पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद नई सरकार के गठन पर अनिश्चिता बरकरार है। किसी भी पार्टी को यहां बहुमत हासिल नहीं हुआ है। हालांकि इस बीच इमरान खान की पार्टी ने दावा किया कि नेशनल असेंबली में उनकी पार्टी ने 170 सीट जीत ली हैं। ंइसलिए राष्ट्रपति पीटीआई को ही सरकार बनाने का न्यौता देंगे। वहीं दूसरी तरफ नवाज शरीफ भी पाकिस्तान में फिर से सरकार बनाने का दम भरते नजर आ रहे हैं। इस बीच 3 निर्वाचित निर्दलीय सांसद नवाज शरीफ की पार्टी का समर्थन करने की घोषणा कर चुके हैं। उधर पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो का कहना है कि पीएमएलएन से सरकार के गठन को लेकर कोई बात नहीं हो रही है। हालांकि उनके दावे पर ही सवाल उठ रहे हैं।
- साधारण बहुमत के लिए 336 में से 169 सीट जरुरी
- पाकिस्तान में गुरुवार को कराए गए थे चुनाव
- पाकिस्तान चुनाव आयोग ने 265 में से 255 सीट पर परिणाम घोषित किये
- इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ ने 93
- पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज पीएमएल एन ने 73
- पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी पीपीपी ने 54 सीट जीतीं
- मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट एमक्यूएम ने 17 सीट पर दर्ज की जीत
- अन्य 11 सीटों पर छोटे दलों को जीत मिली
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में करीब 336 सीटें हैं। इनमें से 265 सीटों पर चुनाव कराए गए। एक सीट पर चुनाव टाल दिए गए हैं। जबकि एक सीट के नतीजों को खारिज कर दिया गया है। यहां आगामी 15 फरवरी को फिर से मतदान होग। बाकी 70 सीटें रिजर्व रखी गईं हैं। दरअसल पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 134 सीटों पर बहुमत होना जरूरी है। पाकिस्तान में मुख्य रूप से तीन पार्टियों के बीच चुनावी मुकाबला है। इनमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी शामिल हैं।
जरदारी और शहबाज शरीफ ने बैठक की
इस असमंजस के बीच नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन की नेता मरियम औरंगजेब ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा शहबाज़ शरीफ़ और आसिफ़ ज़रदारी के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है। हालांकि इस बैठक में कोई आखिरी निर्णय नहीं हो सका है। आगे बात करने पर सहमति बनी है। आसिफ़ ज़रदारी निश्चित रूप से अपनी पार्टी के नेताओं से परामर्श करेंगे।
कई सीटोें पर फिर से होगा मतदान
वहीं पाकिस्तान चुनाव आयोग ने आतंकवादियों के चलते हुए व्यवधान के बाद 25 सीटों पर फिर से मतदान कराने का आदेश दिया हैै। दरअसल पाकिस्तान चुनाव परिणाम में इस बार खंडित जनादेश दिया है। जिससे त्रिशंकु विधानसभा के लिए रास्ता बना रहा है लेकिन मैदान में पार्टियां चुनाव के बाद की रणनीति तैयार करने में जुटी हैं। हालांकि पाकिस्तान में नेशनल असेंबली और प्रांतीय चुनाव के लिए वोटिंग खत्म होने के बाद करीब 60 घंटे से भी अधिक का वक्त गुजरने के बाद भी पूरे नतीजे नहीं आ पाए हैं। अब तक आए नतीजों में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है।जेल में कैद इमरान की पार्टी और बिलावल की पार्टी ने कई सीटों पर धांधली के आरोप लगाए हैं।
257 सीट पर हुई नतीजों की घोषणा
पहले इमरान समर्थक करीब 100 सीटों पर जीते बताए गए थे। पाक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इनमें से 92 लोग ही इमरान की पार्टी से जुड़े हैं। इन्हीं ने पहले इमरान की पार्टी से नामांकन दर्ज कराया था जो कैसिंल हो गया था। उसके बाद वो निर्दलीय लड़े थे। जियो न्यूज की एक रिपोर्ट पर भरोसा करें तो पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने मतदान सामग्री छीनने और उसे क्षतिग्रस्त करने की शिकायतों को गंभीरता से लते हुए पुष्टि के के बाद देश भर के कई मतदान केंद्रों पर फिर से चुनाव कराने का आदेश दिया है। कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद ईसीपी ने आठ फरवरी को सफलतापूर्वक राष्ट्रव्यापी चुनाव कराए।
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला का बयान
पाकिस्तान की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने चुनाव को लेकर कहा है कि उनके देश को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की आवशयक्ता है उन्होंने निर्वाचित अधिकारियों से मतदाताओं के फैसले को स्वीकार करने का आग्रह किया है। 26 वर्षीय मलाला को 2014 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा पाकिस्तान को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की आवश्यकता है जिसमें वोटों की गिनती में पारदर्शिता और परिणामों के लिए सम्मान शामिल है। उनका मानना है कि आज भी हमेशा की तरह हमें मतदाताओं के फैसले को गरिमा के साथ स्वीकार करना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि हमारे निर्वाचित अधिकारी, चाहे वे सरकार में हों या विपक्षी दलों में पाकिस्तान के लोगों के लिए लोकतंत्र और समृद्धि को प्राथमिकता देंगे।