प्रयागराज में जनवरी 2025 में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। जन आस्था के सबसे बड़े आकर्षण का केन्द्र 13 अखाड़ों का कुंभ नगरी प्रयागराज में प्रवेश का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। इसी क्रम में रविवार 3 नवंबर 2024 को महाकुम्भ 2025 की तैयारियों के लिए श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े का प्रयागराज नगर प्रवेश पूरी भव्यता के साथ संपन्न हुआ।
- श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े की नगर प्रवेश यात्रा
- 1000 से अधिक साधु- संतों ने लिया हिस्सा
- देश विदेश से बड़ी संख्या में साध संतों का प्रवेश
- महिला महामंडलेश्वर भी नगर प्रवेश यात्रा का हिस्सा बनीं
- नेपाल से आईं महिला संत,जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर हेमा नन्द गिरी
- भव्य और दिव्य महाकुंभ के आयोजन का संकल्प
- नेपाल सहित दुनिया में हो रहा है सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार
संन्यासियों के श्री पंचदशनाम अखाड़े के साधु संतों ने कुम्भ नगरी प्रयागराज में पूरे राजसी वैभव के साथ संगम नगरी में प्रवेश किया। प्रयागराज के बाहर स्थित रामापुर गांव के हनुमान मंदिर से अपने रमता पंच के साथ अखाड़े के संन्यासियों के साथ महात्माओं की भव्य नगर प्रवेश यात्रा का आगज हुआ। जिसका समापन शहर में जूना अखाड़े के मौजगिरी आश्रम में किया गया। साधु संतों और अखाड़ों के नगर प्रवेश यात्रा के मार्ग में अखाड़े के महात्माओं का जगह जगह कुंभ मेला प्रशासन की ओर से पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
चांदी के सिंहासन पर सवार महामण्डलेश्वर का पुष्प से स्वागत
अखाड़ों के महामण्डलेश्वर जो चांदी के सिंहासन में सवार थे उनका स्थानीय जनता ने भी पुष्प वर्षा से स्वागत किया। अखाड़े के साधु संत अब इसी मार्ग से कुंभ नगरी में प्रवास करेंगे। बताया जाता है कि अगले माह 14 दिसंबर को कुंभ नगरी में जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि की अगुवाई में अखाड़े का प्रवेश होगा।
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये
अखाड़ों के कुंभ नगरी में प्रवेश के दौरान महाकुंभ प्रशासन की ओर से भारी पुलिस बल तैनात किया गया। अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी के नेतृत्व में प्रस्थान स्थल रामापुर से प्रशासनिक अधिकारियों की टीम और अधिकारी अखाड़े के साधु संतों के साथ साथ चलते नजर आए। यातायात संचालन की व्यवस्था के लिए चार सर्किल ऑफिसर के साथ 6 इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर 9 और पुलिस के 40 जवानों को तैनात किया गया। जिला पुलिस के जवान अलग से तैनात थे, जो यातायात व्यवस्था के लिए मुस्तैद नजर आए। बता दें संगम नगरी प्रयागराज में लगने वाला महाकुंभ 2025 के महापर्व के लिए नगर प्रवेश और अखाड़ों के लिए भूमिपूजन की शुरुआज रविवार 3 नवंबर से हो गई। पहले दिन देश विदेश से आए संतों ने प्रयागराज में नगर प्रवेश किया। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के नगर प्रवेश के दौरान भव्य नजारा दिखाई दिया। दिव्य और भव्य सुसज्जित रथों और पालकियों के साथ जूना अखाड़े की पेशवाई संगम की रेती पर लगने वाले कुंभ नगर के शिविर में देवता के साथ प्रवेश किया। इस दौरान सुव्यवस्थित महाकुंभ के आयोजन की झलक भी देखने को मिली। महाकुंभ में श्रद्धालुओं की आस्था और आकर्षण के केंद्र अखाड़ों की नगर प्रवेश यात्रा का सिलसिला शुरू हो गया है। सनातन की अलख जगाने श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े का कुंभ नगरी में प्रवेश हुआ। विदेशों से आए साधु संतो ने महाकुंभ के भव्य आयोजन की व्यवस्था को सराहा गया।
- महाकुंभ को लेकर बोले धीरेन्द्र शास्त्री
- ‘गैर हिंदुओं को दुकानें नहीं मिले दुकान’
- ‘महाकुंभ में अल्पसंख्यकों का प्रवेश वर्जित हो’
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस दौरान महाकुंभ को लेकर अखाड़े के सुझावों को समर्थन दिया है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा महाकुंभ में मुसलमानों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित हो। उन्हें महाकुंभ में दुकान न दी जाएं। सनातन धर्म के बारे में जो नहीं जानता, उसका महाकुंभ में क्या काम। वह दुकान कैसे चला सकता है। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महाकुंभ में मुस्लिम समुदाय के लोगों को दुकान न देने की अखाड़े की मांग को सही ठहराते हुए कहा गया है कि जो लोग राम को नहीं मानते। सनातन को नहीं मानते। ऐसे लोगों को त्रिवेणी संगम जाने से क्या मतलब। त्रिवेणी संगम में गैर हिंदुओं को दुकान न दीं जाएं। इसके अलावा गैर हिंदुओं का संगम स्थल पर प्रवेश भी बंद हो। दरअसल खाने में थूक जैसी घटनाओं के बाद अब फैसला लिया जाना चाहिए।
(प्रकाश कुमार पांडेय)