पीएफआई का कनेक्शन तलाश रही एनआईए,देश के कई राज्यों में छापामार कार्रवाई

PFI connection

एनआईए ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है। बताया जाता है कि एनआईए ने उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में 20 से ज्यादा ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की है। दरअसल एनआईए को जानकारी मिली थी कि पीएफआई एक बार फिर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपनी जमीन मजबूत करने में जुटा है। ऐसे में एनआईए ने उसकी कमर तोड़ने के लिए यह कार्रवाई की है।

PFI पर NIA का बड़ा एक्शन
उप्र, बिहार सहित 20 ठीकानों पर कार्रवाई
देश विरोधी गति​विधियों को अंजाम देने की सूचना
PFI के कई ओवर ग्राउंड वर्कर हैं सक्रिय
देश विरोधी गतिविधियों में बढ़ा रहे अपना कदम
प्रतिबंध लगने फिर सक्रिय हुआ संगठन

मोतिहारी और दरभंगा पहुंची टीम

बता दें एनआईए की टीम बिहार के मोतिहारी और दरभंगा में छापेमारी कर रही है। मोतिहारी के चकिया अनुमंडल के कुआवा गांव में सज्जाद अंसारी के ठीकाने पर एनआईए की टीम ने दस्तक दी और छापे की कार्रवाई शुरू की। बता दें एनआईए ने इसके लिए स्थानीय पुलिस का भी सहयोग लिया है। इसके बाद छापे की कार्रवाई शुरू की। बताया जाता है कि पिछले कई दिनों से एनआईए यहां नजर रखे है। इस इलाके से गिरफ्तार शख्स इरशाद की निशानदेही और मिली अहम जानकारी के बाद यह छापामार कार्रवाई की गई है।

डेंटिस्ट के ठीकाने पर छापेमारी

दरभंगा में भी एनआईए की स्पेशल टीम ने दरभंगा नगर थाना क्षेत्र के उर्दू बाजार स्थित दंत चिकित्सक डॉक्टर सारिक रजा के साथ सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के शंकरपुर गांव में महबूब के ठीकानों पर छापामार कार्रवाई की है। सुबह लगभग करीब 4 बजे से एनआईए टीम सक्रिय हो गई थी। इसके बाद से ही यह कार्रवाई चल रही है।

देश के 15 प्रदेश में PFI सक्रिय

जानकारी के अनुसार इस समय पीएफआई देश के करीब 15 प्रदेशों में सक्रिय है। जिसमें दिल्ली के साथ ही असम, आंध्र,प्रदेश, बिहार, झारखंड, केरल, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, राजस्थान, तेलंगाना और तमिलनाड में एक्टिव है।

इस तरह हुई PFI की शुरुआत

वहीं पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI को लेकर कहा जा रहा है कि 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठन एक होकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के रुप में सामने आए थे। जिसमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई और कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी साथ आए। PFI की ओर से खुद को गैर-लाभकारी संगठन बताया जाता रहा है।
हालांकि PFI में कितने सदस्य हैं इसकी जानकारी संगठन ने कभी जाहिर नहीं होने दी।

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