लोकसभा चुनाव 2024: वेस्ट यूपी से ही पीएम मोदी आखिर क्यों करते हैं चुनाव अभियान का आगाज

PM Narendra Modi Lok Sabha Election 2024 West UP Meerut election start

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर वेस्ट यूपी से लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार का शंखनाद करने जा रहे हैं। विशाल जनसभा में पीएम यहां से उत्तरप्रदेश की 80 लोकसभा सीटों का समीकरण साधेंगे। जनसभा की जगह होगी मोदीपुरम आलू शोध संस्थान और इस बार 2024 आम चुनाव में यह पीएम मोदी की पहली जनसभा होगी। इससे पहले भी नरेन्द्र मोदी दो चुनाव में वेस्ट यूपी से ही चुनाव प्रचार का आगाज कर चुके हैं। साल 2014 आम चुनाव में मोदी ने कहा था मेरठ में छोटी-छोटी बातों पर दंगे हो जाया करते हैं। फिर इसके पांच साल बाद 2019 में उन्होंने पंच दिया मैं चौकीदार हूं। मेरठ में बीजेपी ने अरुण गोविल को प्रत्याशी बनाया है। इसी मेरठ की धरती पीएम मोदी चुनावी ‘बाण’ चलाएंगे। पश्चिम से वह पूरब और पूरे देश में बड़ा न संदेश देंगे।

लोकसभा चुनाव 2014 के वक्त जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को ने देश में अपने पीएम कैंडिडेट के तौर पर लॉन्च किया। साथ ही मोदी वाराणसी संसदीय सीट से भाजपा के टिकट पर कैंडिडेट बनकर मैदान में उतरे। उस समय मोदी ने पहली चुनावी रैली मेरठ से की थी। भाजपा ने उस रैली को विजय शंखनाद रैली नाम दिया था। यह रैली 2 फरवरी 2014 को मेरठ के शताब्दी नगर में हुई थी। शताब्दी नगर में आरएसएस के कार्यालय और बनवासी आश्रम के पास बड़े मैदान में इस रैली को किया गया। पीएम मोदी एक बार फिर मेरठ से लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान का आगाज करने वाले हैं। बता दें यह पहली बार नहीं है जब नरेन्द्र मोदी ने यूपी के पश्चिमी इलाके से सत्ता के संग्राम की शुरुआत करने जा रहे हैं। साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद से ही यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। आखिर इसके पीछे क्या कारण है कि बीजेपी जब चुनाव के रण में उतरती है तो उसे पश्चिम की धरती पसंद आती है और यहीं से ही इसकी शुरुआत होती है। इस बार तो बीजेपी को पश्चिम यूपी में जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी का भी साथ मिल गया है। ऐसे में इसके पीछे एक नहीं कई वजह बताई जा रही है। सबसे खास वजह यही है कि बीजेपी इस बार भी चुनाव में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो यूपी के पश्चिम इलाके में एक मजबूत ताकत के रूप में स्थापित बीजेपी आने वाले चरणों के मतदान के लिए यहीं से एक स्पष्ट संदेश भी देना चाहती है।

पश्चिम यूपी में लोकसभा की सीटों का समीकरण

2014 के चुनाव में मिली थी कामयाबी

राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि सभी को मालूम है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है। उत्तरप्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। पिछले तीन चुनाव को याद करें तो बीजेपी पश्चिमी यूपी से ही लोकसभा के चुनाव के प्रचार को शुरु करती रही है। इस बार भी पहले और दूसरे चरण के मतदान से पहले चुनाव प्रचार का आगाज पश्चिमी यूपी से ही हो रहा है। कहा जा रहा है कि पहली बार जब लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने यूपी के पश्चिमी इलाके से चुनाव प्रचार का आगाज किया था तो उन्हें सफलता मिली थी। अब यहां से वही विश्वास एक बार फिर चुनाव अभियान की शुरुआत करवा रहा है। चर्चा हे कि पश्चिम देश में संदेश जाता है। यह भी वजह हो सकती है जो नरेन्द्र मोदी बार-बार यहीं से चुनाव अभियान का आगाज करते हैं।

कांग्रेस और सपा, बसपा रहीं यहां कभी मजबूत

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिमी यूपी वह क्षेत्र है जहां 2014 से पहले बीजेपी के लिए राजनीतिक माहौल अच्छा नहीं रहा। इस इलाके में समाजवादी पार्टी के साथ बसपा और कांग्रेस की स्थिति उस दौर में मज़बूत रही थी। लेकिन साल 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद पश्चिम यूपी में परिस्थितियां बदलने लगी। बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने उस समय कैराना के साथ ही पश्चिम यूपी के जिलों में डेरा डाला। शाह ने कैराना और मुजफ्फरनगर समेत पश्चिम यूपी में लगातार ताबड़तोड़ दौरे किए। ​अमित शाह ने घर-घर जाकर लोगों से संपर्क साधा। जिसका लाभ बीजेपी को 2014 के आम चुनाव में मिला। 2014 के चुनाव में तमाम विपक्षी दलों को मोदी लहर के सामने खासा सियासी नुकसान उठाना पड़ा। उस समय भी नरेन्द्र मोदी ने पश्चिमी यूपी से ही लोकसभा के चुनाव का शंखनाद किया था। इसके बाद तो नरेन्द्र मोदी चाहे विधानसभा का चुनाव हो या लोकसभा का, प्रचार की शूरुआत वेस्ट यूपी से ही करते है।

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