नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी गुरुवार 9 फरवरी को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देने पहुंचे। विपक्ष के भारी हंगामे के बीच भाषण जारी रखते हुए उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा, 60 साल कांग्रेस के परिवार ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे। हो सकता है उनका इरादा न हो, लेकिन उन्होंने किए। जब वे गड्ढे खोद रहे थे, 6 दशक बर्बाद कर चुके थे. तब दुनिया के छोटे-छोटे देश भी सफलता के शिखरों को छू रहे थे।
- मोदी का भाषण शुरू होने से पहले ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया
- पीएम ने कहा- सदन में जो भी बात होती है, उसे देश गंभीरता से सुनता है और गंभीरता से लेता है, लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों की वाणी न सिर्फ सदन को, बल्कि देश को निराश करने वाली है
- मोदी बोले- यही कहूंगा कि कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल, जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल
- पीएम बोले कि जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा, कमल खिलाने में प्रत्यक्ष या परोक्ष आपका जो भी योगदान है, इसके लिए मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं
विकास पर बात की, आंकड़े गिनाए
पीएम बोले- कोई भी जब सरकार में आता है वह देश के लिए कुछ वादा करके आता है लेकिन सिर्फ भावनाएं व्यक्त करने से बात नहीं बनती है। विकास की गति क्या है, विकास की नींव, दिशा, प्रयास और परिणाम क्या है यह बहुत माएने रखता है। मोदी ने कहा कि आज जनधन, आधार और मोबाइल ये त्रिशक्ति हैं। इनसे पिछले कुछ वर्षों में 27 लाख करोड़ रुपये DBT के माध्यम से सीधा हितधारकों के खातों में गए हैं।
खड़गे के बहाने कांग्रेस पर निशाना
प्रधानमंत्री ने कहा- खड़गेजी शिकायत कर रहे थे कि मोदीजी बार-बार मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं। मोदीजी कलबुर्गी आ जाते हैं। हालांकि, शिकायत करने से पहले ये भी देखो कि कर्नाटक में 1 करोड़ 70 लाख जनधन अकाउंट खुले हैं। उन्हीं के इलाके में 8 लाख से ज्यादा ऐसे खाते खुले हैं।
- पीएम बोले- इतने खाते खुल जाएं, लोगों को ताकत मिल जाए और किसी का इतने सालों के बाद खाता बंद हो जाए तो उनकी पीड़ा मैं समझ सकता हूं
- मोदी ने कहा- बार-बार उनका दर्द झलकता है, यहां तक कह देते हैं कि एक गरीब को हरा दिया, जनता आपका खाता बंद कर रही है और आप रोना यहां रो रहे हो
हमारा लक्ष्य हर व्यक्ति तक पहुंचना
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में कहा कि जब सरकार की मशीनरी का लक्ष्य हर व्यक्ति तक पहुंचने का हो, तो भेदभाव पहुंच ही नहीं सकता। हम देश को विकास का नया मॉडल दे रहे हैं, देश हमारे साथ है। कांग्रेस को बार बार देश नकार रहा है, लेकिन कांग्रेस और उसके साथी साजिशों से बाज नहीं आते हैं। जनता देख रही है और हर मौके पर सजा भी देती है।
- देश की आजादी का इतिहास आदिवासियों के योगदान की स्वर्णिम पृष्ठ से भरा हुआ है, लेकिन दशकों तक आदिवासी भाई विकास से वंचित रहे
- कांग्रेस ने नेक नीयत से काम किया होता, तो आज 21वीं सदी के तीसरे दशक में मुझे इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती
- अटल बिहार वाजपेयी की सरकार में आदिवासियों के लिए मंत्रालय बना, अलग बजट बना, हमने 110 जिलों को आंकाक्षी जिलों के रूप में चिह्नित किया
- 3 करोड़ से ज्यादा आदिवासियों को सीधा लाभ मिला है, इस साल 1 लाख 20 हजार करोड़ का प्रावधान किया है
- हमने 500 नए एकलव्य मॉडल स्कूल शुरू किए हैं और ये चार गुना ज्यादा बढ़ोतरी है
तुष्टीकरण को खत्म करना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले, हमने सैचुरेशन का रास्ता चुना अर्थात शत प्रतिशत लाभार्थी को लाभ पहुंचे। सरकार इस राह पर काम कर रही है। सैचुरेशन का मतलब होता है भेदभाव की सारी गुंजाइश खत्म करना। यह तुष्टीकरण की आशंकाओं को खत्म कर देता है। अपनी उपबल्धि गिनाते हुए पीएम बोले- गांवों में बिजली नहीं थी। दूरदराज के गांव थे, नॉर्थ ईस्ट के गांव थे। पहाड़ी गांव थे। इनके वोट बैंक नहीं थे तो इन्होंने बिजली पहुंचाने पर ध्यान नहीं दिया। हमने 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई। हमने मेहनत की है।
पहले की सरकारों में कुछ घंटे बिजली आती थी। हम आज 22 घंटे बिजली देने में सफल हुए हैं। राजनीतिक फायदे-घाटे की बात नहीं सोची, देश का कल उज्ज्वल बनाने का रास्ता चुना। मेहनत का रास्ता चुना।
प्रधानमंत्री ने अडाणी के मसले को छुआ भी नहीं। वह उस पर कुछ नहीं बोले।