जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए पीएम मोदी डोडा में रैली को संबोधित किया…इस रैली में पीएम मोदी ने, न सिर्फ लोगों को मोदी की गारंटी दी…बल्कि विपक्ष पर जमकर निशाना साधा…आज इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि क्या है मोदी की गारंटी…? विपक्ष पर कैसा किया है ।
पीएम मोदी की डोडा रैली
- “तीन खानदानों ने जो किया,वो किसी पाप से कम नहीं”
- “पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस”
- “यह चुनाव नौजवानों और इनके बीच”
- “एक खानदान कांग्रेस का है”
- “एक खानदान नेशनल कॉन्फ्रेंस”
- “एक खानदान पीडीपी का है”
“सुरक्षित कश्मीर का निर्माण मोदी की गारंटी है”
पीएम नरेंद्र मोदी ने डोडा में एक चुनावी रैली को संबोधित किया और कहा- हम और आप मिलकर एक सुरक्षित कश्मीर का निर्माण करेंगे। ये मोदी की गारंटी है। इस बार जम्मू-कश्मीर का चुनाव भाग्य तय करने वाला है। आजादी के बाद से ही हमारा प्यारा जम्मू-कश्मीर विदेशी ताकतों के निशाने पर रहा है। इसके बाद इस खूबसूरत राज्य को परिवारवाद ने खोखला करना शुरू कर दिया है। यहां जिन राजनीतिक दलों पर आपने भरोसा किया। उन्होंने आपके बच्चों की चिंता नहीं की। उन दलों ने सिर्फ और सिर्फ अपने बच्चों को आगे बढ़ाया।
परिवारवाद,निशाने पर तीन खानदान
एक तरफ तीन खानदान हैं, दूसरी तरफ सपने लेकर निकल पड़े नौजवान हैं। एक खानदान कांग्रेस का है, एक खानदान नेशनल कॉन्फ्रेंस NC और एक खानदान PDP का है। इन तीन खानदानों ने मिलकर आपके साथ जो किया, वो किसी पाप से कम नहीं है। तीनों खानदान जम्मू-कश्मीर को दशकों तक बर्बादी देने के जिम्मेदार हैं। इन तीन खानदानों ने यहां करप्शन को बढ़ावा दिया। जमीन कब्जा करने वाले गिरोहों को बढ़ावा दिया। छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए आपको तरसाया-तड़पाया गया। सरकारी नौकरियों में सिर्फ उन्हीं को भर्ती किया गया, जो इन तीन खानदानों के खास थे।
तीन खानदान ने तैयार की आतंकवाद के लिए जमीन
आतंकवाद पर मोदी बोले- पुरानी सरकारों में गृहमंत्री तक लालचौक जाने से डरते थे। पीएम ने कहा- जम्मू-कश्मीर में तीन खानदानों ने यहां अलगाववाद और आतंकवाद के लिए जमीन तैयार की। इसका फायदा किसने उठाया। देश के दुश्मनों ने। ये लोग आतंकवाद को इसलिए पालपोस रहे थे ताकि इनकी अरबों-खरबों की दुकान चलती रहे। इनके गुनाहों की वजह से हमारे बच्चों की जान चली गई। ये चंद्रभागा घाटी, ये सालोंसाल चले आतंकवाद के दौर की गवाह रही है। याद करिए वो समय, जब दिन ढलते ही यहां अघोषित कर्फ्यू लग जाता था। सारी दुकानदारी ठप, सारा कामकाज ठप। तब केंद्र सरकार के गृहमंत्री तक लालचौक जाने से डरते थे।
पत्थरबाजों को लेकर पीएम ने कसा तंज
पीएम मोदी बोले- जो पत्थर फेंके जाते थे, उन्हीं पत्थरों से आज का कश्मीर बना यहां आतंकवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। पिछले 10 साल में जम्मू-कश्मीर में जो बदलाव आया है। वो किसी सपने से कम नहीं है। जो पत्थर पहले पुलिस और फोर्स पर फेंकने के लिए उठते थे, उन पत्थरों से नया जम्मू-कश्मीर बन रहा है। ये सबकुछ किसने किया है? ये मोदी ने नहीं किया, ये जम्मू-कश्मीर के आप लोगों ने किया है। आपके इसी विश्वास को आगे बढ़ाते हुए जम्मू-कश्मीर भाजपा ने आपके लिए एक से बढ़कर एक संकल्प लिए हैं।
कश्मीरी पंडितो पर पीए मोदी बोले भाजपा ने कश्मीरी पंडितों के लिए आवाज उठाई कश्मीरी पंडितों पर पीएम ने कहा- तीन दशक से ज्यादा हो गए, इसी दिन हमारे कश्मीरी पंडित टीका लाल टपलू को आतंकवादियों ने शहीद किया था। उनकी हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों के साथ अत्याचार का अंतहीन सिलिसिला चला है। भाजपा ने कश्मीरी पंडितों के लिए आाज उठाई, उनका साथ दिया। कश्मीरी हिंदुओं की वापसी और पुनर्वास के लिए टपलू स्कीम बनाने का काम किया है।
पीएम नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर के डोडा में एक रैली को संबोधित किया। रैली से मोदी चिनाब घाटी के तीन जिलों, डोडा, किश्तवाड़ और रामबन की 8 विधानसभा सीटों के भाजपा उम्मीदवारों के लिए वोट की अपील की। विपक्ष को आड़े हाथों लिया। 18 सितंबर को चुनाव के पहले फेज में इन 8 सीटों सहित 24 सीटों पर वोटिंग होगी। पीएम मोदी यह डोडा रैली। 42 साल के दौरान किसी प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है.। इससे पहले 1982 में इंदिरा गांधी डोडा गई थीं। पीएम मोदी 2014 के विधानसभा चुनाव में किश्तवाड़ तक गए थे.। यह डोडा से लगभग 58 किलोमीटर दूर है।
डोडा में कड़ी सुरक्षा के बीच हुई पीएम की रैली
PM की रैली से पहले डोडा में सुरक्षा के कड़े इंतजाम प्रधानमंत्री मोदी के दौरे और घाटी में हालिया आतंकी घटनाओं को देखते हुए डोडा और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। किश्तवाड़, भदरवाह और डोडा से आने वाली गाड़ियों को डोडा पुल के पास रोक जा रहा है। पूरे इलाके की ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है। स्टेडियम के आस-पास के घरों की छतों पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।
10 साल बाद वोटिंग की बारी
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। 2019 में आर्टिकल-370 हटाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। बता दें जम्मू कश्मीर विधानसभा में 90 सीट हैं। जिनमें 7 अजा के लिए और 9 अजजा के लिए रिजर्व हैं। 90 सीट के लिए तीन फेज में मतदान होगा। पहले चरण में 18 सितंबर को तो 25 सितंबर को दूसरे फेज में और एक अक्टूबर को तीसरे फेज में वोटिंग होगी। जबकि 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित किये जाएंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक यहां 88.06 लाख वोटर हैं।
2014 में बीजेपी ने जीती थी 25 सीट
2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने 28 सीटें, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस NC ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं। भाजपा ने 90 में से 62 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की भाजपा ने जम्मू-कश्मीर की 90 में से 62 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जम्मू संभाग की सभी 43 सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशी उतारे हैं। पार्टी कश्मीर में 47 में से 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।