हिंद महासागर में चीन को काउंटर करने के लिए बने क्वाड संगठन की बैठक इस साल भारत में नहीं अब अमेरिका में होने वाली है। भारत ने क्वाड समिट होस्ट करने की अपनी बारी को अमेरिका के साथ एक्सचेंज किया है। क्यों किया है एक्सचेंज और क्या होंगे इसके अंतरराष्ट्रीय असर भारत को क्या हो सकता है नफा या नुकसान। आइये जानते हैं।
- QUAD समिट 2024…QUAD की बैठक…चीन की आफत!
- विस्तारवादी नीति पर QUAD का ब्रेक!
- भारत,जापान,अमेरिका,ऑस्ट्रेलिया साथ-साथ
- QUAD से चीन हताश…!
- बैठक का बदला शेड्यूल
- भारत नहीं अमेरिका करेगा मेजबानी
- 21 सितंबर को अमेरिका में होगी QUAD की बैठक
- बैठक से चीन के पेट में दर्द क्यों?
इस बार एशिया पैसिफिक के 4 देशों के संगठन क्वाड की समिट भारत में पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली थी। फिर अचानक ही इस बैठक की जगह को बदल गई। अब क्वाड समूह के नेता 21 सितंबर को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के होम टाउन में शिखर सम्मेलन के लिए जुटने वाले हैं।
सबसे पहले आपको बता देते है कि आखिर क्यों इस बैठक की जगह को बदला गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत 2025 में क्वाड होस्ट करेगा। दरअसल, पहले भारत में क्वाड समिट जनवरी 2024 में होने वाला था । हालांकि, उस वक्त अमेरिका ने राष्ट्रपति बाइडेन के पास समय न होने का हवाला देते हुए समिट को सितंबर तक के लिए टाल दिया था। लेकिन सूत्रों के मुताबिक क्वाड की बैठक अमेरिका में होने से बाइडेन को राष्ट्रपति के तौर पर अपना आखिरी समिट होस्ट करने का मौका मिलेगा। इससे तय है कि साल के अंत में होने वाले अमेरिकी चुनाव में जो भी उम्मीदवार जीतेगा वो क्वाड के लिए भारत आएगा। यानी कमला हैरिस और ट्रम्प में से एक की भारत यात्रा तय है।
- क्वाड के बनने की टाइमलाइन
- 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी
- तब हुई चारों क्वाड देशों की एकजुट होने की शुरुआत
- 2007 में जापान ने रखा था क्वाड के गठन का विचार
- चीन और रूस ने किया था इसका खूब विरोध
- ऑस्ट्रेलिया के मानने के बाद 2017 में क्वाड का गठन
- 2019 को न्यूयॉर्क में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की पहली बार बैठक
- 2020- जापान के टोक्यो में विदेश मंत्रियों की दूसरी बार बैठक हुई
- 2020- चारों देशों की नौसेनाओं ने संयुक्त अभ्यास में भाग लिया
- 2021- पहली बार क्वाड देशों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस की
- 2022- टोक्यो में क्वाड शिखर सम्मेलन आयोजित
- 2023- ऑस्ट्रेलिया में हुआ था क्वाड शिखर सम्मेलन
QUAD में 4 देश
अमेरिका
जापान
भारत
ऑस्ट्रेलिया
QUAD के उद्देश्य
- इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र में खुला माहौल रखना
- इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखना
- समावेशी माहौल सुनिश्चित करना
- एक नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था को सुरक्षित करना
- नेविगेशन की आज़ादी को सुरक्षित करना
- उदार व्यापार प्रणाली को सुरक्षित करना
QUAD चार देशों के बीच होने वाली सुरक्षा संवाद का ग्रुप है। क्वाड का मतलब क्वाड्रिलैटरल सिक्योरिटी डॉयलॉग है। इसमें चार सदस्य देश भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। क्वाड समिट में सदस्य देशों के राष्ट्र प्रमुख शामिल होते हैं। ये संगठन की सबसे अहम बैठक होती है। अमेरिका में क्वाड 21 सितंबर को हो रहा है। इसमें भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा शामिल होंगे। ये सभी देश समुद्री सुरक्षा और व्यापार के साझा हितों पर एकजुट हुए हैं।
चाइना इस ग्रुप का हमेशा से ही विरोध करता रहा है। दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि माना जाता है कि इस संगठन का गठन ही चीन के गलत इरादों का जवाब देने और उस पर नजर रखने के लिए ही किया गया था। हालांकि क्वाड देशों का कहना है कि यह ग्रुप केवल हिंद और प्रशांत क्षेत्र के ही साझा हितों की रक्षा करता है।
क्या है QUAD…?
- QUAD- क्वाड्रिलैटरल सिक्योरिटी डॉयलॉग
- चार देशों का गठबंधन है QUAD
- QUAD में शामिल हैं चार देश
- भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान
- 2007 में हुआ था QUAD का गठन
- चीन के बढ़ते दबदबे पर अंकुश लगाने QUAD का गठन
- देश को चीनी दखल से बचाना QUAD का उद्देश्य
QUAD रणनीतिक तौर पर चीन के आर्थिक और सैन्य उभार को काउंटर करता है। लिहाजा यह गठबंधन भारत के लिए बेहद अहम बन जाता है। एक्सपर्ट्स की माने तो चीन का भारत के साथ लंबे समय से सीमा विवाद चला आ रहा है। ऐसे में अगर सीमा पर चीन की आक्रामकता ज्यादा बढ़ती है, तो इसे रोकने के लिए भारत QUAD के दूसरे देशों की मदद ले सकता है। साथ ही QUAD में अपना कद बढ़ाकर भारत चीन की मनमानियों पर अंकुश लगाते हुए एशिया में शक्ति संतुलन भी कायम कर सकता है। इसके साथ ही और भी कई मुद्दे है जो भारत के लिए QUAD को जरूरी बनाते हैं।
भारत के लिए क्यों जरूरी है QUAD?
- हिंद प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र रखने में क्वाड की बड़ी भूमिका
- चीन पर लगाम लगाने के लिए क्वाड भारत की ताकत
- भारत नौसेना के मोर्चे पर भी फायदा उठा सकता है
- सामरिक अनुसंधान को बढ़ावा दे सकता है
- चीन को Quad से सबसे ज्यादा समस्या
- QUAD देता है चीन की विस्तारवादी नीति को झटका
- चीन को वर्चस्व खत्म होने का डर
QUAD से आखिर चीन क्यों घबराता है
QUAD से आखिर चीन को परेशानी क्यों है, इसे कुछ हद तक तो आप समझ ही चुके होंगे। इसे थोड़ा सा और विस्तार से समझें तो पहली परेशानी ये है कि Quad चीन की विस्तारवादी नीति को सबसे बड़ा झटका है। दूसरी बात जो सबसे महत्वपूर्ण है वह यह है कि अमेरिका,जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया साथ आने के बाद हिंद प्रशांत क्षेत्र के देशों की समस्याओं पर काम कर रहे हैं। दरअसल, चीन हिंद प्रशांत क्षेत्र में ब्लू ड्रैगन रणनीति पर काम कर रहा है, जो हिंद प्रशांत क्षेत्र के देशों के लिए एक समस्या हैं। इस क्षेत्र में चीन चुपचाप चार अलग-अलग लेकिन जुड़े हुए सीमाओं पर अपनी विभाजन-और-जीत की विदेश नीति के एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है। जिसमें QUAD बाधक है।