प्रेम की प्रतिज्ञा हैं राधा कृष्ण। संपूर्ण सृष्टि के आधार बिंदु हैं राधा कृष्ण। प्रेम को मापने का पैमाना और पवित्रता मर्यादा तो जगत में प्रेम की पराकाष्ठा और परिभाषा हैं श्री राधा कृष्ण। कृष्ण के इसी प्रेम के सहारे मथुरा, वृंदावन और बरसाना यानी पूरी ब्रजभूमि टिकी है। लेकिन इस समय एक संवाद के चलते संतों में संग्राम छिंड़ गया है। संग्राम के बीच केंद्र बिंदु भी हैं मां राधा रानी। जिन पर बयान दिया है पंडित प्रदीप मिश्रा ने, जिसे तूल दिया जा रहा है।
श्री राधा का नाम… संत महंतों में मचा संग्राम
संतों में यह संग्राम उस समय शुरू हुआ जब पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा के दौरान मां राधारानी के मायके पर सवाल उठा दिया। प्रदीप मिश्रा ने कहा कि राधारानी बरसाना की नहीं रहने वाली थीं। प्रदीप मिश्रा ने कहा कि श्री कृष्ण की पत्नियों में राधा का नाम नहीं है। राधा जी के पति का नाम अनय घोष है। उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। उन्होंने कहा कि राधा जी की शादी छात्रा गांव में हुई थी।
बढ़ सकती हैं पं-प्रदीप मिश्रा की मुश्किलें
अब कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। उनकी ओर से राधारानी पर दिया गया बयान उनके लिए मुसीबत का कारण बन गया है। प्रदीप मिश्रा से नाराज मथुरा के संतों और धर्माचार्यों ने तो पंडित प्रदीप मिश्रा को दंडित करने के लिए महापंचायत की शुरूआत कर दी है। मथुरा-वृंदावन के संत-धमाचार्यों ने पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ महापंचायत का ऐलान किया है। इस महापंचायत में संत-महंत पंडित मिश्रा के लिए सजा का ऐलान करेंगे। कुछ समय पहले विरोध स्वरूप में इंदौर में मिश्रा का पुतला भी जलाया गया था। मिश्रा के बयान सबसे पहले संत प्रेमानंद जी महाराज ने आपत्ति जताई थी। संत प्रेमानंद महाराज ने गुस्से में यहां तक कह दिया कि पंडित प्रदीप मिश्रा किसी काम के नहीं रहेंगे। ऐसी बात सुनकर पुरखे तर नहीं जाएंगे, वो नरक जाएंगे।
बरसाना में राधा रानी मंदिर में दर्शन नहीं करने देंगे!
दरअसल पं.प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में कहा था- राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह सालभर में एक बार आती थीं। यह बयान सामने आने के बाद सबसे पहले प्रेमानंद महाराज ने इसका विरोध किया। वहीं बरसाना में आयोजित संतों की महापंचायत में निर्णय लिया है कि पंडित प्रदीप मिश्रा माफी मांगे नहीं तो बरसाना में राधा रानी मंदिर में दर्शन नहीं करने देंगे।