क्या है पुरोला विवाद, कैसे शुरू हुआ देवभूमि में सांप्रदायिक तनाव? धारा 144 से बने ‘लॉकडाउन’ जैसे हालात

Purola Controversy

देवभूमि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में इन दिनों कथित लव जिहाद को लेकर तनाव बरकरार है। पुरोला में लव जिहाद के खिलाफ हिंदू समुदाय की ओर से महापंचायत बुलाई गई थी। जिस पर रोक लगा दी गई है। इसके बाद भी तनाव बरकार है। सरकार की ओर से धारा 144 लागू की गई है। इसके बाद शहर में सन्नाटा पसरा है। गुरुवार सुबह धारा 144 लागू होने के बाद हालात लगभग लॉकडाउन जैसे नजर आए। दुकानें बंद थीं तो लोग भी सामान्य दिनों की अपेक्षा घरों से बाहर नहीं निकले। किसी भी गंभीर परिस्थितियों से निपटने के लिए बल को तैनात कर पुरोला को छावनी में बदल दिया गया है। सुरक्षाकर्मी चप्पे-चप्पे पर तैनात किए गए हैं।

इधर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने साफ कर दिया है कि राज्य में किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सीएम धामी ने पुरोला के बवाल को लेकर कहा किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत है। उन्होंने लोगों को धैर्य रखने की अपील की और कहा दोषियों के खिलाफ प्रशासन सख्त कदम कार्रवाई करेगा। कैंप कार्यालय में मीडिया से चर्चा के दौरान सीएम धामी ने कहा कि उन्होंने सभी लोगों से किसी भी स्थिति में शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। बता दें पिछले महीने हिंदू नाबालिग बच्ची के ​कथित अपहरण के प्रयास के बाद तनाव के हालात बने हुए हैं, जो अब तक बरकरार है। क्षेत्र में मुसलमानों के खिलाफ पोस्टर लगाकर धमकी दी गई। इसके बाद से ही मुस्लिम समुदाय की दुकान बंद हैं। करीब एक दर्जन परिवार पालय भी कर चुका है। विहिंप और बजरंग दल की ओर से लव जिहाद के खिलाफ 15 जून को महापंचायत की घोषणा की थी। लेकिन जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी।

26 मई से शुरु हुआ था विवाद

उत्तरकाशी के पुरोला में दरअसल पिछले माह 26 मई को जितेंद्र सैनी और उबैद खान नामक दो युवकों को कथित रूप से कस्बे की एक नाबालिग लड़की के अपहरण की कोशिश करते पकड़े गए थे। हलांकि बाद में लड़की को घर वापस भेज दिया था। दोनों को युवकाों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपियों में से एक युवक हिंदू धर्म का है दूसरा मुस्लिम। इससे लव जिहाद के संदेह और अफवाहों ने जन्म लिया और पूरे शहर में जंगल की आग की तरह यह बात फैल गई। जिससे हालात बिगड़ गए। 29 मई को कुछ दक्षिणपंथी संगठन ने पुरोला में रैली भी निकाली थी। जिसमें दूसरे धर्म लोगों को शहर छोड़ने की चेतावनी दी थी। पिछले महीने हिंदू नाबालिग बच्ची के ​कथित अपहरण के प्रयास के बाद तनाव के हालात बने हुए हैं, जो अब तक बरकरार है। क्षेत्र में मुसलमानों के खिलाफ पोस्टर लगाकर धमकी दी गई। इसके बाद से ही मुस्लिम समुदाय की दुकान बंद हैं। करीब एक दर्जन परिवार पालय भी कर चुका है। विहिंप और बजरंग दल की ओर से लव जिहाद के खिलाफ 15 जून को महापंचायत की घोषणा की थी। लेकिन जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी।

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