जहरीली शराब पीने से हुई 37 लोगों की मौत, नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर कसा तंज
बिहार सरकार ने साल 2016 में शराबबंदी लागू कर दी थी. जिसका राज्य में कड़ाई से पालन हो रहा है. इसके बावजूद इस बार की होली शराब पीने वालों के लिए मौत का काऱण बन गई. शराब पीने वालों के मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ता ही जा रहा है. इस बार होली पर राज्य में जहरीली शराब पीने से 37 लोगों की मौत हो चुकी है. फिलहाल मौत का यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. जिनमें भागलपुर से 17, बांक से 12 और मधेपुरा से 3 लोगों की मौत हुई है. इसके अलावा राज्य में जहरीली शराब के सेवन से कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है, जबकि कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं. जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है. वहीं परिजन इसे जहरीली शराब का कारण बता रहे हैं. वहीं मधेपुरा के केस में परिजन कुछ भी कहने से बच रही है और-तो-और मौत के बाद यहां तीन लोगों का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया. उनमें से किसी का भी पोस्टमॉर्टम नहीं कराया गया.
परिजनों का रो-रो कर बूरा हाल
भागलपुर में मृतकों की पहचान विनोद राय, संदीप यादव, नीलेश कुमार, मिथुन कुमार के रूप में की गई है. जानकारी के मुताबिक सभी एक ही गांव के थे. अंदाजा यह भी लगाया जा रहा है कि सभी ने एक ही दूकान से शराब खरीदी थी. जबकि अभिषेक कुमार की जहरीली शराब पीने से आंखों की रोशनी चली गई है. जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. पुलिस की पड़ताल में पता चला कि शराब पीने के बाद सभी के पेट में पहले दर्द हुआ. जिसके बाद परिजनों ने उन्हें अस्पतालों में इलाज ले गए. जहां डॉक्टरों ने उन सभी को मृत घोषित कर दिया. परिजनों का रो-रो कर बूरा हाल है. इस होली ने मृतकों के परिवार से बेटा, पति, पिता, भाई को छीन लिया.
तेजस्वी यादव ने किया ट्विट
वहीं, इस मामले में विपक्षी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतिश सरकार पर तंज कसते हुए ट्विट किया है कि ड़बल इंजन सरकार के प्रयास से शराबबंदी वाले बिहार में विगत दो दिन में जहरीली शराब के कारण 37 लोग और मारे गए. विगत छः महीनों में 200 से अधिक मौतें हो चुकी है. मुख्यमंत्री, सरकार व प्रशासन भ्रष्ट और विफल है. किसी अधिकारी पर कभी कोई कारवाई नहीं हुई? ये बस ड्रोन/हेलिकॉप्टर उड़ायेंगे.