा। इसके अलावा मिलिट्री और पुलिस यूनिफॉर्म और स्टांप से महरानी की तस्वीर हटाई जाएंगी।