जनआशीर्वाद यात्रा की तरह विकास यात्रा का विरोध शुरु, किसानों ने कहा जमीन के दलाल निकाल रहे हैं ‘विकास यात्रा’

Opposition to Vikas Yatra

vikas yatra madhya pradesh:मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की वैतरणी पार करने के लिए एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विकास यात्रा पर निकले हैं। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले हर गांव में विकास यात्रा निकाली जा रही है। विधानसभावार निकलने वाली विकास यात्रा के दौरान सरकार की योजनाओं का बखान किया जा रहा है। बीजेपी सरकार की ओर से निकाली जा रही इस विकास यात्रा का विरोध भी शुरु हो गया है। कांग्रेस तो प्रदेश भर में विरोध कर ही रही है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने विकास यात्रा को विनाश यात्रा करार दिया है। वहीं गांव और शहरों में भी विकास यात्रा निकाल रहे बीजेपी के जनप्रतिनिधियों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कहीं बहिष्कार तो कहीं विकास यात्रा को गांव न घुसने देने की धमकी दी जा रही है। देवास, खंडवा, बालाघाट सहित कई जिलों में विकास यात्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरु हो गए हैं। बता दें इसी तरह कभी जन आशीर्वाद यात्रा का भी जमकर विरोध किया गया था।

पहले ही बना ली थी विरोध की रणनीति

खंडवा विधानसभा के गांवों में पहुंचने से पहले ही यात्रा का विरोध भी शुरू हो गया है। रविवार को जनपद पंचायत में सरपंचों ने बैठक कर यात्रा को लेकर आक्रोश जताया। सरपंचों का कहना था कि 8 माह से गांवों में एक भी विकास कार्य नहीं हुए है। ऐसे में विकास यात्रा के दौरान ग्रामीणों को क्या मुंह दिखाएंगे। जनपद पंचायत खंडवा अंतर्गत आने वाली सभी पंचायतों के सरपंच, सचिवों को एसडीएम द्वारा निर्देश जारी कर गांव में यात्रा के दौरान स्वागत, लोकार्पण, भूमिपूजन कार्यक्रम आयोजित कराने को कहा गया है। रविवार को करीब 25 से ज्यादा गांवों के सरपंच जनपद पंचायत पहुंचे और बैठक की। सरपंचों का कहना था कि तालाब, स्टापडेम, चेकडेम, सड़क निर्माण जैसे कई काम बंद पड़े है। आठ माह से पंचायतों के खातों में एक रुपए भी नहीं आया है। विकास के नाम पर एक काम भी उनके खाते में दर्ज नहीं है। अब विकास यात्रा के नाम पर खर्च भी पंचायत के खाते में जोड़ा जा रहा है। मूलभूत सुविधाएं भी वे ग्रामीणों को उपलब्ध नहीं करा पा रहे है। मनरेगा में भी कोई काम नहीं हो रहे है।

खंडवा विधायक देवेन्द्र वर्मा का विरोध

विकास यात्रा के शुभारंभ पर विधायक देवेंद्र वर्मा ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज भरतकर को भी खुली चुनौती दी। एक दिन पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष भरतकर ने विधायक देवेंद्र वर्मा के कार्यकाल को विनाश काल बताया था। इस पर विधायक वर्मा ने मंच से कहा कि 70 सालों में जो कार्य नहीं हुआ। वह हमने 15 वर्षों में करके दिखाया है और जिस गांव में कांग्रेस अध्यक्ष रहते हैं। जहां सड़क नहीं थी। वहां सड़क भी मैंने ही बनवाई है। मैं चुनौती देता हूं कि एक मंच पर आ जाए फिर हम बताएंगे कि हमने क्या विनाश कार्य किया है।

हाटपिपलिया विधायक को बताया जमीनों का दलाल

देवास हाटपिपल्या विधानसभा के ग्राम शिप्रा से रविवार को बीजेपी सरकार व हाटपिपलिया विधायक मनोज चौधरी द्वारा निकाली गई विकास यात्रा के शुभारंभ पर लेंड पुलिंग योजना को निरस्त कराने को लेकर किसानों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया। हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र में विकास यात्रा का 32 गांव के किसान विरोध कर रहे हैं। विधायक को जमीनों का दलाल तक कहा गया और विधायक मनोज चौधरी मुर्दाबाद के नारे लगाया गए। किसान व कांग्रेस नेता विश्वजीत सिंह चौहान ने किसानों के समर्थन में उनके साथ खड़े रहे सम्बोधित करते हुए इस यात्रा को किसान विनाश यात्रा बताया। विधायक रुके तक नहीं ना किसानों से बात की।

बालाघाट में विकास यात्रा के विरोध में अर्धनग्न प्रदर्शन

आदिवासी बाहुल्य बालाघाट जिले में सरपंच संघ और जनपद सदस्य संघ ने संयुक्त रूप से जिला प्रशासन को मांगों का निराकरण नहीं करने पर विकास यात्रा विरोध, बहिष्कार और तालाबंदी की चेतावनी ज्ञापन दिया। जहां सरपंच संघ ने पूर्व में ही मांगों के निराकरण नहीं होने पर विकास यात्रा का बहिष्कार करने की चेतावनी दी। जनपद सदस्यों ने भी विकास यात्रा विरोध करने का ऐलान कर दिया है। बालाघाट सरपंच संघ जिलाध्यक्ष वैभव सिंह बिसेन ने बताया कि पंचायतों में मनरेगा कार्यों में एनएमएमएस को लेकर विगत 11 जनवरी को जिलास्तर और 31 जनवरी को भोपाल में सरकार से एनएमएमएस सहित अन्य सरपंचो से जुड़ी मांगों के निराकरण का ज्ञापन दिया था। जिसके 5 फरवरी तक निराकरण नहीं होने पर तालाबंदी की चेतावनी दी गई थी लेकिन सरकार के रवैये से नहीं लगता कि वह सरपंचों के हित में कोई काम कर रही है, जिससे नाराज राष्ट्रीय और प्रदेश संगठन के आव्हान पर 5 फरवरी से पंचायत में तालाबंदी और कलम बंद हड़ताल का ऐलान किया गया है।

सरपंच बोले विकास यात्रा को गांव में घुसने नहीं देंगे

नरेगा के निर्माण कार्यों में श्रमिकों की ऑनलाइन हाजिरी का सरपंचों ने प्रदेश भर में खुला विरोध शुरू कर दिया है। गुस्साए सरपंचों ने कहा कि उनकी मांग नहीं मानी गईं तो विकास यात्राओं के कारिंदों को पंचायत में नहीं घुसने दिया जाएगा। बत दें रविवार को मुरैना अंबाह में सरपंच संघ ने जनपद कार्यालय में विकास यात्रा के विरोध में जमकर नारेबाजी की। सरपंचों ने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन जनपद सीईओ को दिया। ज्ञापन में सरपंचों ने कहा कि वह विकास यात्रा का विरोध कर रहे हैं। सरपंच संघ के अध्यक्ष कमल सिंह तोमर ने कहा कि हम सभी को सात माह सरपंच बने हो चुके हैं लेकिन अभी तक सरपंच अपनी पंचायत में कोई भी काम नहीं करवा पा रहे हैं। 15वें वित्त की राशि का आहरण रुका हुआ है। मोनू तोमर ने कहा कि पुरानी पंचवर्षीय योजना का पैसा भी रुका है। पंचायत मनरेगा में काम नहीं करा पा रही ऐसे में हम लोगों को सरपंच किस लिए बना गया है। वहीं सबलगढ़ में भाजपा सरकार की विकास यात्रा का सरपंच संघ ने विरोध किया है।

कमलनाथ बोले-यात्रा के नाम पर लुटा रहे जनता का पैसा

उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ओर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विकास यात्रा पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा है कि यात्राओं, आयोजनों, अभियानों व सम्मेलनों के नाम पर प्रदेश के खजाने के करोड़ों रुपये लुटा चुके प्रदेश के आयोजन प्रेमी मुख्यमंत्री शिवराज चुनावी वर्ष को देखते हुए 5 फरवरी से एक और विकास यात्रा निकाल रहे हैं। एक बार फिर इस यात्रा के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपये लुटाये जायेंगे। करोड़ों रुपये, इसके प्रचार-प्रसार से लेकर यात्रा के नाम पर लुटा दिये जायेंगे। यह यात्रा, चुनावी वर्ष में भाजपा के प्रचार-प्रसार की यात्रा है। इसलिये इस यात्रा के लिये सरकारी धन व संसाधन का उपयोग, पूरी तरह से जनता के पैसे की बर्बादी व नियम विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जानना चाहती है कि आखिर शिवराज सिंह ने अब के अपने शासनकाल में क्या विकास किया है। शिवराज ने प्रदेश का विकास और जनता के लिये यदि काम किये होते तो उन्हें यात्रा निकालने की आवश्यकता ही नहीं पड़ना चाहिये थी।

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