राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त ‘आम आदमी पार्टी’इन दिनों जिस हाल में है वो काफी चौंकाने वाला है। पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार भाजपा के खिलाफ आग उगलते रहे हैं। जगह जगह चुनावी सभाएं करते हैं लोगों को मुफ्त की रेवड़ियां बांटने का प्रयास करते हैं फिर भी लोग बहकाबे में नहीं आते हैं। इसके बाद भी जब चुनावी परिणाम आते हैं तो सारे प्रयास धरे के धरे रह जाते हैं। ऐसे में आप को लगने लगा है कि कोई नया दांव निकाला जाए जिससे विरोधियों को मात दी जा सके।
आप के मंसूबे नहीं हो रहे पूरे
आम आदमी पार्टी काफी दमखम से अपने प्रत्याशी मैदान में उतारती है। उसे लगता है कि दिल्ली का फॉर्मूला हिट हो जाएगा। जैसे ही परिणाम आते हैं तो सभी वादों की हवा निकल जाती है। कर्नाटक और गुजरात में कुछ इसी तरह का हाल हुआ है।जहां पार्टी को मतदाताओं ने बुरी तरह नकार दिया है। इतनी बुरी हार हुई कि आम आदमी पार्टी अब मुंह छिपाते फिर रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी के बड़े नेता इस पर खुलकर बोलने से बच रहे हैं।
कर्नाटक में जमानत भी नहीं बचा पाई आप
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने वाली आप ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशियों को चुनावी रण में उतारा था। कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटों में से 209 पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। लेकिन जब परिणाम आए तो सभी सपने चकनाचूर हो गए। चुनाव आयोग के मुताबिक कर्नाटक में नोटा को 0.69 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि आम आदमी पार्टी को महज 0.59 प्रतिशत वोट ही हासिल हो पाए हैं। जबकि यहां खुद अरविंन्द केजरीवाल ने चुनाव प्रचार किया और लोगों को मुफ्त में बिजली,पानी और लोन माफी जैसे कई वादे किए इसके बाद भी मतदाताओं पर कोई असर नहीं हुआ। परिणाम ये हुआ कि कर्नाटक में आम आदमी पार्टी को मतदाताओं ने नकार दिया। कुल मिलाकर आप को एक प्रतिशत भी वोट नहीं मिले। कुल सवा दो लाख वोट पर ही आप को संतोष करना पड़ा। जिसके साथ ही सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
224 सीटों में से 209 पर उतरे थे आप के उम्मीदवार
कर्नाटक में आम आदमी पार्टी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रही थी। इसी उम्मीद और विश्वास के चलते पार्टी ने 224 विधानसभा सीटों में से 209 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से 15 सीटों पर कांटे की टक्कर मानी जा रही थी। पार्टी को लग रहा था कि इन सीटों पर ज्यादा से ज्यादा सफलता मिलेगी। लेकिन सबकुछ उल्टा ही हुआ।
कई राज्यों में आप की हो चुकी है फजीहत
गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी कुछ इसी तरह का हाल आम आदमी पार्टी का हुआ था। जहां पार्टी जमानत भी नहीं बचा पाई थी। गुजरात में 2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के 181 में से 128 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। इसी तरह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी आप के ज्यादातर प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। हाल में उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में भी आप पार्टी ने कुल 4,442 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। जिसमें से 3,522 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में आप के 67 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी।